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Showing posts from June, 2017

भ्रष्टाचार या भक्तिमार्ग

नोट:- भाइयों व बहनों, ये पोस्ट मेरे फेसबुक की दो वर्ष पुरानी पोस्ट है, जिसकी रिपोर्टिंग होने के कारण ये शेयर नहीं हो पा रही है, अतः इसे ब्लॉग में पोस्ट के रूप में लिखना पड़ा. *************************************************************************************************************************** . आजकल सोशल मीडिया पे एक ट्रेंड चला हुआ है कि सारे नेता भक्त, पार्टी-भक्त, मोदी-भक्त लोग, उनके प्रभु नेताओं द्वारा उठाए गए देश-विरोधी कदम का विरोध करने वालों को बोलते हैं कि ये आपिया है, मोदी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी है, पाकिस्तानी है, और न जाने क्या क्या.. मोदी के अंधभक्तों को कैराना से भी दिक्कत नहीं है कश्मीरी पंडितो से भी नहीं. . उन भक्तों के इतिहास में, चौदह मई २०१४ के पहले प्रलय का युग था, लेकिन उनके देवता इस लोकसभा चुनाव को जीतने के बाद नया अवतार लेकर आये, जो की गुजरात में मुख्यमंत्री के पद पे रहते हुए अपने ही द्वारा विरोध किये मुद्दों का समर्थन कर उसके लिए कार्य करना चालू किया. २०१४ के लोकसभा कैम्पेनिंग के लिए हमने भी फेसबुक एवं अन्य सोशल मीडिया पे मोदी को समर्थन देने के लिए का

De valuation of Rupees

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नोट:- मेरे फेसबुक पोस्ट को रिपोर्टिंग के कारण से दुबारा शेयर करने से ब्लाक किया जा चुका है, क्योंकि इस दुनिया में अभिव्यक्ति का आजादी केवल शक्तिशाली एवं विदेशी बैंकिंग सगठित माफियाओं द्वारा संचालित लोगों के लिए है, हम लोगों के लिए नहीं है, इस पोस्ट में भी de वैल्यूएशन शब्द आने के कारण, से यह पोस्ट संपादित करने के बाद भी दिखलाई नहीं दे रहा . पाठक गण जिस किसी को भी ये पोस्ट दिखलाई पड़े, कमेन्ट में लिखें, ठीक करने को एडिट किया जाएगा. थैंक्स. Devaluation of rupee & how to stop devaluation of rupee. This is copy of one of my facebook post which I am posting here, because facebook blocked this content as this post gone under vast reporting .Thanks ********************************************************************************* At time of Independence rupee value was equal to dollar, slowly rupee value started decreasing. In 1980 s it was around 8 rupee per dollar. In 1991 rupee value became 15 rupees per dollar and from 1991 when MMS became minister rupee value started decreasing v

नागालैंड वाले लोग इन्डियन हैं या पूरे भारत में किसी क़ानून-सुधार की आवश्यकता है?

नागालैंड में घुसने के लिए परमिट लेना पड़ता है...वहाँ हमें "इंडियन" कहा जाता है.. . वहाँ आतंकी होना एक नौकरी जैसा है. बन्दे बाकायदा तनख्वाह पाते हैं, मारे जाने पर परिवार को पेंशन मिलता है. वे अमेरिकन आर्मी का रैंक-स्ट्रक्चर फॉलो करते हैं, अमेरिकन आर्मी की वर्दी पहनते हैं, अमेरिकन आर्मी की एसॉल्ट-राइफल रखते हैं...मिलिटैंट वहाँ यूजी (अंडरग्राउंड) कहलाते हैं, और हर चीज पर उनका 10% का यूजी-टैक्स लिया जाता है. पिछले बीस सालों से उनके नेता इसाक-मुइवा और खापलांग बैंकाक के फाइव-स्टार होटलों में रहते हैं. . मोदी की पत्नी और मोदी के सूट पर Yellow Journalism करने वाले हमारे बहादुर खोजी Presstitutes को कभी नॉर्थ-इस्ट जाकर यह खबर दिखाने की फुरसत मिली? नहीं ना...तो इसका सीधा सा कारण है. नागालैंड की 99% जनसंख्या क्रिस्चन है. यह पूरा आतंकवाद चर्चों से संचालित होता है, चर्च उनके हेडक्वार्टर की तरह काम करते हैं, उनके हथियार रखने की जगह होते हैं... . पहले चर्चों के पैसे से यह आतंकवाद फला-फूला, अब इस यूजी-टैक्स से चर्च फल-फूल रहे हैं... . इसमे मोदी विरोधी कहीं कुछ नहीं है। हां बहुत से देशभक्त आ

रामचरित मानस की वैज्ञानिक बाते

रामचरित मानस की अवैज्ञानिक बाते तो बहुत पढ़ी होगी, आइये रामायण को सही अर्थो में समझते है वाल्मीकि रामायण से,  Mudit Mishra  जी का अत्यंत सुन्दर लेख--------- रामायण  एक ऐतिहासिक ग्रन्थ है और यह है इसका सत्य :- आज के युग में सैंकड़ों लेखकों की लिखी रामायण की अनगिनित लिपियाँ उपलब्ध हैं और उनमें प्रत्येक लेखक की कल्पना और श्रद्धा के अनुसार अनगिनित कथाएं कही गयी हैं! साधारण जन इन काल्पनिक कथायों को ऐतिहासिक मान बैठे हैं और उन्हें उसी रूप में सत्य स्वीकार करते हैं! जबकि सत्य यह है कि केवल एक वाल्मीकि रामायण को ही ऐतिहासिक ग्रन्थ माना जा सकता है! कारण यह कि ऋषि वाल्मीकि श्रीराम के समकालीन थे और उन्होंने श्रीराम के जीवन को अपने सामने देखा और उसके बारे में लिखा! उनका श्रीराम से प्रथम सम्बन्ध बना जब श्रीराम वनवास के दौरान पंचवटी के क्षेत्र में रहे! इस काल में ऋषि वाल्मीकि उसी क्षेत्र में रहते थे और उन्हें श्रीराम और देवी सीता को बहुत निकट से जानने का अवसर प्राप्त हुआ! ऋषि वाल्मीकि एक कवि थे और उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रयोग अपने युग के आदर्श-पुरुष श्री राम की शौर्य गाथा लिखने में किया! वाल्मी