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Showing posts from January, 2017

#I_Support_Jallikattu

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जल्लीकट्टू के ऊपर बैन लगाने का साजिश इस तरह से है------ ◆(SCROLL Down for English). . 1) एक यूरोपियन समिति ने यूरोपियन दूध को ए ग्रेड का एवं भारतीय गायों के दूध को बी ग्रेड का डिक्लेअर किया था (वास्तव में ये उल्टा है). इस निर्णय से यहाँ के गायों के दूध के निर्यात पर नकारात्मक एवं यूरोपियन दूध के निर्यात पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा.  . 2) विदेशी दूध का भारत में आयात, शुरू में काफी कठिन था, क्यूंकि, लगभग सभी गावों में लोगों के यहाँ गायें होतीं थीं, जिससे दूध की आवश्यकता पूरी हो जातीं थीं. जिससे, कि कोआपरेटिव मिल्क डेपो तक दूध पहुँचाया जाता था, जहाँ से कि ये दूध सरकारी एजेंसीज एवं प्राइवेट मिल्क विक्रेताओं तक पहुच जाता था. . 3) गांवों में गायों की उच्च नस्लों को बनाए रखने एवं उनके संवर्धन के लिए, इनकी ब्रीडिंग उच्च गुणवत्ता वाले बुल्स से कराए जाते हैं, जिसके लिए, jallikattu खेल का आयोजन होता था.  . 4) बुल्स को मजबूत एवं स्वस्थ बनाने के लिए, इन्हें, उच्च गुणवत्ता वाले खाद्यान्नों को खिलाया जाता था, जिसके लिए धन की आवश्यकता होती थी. बुल्स के मालिक , इसके लिए गांवों के लो

देश के टुकड़े होने के समर्थकों को मार डालना चाहिए !!

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क्या खालिस्तान की डिमांड करने वाले लोगों, युवाओं,पार्टी के लोगों का कूच कूच कर कत्ल नही किया जाना चाहिए? बिलकुल !! ये मेरा उत्तर है !! ऐसा ही, अन्य हिस्से मांगने वालों के प्रति होना चाहिए !! आम आदमी पार्टी अलगाववादी है, लेकिन पढ़े लिखे कि नजर में वो देशभक्त पार्टी है, अगर कोई राष्ट्रीय एक जुटता की बात करे तो देशद्रोही !! . इसका सीधा सा मतलब है कि उनका देश कोई अन्य देश है, जो विश्व-माफिया से समर्थित है , ना कि यहाँ, जहाँ से ये उपजे हैं !! इन लोगों को तो कीलों में चुभा कर मार ड ाला जाना चाहिए . . अब आगे पढ़िए कि wahan akhir क्या चल रहा है. मैंने पंजाब में अपनी आंखों से जो देखा, वह मुझे अंदर तक डरा गया! सिख भाई आगामी चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग सोच-समझ कर करें! अभी कुछ समय पूर्व मैं पंजाब गया था। अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास की दुकानों पर भिंडरावाले की तस्वीर वाली टी-शर्ट धड़ल्ले से बिकता देख बहुत आश्चर्य हुआ! जिसने पंजाब को आतंकवाद की आग में झोंका, उस भिंडरावाले की तस्वीर वाली टी शर्ट वहां के सिख युवाओं को पहने देखकर बड़ा डर लगा! पत्रकरिता का दिमाग था, बिना पूछताछ किए कैसे रह

वर्ण व्यवस्था कर्मगत है जन्मगत नहीं, ये ऋग्वेद का पुरुष-सूक्त बतलाता है !!

ऋग्वेद के पुरुषसूक्त में, परम पुरुष के चरणों से शूद्रों, जाँघों से वैश्य, भुजाओं से क्षत्रिय एवं मुख से ब्राह्मण को उत्पन्न बताया गया है. इसी तरह से उसी विराट पुरुष के मस्तक से द्यू लोक, नाभि से आकाश एवं चरण से इस पृथ्वी लोक कि उत्पत्ति हुई है. . इन श्लोकों का ये मतलब नही बताया गया है कि, कोई वर्ण उच्च हुआ और कोई वर्ण निम्न हुआ, अगर मनुष्यों के उच्च-नीच की लोलुपता इस दुनिया में मानी ही जानी होती तो पृथ्वी भी अछूत मानी जानी चाहिए. . ये उंच नीच का जन्म मनुष्यों से अपने स्वार्थ-सिद्धि के लिए किया है. न कि भगवान ने उन्हें जन्मसिद्ध अधिकार दिया है. इन श्लोकों के बाद सभी वर्णों का कर्तव्य भी बताया है, लेकिन इन्हें जानने से पहले ही मानव अपने स्वार्थ-सिद्धि और स्वार्थ पूर्ती में ऐसा उलझा कि पुरुष सूक्त एवं इसके बाद के श्लोकों का कोई मतलब ही नही है. . भगवान ने भी सोचा होगा कि किसे उपदेश दे दिया !! भगवद्गीता के तीसरे अध्याय में कर्मयोग एवं चौथे अध्याय तथा १६-१८ अध्याय तक सभी तरह के मानवों के कर्मों, गुणों, सभी वर्णों के बारे में एवं कर्मयोग के बारे में बताया है, कहीं पे भी जन्म आधारित आजीवि

भविष्य पुराण में महा-मद नाम के व्यक्ति के बारे में कुछ बताया है !! पैशाचिक धर्म की स्थापना या धर्म की स्थापना?

हमारे भविष्य पुराण में शुरूआती अध्याय में भविष्यवाणी की गयी है महा-मद नाम के व्यक्ति के बारे में, स्थान पता सब लिखा हुआ है. ये व्यक्ति इस धरती पे पैशाचिक धर्म की स्थापना करेगा, जिसके बारे में सब कुछ ठीक वैसे ही जैसा रहन सहन मुस्लिमो के तरह है, अर्थात महा-मद मतलब महा-मतलबी धर्म एवं कृत्यों की स्थापना करने वाला. इसका वर्णन का मतलब ये थोडा ही न हुआ कि महा-मद कोई भगवान है !! . इसको अजीब अजीब नाम दिया है भविष्य पुराण में. लिंगो-च्छेदी इत्यादि. महा-मद अर्थात - मजबूत लीक में हाथी, अत्यधिक या हिंसक लीक, मादकता and नशा. इसका जन्म-कुंडली भी यही बताता है. आप किसी एक्सपर्ट पंडित को पूछियेगा. . कई शांतिप्रिय विशेष लोग इस पक्ष में मजबूत एवं दृढ विचारधारा के हैं कि नहीं, इन लोगों में तो कई अच्छी बातें भी हैं, लेकिन, सौ में पांच बात जनता की भलाई के लिए हों तो, वो धर्म नहीं माना जा सकता. अधिकतर कुरआन का उद्धरण देने वाले झूठ बोलते हैं, क्यूंकि पुराण एवं वेद में कभी n झूठ का सहारा लिया गया है और n इसे कहीं पे सराहा गया है. बलि प्रथा का भी अन्य मतलब है, आज के बलि की तरह नही है. खैर.... प्रथ्वी पे अप

क्या २०३० में सत्ययुग आएगा? श्री मदभागवद महापुराण क्या कहता है?

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◆सत्ययुग का प्रारंभ कब होता है? क्या २०३० में या इसके आसपास सत्ययुग आएगा, जैसा की कुछ विद्वतजनो का मत है ? सत्ययुग आता कब है? ग्रहों की क्या स्थिति होती है उस समय? कुछ वैज्ञानिक समुदाय ये घोषणा करते हैं, कि प्रलय आने वाला है, क्या ये काल-गणना के हिसाब से वर्तमान कलयुग के लिए सच है? नहीं, बिलकुल नहीं !! ये वैज्ञानिक लोग झूठ बोल रहे हैं, बल्कि ये कहें कि ये लोग एक समस्त मानव-समुदाय को किसी मशीनी दुर्घटना द्वारा नष्ट कर, एक नयी प्रकाती कि बेमारी एवं अत्यंत नीच राजनीति तथा अर्थ-पिशाचों के मतलब के लिए किये जाने वाले एक सुनियोजित छल है, न कि किसी किस्म का प्रलय आएगा अभी !!. ◆अब देखिये कि सत्ययुग कब आता है?  जिस समय सूर्य, चन्द्र और बृहस्पति एक ही समय एक ही साथ पुष्य नक्षत्र के प्रथम पल में प्रवेश करके एक राशि पर आते हैं, उसी समय सत्ययुग का प्रारंभ होता है. ये स्थिति नक्षत्र मंडल में बनने के लिए काफी समय लगता है. कोई हजार वर्षों में नहीं होता है. काफी रेयर केस है... ◆अतः जैसा कि दुष्ट एवं स्वार्थी व लुटेरों के रूप में राजनेताओं का भेष धरकर घूमने वाले मनुष्य अपनी पॉलिटिक्स एवं

क्या द्रौपदी ने सच में दुर्योधन का अपमान किया था? क्या उसने उसे अन्धपुत्र इत्यादि कहा था? क्या है सच ?

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लोग महाभारत के लिए द्रौपदी को ही मुख्य कारण मानते हैं,  उसके द्वारा हुए दुर्योधन के अपमान का और ये भी समझते हैं कि द्रौपदी द्वारा हुई इस भूल के कारण उसे भारी कीमत चुकानी पड़ी, जबकि सच ये नहीं है. . महाभारत का मूल कारण था, दुर्योधन एवं उसके पक्ष के सभी राजाओं की हड़प नीति, उनका पूंजीवादी व्यवस्था को दिया जाने वाला समर्थन !!. . लेकिन आज के इस घोर संदेह की कालिमा वाले समय में, इन ग्रंथों को हम युवा वर्ग द्वारा पढना, समाज में किसी पिछड़ेपन की निशानी से कम नहीं मानी जाती, और भी बात तब  जब आप किसी प्राइवेट कंपनी में कार्य करते हों तो आपका रहन सहन अलग ही होना चाहिए, समाज-परिवार की नजर में हमें इन ग्रंथों का अध्ययन न कर, कोई कामुक मूवी,इससे जुड़े पुस्तकों को पढना चाहिए, जैसे कि ये कामुक चीज़ें आज के समय में मन को शुद्धि प्रदान करने वाली, आत्मा को मुक्त करने वाली चीज़ हो, लेकिन पुराणों का अध्ययन करना, पाप-कर्म है. !! . खैर....आगे देखिये, द्रौपदी ने नहीं बल्कि सभी राजाओं, रानियों, दास-दासियों ने दुर्योधन का अपमान किया था, लेकिन आज सारा दोष द्रौपदी के सर पर मढ़ दिया जाता है, इससे तो यही

भारत की पहचान यौन कुंठित लोगों से भरे राष्ट्र के रूप में बनने से आप कैसे रोक सकते हैं?

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"Do You Wanna Get Raped Here In This Mentally Sick Country ?" ◆ शायद ही विश्व में कोई समझदार राष्ट्र ऐसा हो.. जो लड़की के रात को घूमने अथवा पी लेने को लेकर उनके साथ हुए यौन अपराधो को जस्टिफाई करने की कोशिश करता हो !!! कई देशो के कई मित्रो से बात करने के बाद मुझे कहते हुए अफ़सोस है कि.. विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता होने का दम भरने वाले जहाँ अब अधिक से अधिक इस्लामिक हिन्दू हैं, वास्तविक हिन्दू काफी गिने चुने हैं, जो कोशिश कर सकते हिन्, लेकिन विरोधियों की संख्या इतनी अधिक है कि ये गिने चुने लोग कुछ कर नहीं सकते. खैर...जनता अपनी रक्षा अपने पास हथियार पिस्तौल रखकर कर सकती है, लेकिन इसके लिए भी यहाँ कड़े प्रावधान है, इसके लिए यहाँ हथियारबंद समाज की रक्षा होनी चाहिए, एवं न्यायिक प्रणाली त्वरित होनी चाहिए, महिलाओं को संगठित हो कर, अपने प्रति भद्दे कमेंट देने वाले अधिकारियों एवं नेताओं को उनके कार्यभार से मुक्त करने का अधिकार भी होना चाहिए. खैर.. . भारत ने अपनी पहचान... एक मानसिक रोगीयो और यौन कुंठित लोगो से भरे राष्ट्र के रूप में ही बनाई है। ◆ इस्लामिक डोमिने

अगर आप भारत में हैं, तो आपके और आपके परिवार की सुरक्षा किसके हाथ में है? प्रशासनिक व्यवस्था के या आपके हाथ में?

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मित्रों, पडोसी देश पाकिस्तान, बन्दूक बनाने वाले कारीगरों को पश्चिम बंगाल में भेज रहा है, ताकि स्थानीय कट्टर पंथी समुदाय विशेष को बन्दूक बनाना सिखाया जा सके !!!  समाचार के लिए देखें  http://bit.ly/2iRXhGz इधर नेताओं एवं उनके भक्त गण बन्दूक चलाने और बन्दूक बनाने का प्रशिक्षण देने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे है और परोक्ष में 'आ बैल मुझे मार' को चरितार्थ कर रहे हैं. कुछ महीनो पहले ये भी घोषणा की गयी थी कि अब भाला-इत्यादि भी रखने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता पड़ेगी. इस तरह की स्थिति में जहाँ राज्यों में होने वाले प्रायोजित नरसंहारों को रोक पाने के लिए सरकारें असक्षम हैं एवं साथ में सामान्य उपयोगी हथियारों के लिए लाइसेंस आवश्यक बना दिया गया है, सामान्य लोगों के लिए अपनी एवं परिवार इत्यादि की रक्षा कर पाना अत्यंत कठिन कार्य हो गया है. --------- . राईट टू रिकॉल पार्टी(अ-पंजीकृत) देश में एक मात्र संगठन है जिसने यह प्रस्ताव किया है कि भारत के सभी नागरिको के बन्दुक रखना अनिवार्य किया जाना चाहिए. अपने सुरक्षा के लिए हथियार रखने के इस अत्यावश्यक कानूनी ड्राफ्ट को