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Showing posts from June, 2021

तो संघ की सरकार 'टैक्स' के रूप में काट लेती है.....

 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी वेतन कटौती के बारे में जो बोला था उसका अर्थ ठीक से समझा जाना बाकी है....... यूपी दौरे में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी सैलरी के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि मुझे 5 लाख प्रति महीना तनख्वाह मिलती है जिसमें से पौने तीन लाख तक टैक्स चला जाता है। हमसे ज्यादा बचत तो एक टीचर की होती है। दरअसल संघ की परंपरा रही है कि वो अपने कुछ स्वंयसेवको को बीजेपी सरकार के सांसदों , मंत्रियों, ओर यहाँ तक कि संवैधानिक पदों पर बैठे या बिठवाए गए लोगो के साथ अपॉइंट कर देता है और उन स्वंयसेवकों को प्रतिमाह जो वेतन दिया जाता है वह उन पदों पर निर्वाचित मंत्रियों सांसदों के भत्ते में से ही दिया जाता है 2015 में इंडिया टूडे में आयी एक रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और उद्योगपति जय प्रकाश अग्रवाल द्वारा चलाई जा रही सूर्या फाउंडेशन में इन स्वंयसेवको को ट्रेनिंग दी जाती है और 2015 में ही यानी मोदी सरकार के आने के एक साल में ही फाउंडेशन के प्रशिक्षुओं में से आधा दर्जन से अधिक  स्वयं सेवक विभिन्न मंत्रियों के निजी स्टाफ में शामिल किये जा चुके थे

भगवान परशुराम

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  हमने महापुरुषों को जातियों और मज़हब और पंथों में बांध दिया हालांकि आज से कुछ बर्षों पहले ऐसा नहीं था... कोई भी महापुरुष अपने सद्कर्मों से सारी सृष्टि को संदेश देता है सभी के लिए अनुकरणीय पूजनीय  होता है.... ऐसे महापुरुषों में भारत भूमि पर जन्मे भगवान परशुराम रहे जिन्होंने केवल अत्याचारियों के विरूद्ध कमज़ोर व्यक्तियों को एकत्र करके विरोध करना सिखाया... आज उनका अवतरण दिवस है आईये हम सूक्ष्म में उनके बारे में जाने.....   💐भगवान परशुराम💐 भगवान विष्णु के छठे अवतार, सबसे बड़े शिवभक्त। भगवान परशुराम त्रेता युग (रामायण काल) में एक ब्राह्मण ऋषि के यहां जन्मे थे। जो भगवान विष्णु के छठा अवतार हैं। पौरोणिक वृत्तान्तों के अनुसार उनका जन्म महर्षि भृगु के पुत्र महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को मध्यप्रदेश के इंदौर जिला में ग्राम मानपुर के जानापाव पर्वत में हुआ। वे भगवान विष्णु के आवेशावतार हैं। पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम कहलाए। वे जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य औ

आई टी सेल द्वारा अचानक वर्तमान असली शंकराचार्य और शंकराचार्य परम्परा को क्यों गाली दिया जा रहा है?

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 प्रश्न:- आरएसएस भाजपा की आई टी सेल द्वारा अचानक वर्तमान असली शंकराचार्य और शंकराचार्य परम्परा को क्यों गाली दिया जा रहा है? आप लोगों को क्या लगता है कि संघ की शाखा में संस्कारित ये स्वयंसेवक लोग ऐसे ही अचानक से भावावेश में आकर हमारे सनातन धर्म के सर्वोच्च 80, 98 वर्ष के बुजुर्ग तपस्वी आचार्यों पर अभद्रता की सीमा लांघ रहे हैं और 2500 साल से चली आ रही हम सनातनियों की आचार्य परम्परा के ऊपर अभद्रता प्रकट कर रहे हैं? नही, बात यह है कि अब इनके झूठ का किला ढह रहा है। वर्णाश्रम विरोधी, अवैदिक संघियों की सीधी लड़ाई पूज्य शंकराचार्य परम्परा से आन पड़ी है। आज सच्चे सनातनी जाग रहे हैं इसलिए संघियों में बौखलाहट है। अभी इनलोगों ने सच्चे सनातनियों को देखा ही कहाँ है? अभीतक इनकी लड़ाई कांग्रेस आदि राजनैतिक दलों से थी इसलिए हिंदुत्व के आड़ में ये बचते रहे हैं पर अब लड़ाई सीधे असली सनातन धर्मियों से आन पड़ी है बाकी जितने मत सम्प्रदाय हैं वो या तो इन संघियों को समर्थन कर रहे हैं या तमाशा देख रहे हैं। अब टेक्नोलॉजी के युग मे आम जनता तक सही बातें पहुँचने लगी है और जनता जागरूक हो रही है। जनता इनके फर्जी समरसता फ

आखिर क्यों कुछ लोग सनातन वैदिक धर्म छोड़ कर ईसाई या मुसलमान बन जाते हैं?

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  ★★क्या धर्मत्याग (धर्मांतरण) के दोषी शंकराचार्य हैं?★★ ★★आखिर क्यों कुछ लोग सनातन वैदिक धर्म छोड़ कर ईसाई या मुसलमान बन जाते हैं?★★ यदि आप निष्पक्ष होकर सच्चाई जानना चाहते हैं तो कृपया पूरा लेख अवश्य पढ़ें और स्वयं निर्णय करें। संघ के स्वयंसेवक भी एक बार पढ़ ही लें तो अच्छा होगा। हा धीरे धीरे पढ़े और विचार करें अन्यथा समझ मे नही आएगा। आज धर्मांतरण को लेकर आरएसएस भाजपा के स्वयंसेवक कार्यकर्ता उनकी, आई टी सेल के लोग बड़ी चालाकी से अपने नेताओं के द्वारा किये जा रहे अधर्म, कुकर्म, जनता के साथ धोखे को छुपाने के लिए धर्मांतरण के लिए वर्तमान पूज्य शंकराचार्यों एवं उनकी परम्परा को दोषी ठहरा रहे हैं शंकराचार्यों को गाली दे और दिलवा रहे हैं।  हिंदुत्व के नाम पर चुनी सरकार हिन्दुओं के सबसे बड़े धर्माचार्यों के अपमान पर चुपचाप तमाशा देख रही है क्योंकि यह उनके एजेंडे के अनुसार ही हो रहा है। यह किसी से छुपा नही है हम सब सोशल मीडिया पर देख रहे हैं। अब बात आती है कि कोई हिन्दू अपना धर्म छोड़कर ईसाई या मुसलमान क्यों बन रहा है ? इसके दो कारण हैं। 1. भय  2. लालच अभी हाल में ही 1000 हिन्दुओं का स्वधर्मत्याग कर