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Showing posts from September, 2016

सरकारी नियमों को दुरुस्त करने के स्थान पर संपत्ति को विदेशी कंपनियों को सौंपना आवश्यक है क्या?

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सरकार ने थोड़े दिन पहले जापान व् जर्मनी के साथ जो समझौता किया था, उसके लिए सरकार भारतीय रेल का किराया बढ़ा रही हैं, क्योकि जबसे सरकार ने रेलवे ट्रैक बेचे है, तब से धीरे धीरे भारतीय रेल का किराया बढ़ा कर , सुविधा घटा कर एक दिन भारतीय रेल की दुर्दशा ऐसी बना दी जाएगी कि जनता स्वयं आगे आकर कहेगी कि इस भारतीय रेल के किराये में तो वो बुलेट ट्रेन ही अच्छी है जो लगभग समान किराये में अच्छी सुविधा व् समय पर पंहुचा रही है. जिससे सरकार को भारतीय रेल को बंद करने में आसानी होगी. इससे नागरिकों को एवं देश की अर्थ-व्यवस्था को सब तरफ से हानि ही हानि है. लाभ वाले रुट विदेशियों को चले जायेंगे एवं इससे हमारे पास आने वाली आय भी समाप्त हो जाएगी, साथ में किराया भी अधिक देना पड़ेगा एवं रुपये का मूल्य भी गिरता रहेगा, फलतः देश में महंगाई और बढ़ेगी एवं देश की अर्थव्यवस्था निरंतर कमजोर होती चली जाएगी. हानि वाले रुट हमारे पास बचेंगे जिसको पूरा करने के लिए अन्य टैक्स का बोझ हम भारतीयों को उठाना होगा. मित्रों, कहा जा रहा है मात्र, तीन ट्रेनों का किराया बाध्य गया है, लेकिन उन तीन नामो से देश भर में एक सौ बयालीस ट्रेने

पिता का पत्र बेटियों के नाम से अधिक मां का पत्र बेटों के नाम लिखे जाने की ज़रूरत है

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तकनीकी रूप से अमिताभ बच्चन को अपनी नातिन और पोती के नाम इस पत्र को लिखने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती अगर लड़कों की मा-पिता अपने बेटों को पत्र लिख कर यह समझाने और संदेश देने की कोशिश करते कि लड़कों को लड़कियों के प्रति नज़रिया बदलना चाहिए।  वैसे लिंग आधारित भेदभाव से भरे इस समाज में पिता का पत्र बेटियों के नाम से अधिक मां का पत्र बेटों के नाम लिखे जाने की ज़रूरत है। उन्हें यह समझाए जाने की जरूरत ज्यादा है कि घर से अकेली बाहर निकलती हुई किसी बेटी को अगर उसका पिता चिंतित निगाहों से देखता है, तो यह तुम्हारे मुंह पर थप्पड़ है, एक मां की शिक्षा पर संदेह है। तुम लड़कियों को मान दोगे, तो पिता बेटियों को चिंता भरा पत्र नहीं लिखेगा। वो ऐसा नहीं लिखेगा, तो तुम्हारी मां का मान बढ़ेगा।  . कायदे से मा-पिता को अपने-अपने बेटों को यह पत्र लिखना चाहिए कि लड़कियों के प्रति उनके मन में प्यार हो, सम्मान हो।  . बेटियां अपनी मर्ज़ी से स्कर्ट पहनें, उसकी लंबाई तय करें, यह सब उन्हें समझाने की ज़रूरत ही इसलिए पड़ती है क्योंकि मांएं अपने बेटों को यह पाठ नहीं पढ़ातीं कि एक लड़की की मर्ज़ी भी उतनी ही महत्वपूर्ण ह

सोमनाथ ट्रस्ट ६ किलो सोना सरकार ले लेगी तो इसका उपयोग हिन्दुओं के या ट्राइबल जाति वालों के उत्थान के लिए करेगी क्या?

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सोमनाथ ट्रस्ट ६ किलो सोना सरकार को देने वाली है । अब हिन्दुओ को क्या लाभ होगा ?  ------हिन्दू मंदिरों के धन का अहिन्दू कार्यों में दुरुपयोग, सरकारें हिन्दू धर्म को कमजोर करने के लिए जो भी कर रहीं हैं, एवं भविष्य में करने वालीं हैं, उसे रोकने को समस्त हिन्दू समुदाय को आगे आना पड़ेगा एवं एवं अपने सांसदों, विधायकों, प्रधानमंत्री से हिन्दू धर्म को मजबूत करने वाले ये दो कानूनों को राजपत्र में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दिए जाने को अपने नेताओं पर दबाव बनाएं एवं अन्य नागरिकों को भी ऐसा करने को प्रेरित करें. ये दो क़ानून हैं- भारतीय संप्रदाय देवालय प्रबंधक ट्रस्ट' के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/834846793300225 .  एवं राष्ट्रीय हिन्दू देवालय प्रबंधक ट्रस्ट' के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/834842886633949 . संयुक्त राज्य अमेरिका में स्टीफन नैप नाम के एक विदेशी लेखक की बहुत रिसर्च की हुई पुस्तक " भारत के खिलाफ अपराधों और प्राचीन वैदिक परंपरा की रक्षा की आवश्यकता " प्रकाशित हु

शहाबुद्दीन का संरक्षण कौन कर रहा है ? लोकतंत्र या तानाशाही व्यवस्था?

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शहाबुद्दीन का संरक्षण कौन कर रहा है ? नितीश लालू.... नितीश -लालू कौन ? जेपी मूवमेंट से निकले नेता.... जेपी मूवमेंट क्या ? इंदिरा सरकार की चूलें हिला देने वाला आन्दोलन.....श्रीमति इंदिरा गांधी कौन ? लोकतंत्र में इमरजेंसी का गलत इस्तेमाल कर डिक्टेटर बनने कि कोशिश कर रही संसदीय लोकतांत्रिक भारत की प्रधानमंत्री....!! . जेपी ने किसके चहरे पर गिराया इंदिरा गांधी को ? मोरारजी देसाई .... मोरार जी देसाई कौन? जिन्हें शास्त्री जी की मौत का नहीं बल्कि इसका दुःख था कि "कल की छोकरी" पीएम क्यूँ बनी उनकी जगह....? . "कल की छोकरी" कौन? श्रीमति इंदिरा गांधी.... इंदिरा गांधी कौन? जिसने भारत की सेना को शक्तिशाली बनाने के लिए एवं युद्ध सामग्री को मजबूत बनाने को कई ठोस कदम उठाए, बैंक्स का राष्ट्रीयकरण किये, पूर्वी पाकिस्तान को अलग कर बंगलादेश के रूप में एक नए देश को जन्म दिया, पोखरण में प्रथम परमाणु परिक्षण करवाए एवं द्वितीय एवं अन्य परमाणु परीक्षणों की नींव रखीं. जिसने जनसंघ की मिटटी पलीद की.... जनसंघ कौन ? एक कट्टर धार्मिक संगठन..... किसने किया उसे बैन? कांग्रेस ने... कांग्रेस कौन जो

जी एम कंपनियों के लिए नीलाम होता भारतीय कृषि क्षेत्र एवं उपाय जो आप अभी कर सकते हैं

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जी एम कंपनियों के लिए नीलाम होता भारतीय कृषि क्षेत्र एवं उपाय जो आप अभी कर सकते हैं :- [इस लेख के मूल अंश श्रीमती अरुणा रोडरिग्स के द्वारा लेखान्वित किये गए हैं जो जी एम ओ मसले पर सुप्रीम कोर्ट में मुख्य याचिकाकर्ता हैं।] . टेक्निकल एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट ऐसी चौथी रिपोर्ट है जिसमें भारत में जी एम फसलों का किसी प्रकार का सामूहिक या पृथक परिक्षण नहीं करने का सुझाव दिया गया है। इससे पहले फ़रवरी २०१० की जयराम रमेश रिपोर्ट ने कृषि प्राधिकरण के बी टी बैगन को बाज़ार में उतारने के फैसले को बदलते हुए अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का फैसला दीया था। अगस्त २०१२ की सोपोरी कमिटी रिपोर्ट और अगस्त २०१२ की ही संसदीय स्टैन्डींग कमिटी रिपोर्ट ने भी जी एम फसलों को भारतीय कृषि के लिए हानिकारक बताते हुए इन पर प्रतिबन्ध लगाने का सुझाव दिया था। संसदीय स्टैन्डींग कमिटी नें जी एम ओ के प्रति सरकारी रवैये को सिर्फ मानवीय चुक न करार देते हुए सरकारी संस्थाओं और बीज कंपनियों के सांट-गाँठ का परिणाम बताया था। इस रिपोर्ट में भारत में जेनेटिकली मॉडिफाइड ओर्गनिस्म्स (जी एम ओ) यानि जी एम फसलों की जांच में भारत स

देश में दो राज्यों के मध्य जल-विवाद का मुद्दा एवं राईट-टू-रिकॉल समूह की तरफ से प्रस्तावित समाधान:

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देश में दो राज्यों के मध्य जल-विवाद का मुद्दा एवं राईट-टू-रिकॉल समूह की तरफ से प्रस्तावित समाधान:- . कावेरी जल के मुद्दे पर बेंगलुरु में जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है। मांड्या से शुरू हुआ विरोध राजधानी बेंगलुरु तक पहुंच चुका है. कन्नड़ संगठनों के बंद को कई राजनीतिक दल भी समर्थन दे रहे हैं।  कर्नाटक के किसानों के भारी विरोध के बाद ऐहतियातन कृष्णाराजा सागर डैम को चार दिन के लिए बंद कर दिया गया था। इसके अलावा वृंदावन गार्डेन को भी बंद कर दिया गया था। कर्नाटक के किसानों का कहना है कि राज्य सरकार उनके प्रति संवेदनहीन बनी हुई है। एकतरफ मैसूर-मांड्या के इलाकों में सिंचाई की दिक्कत के साथ-साथ पीने की पानी की दिक्कत है। लेकिन कर्नाटक सरकार को इससे मतलब नहीं है।  सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को निर्देश दिया है कि तमिलनाडु के किसानों की दिक्कतें दूर करने के लिए वह अगले 10 दिन तमिलनाडु को 15000 क्यूसेक पानी छोड़े। इस निर्देश के बाद कावेरी पर विवाद गरमा गया जिसके मद्देनजर नौ सितंबर तक कृष्णराजसागर बांध के इर्दगिर्द निषेधाज्ञा लगा दी गई और वहां आगंतुकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई।  जबकि कर्नाटक का कहन