Posts

Showing posts from August, 2017

ढोकलाम-मीडिया विवाद, क्या है सच !!

Image
ढोकलाम का जो मुद्दा है, वो मानचित्र से स्पष्ट है की अगर ये हिस्सा भारत से कट गया तो उत्तर-पूर्व के सातों भारतीय राज्य भारत से कट जायेगे...... जबकि मीडिया हमको बता रहा है की मोदी ने चीन को घुटने टेकने पे विवश किया है !! लेकिन हमने यदि सच बतलाया तो सरकारी समाचार की अवमानना का आरोप लगवा कर फेसबुक प्रोफाइल बंद करवा देंगे अंधे मूर्ख हिन्दू और आरएसएस वाले...... कितनी बड़ी झूठ और शर्मनाक बात है, की पढ़े लिखे युवा मानचित्र पर भरोसा न कर के मीडिया की बातों पर यकीन कर र हे हैं....खैर.....कोई बात नहीं .... आज देशभक्ति का नाम, मोदी-भक्ति हो गया है !! "दोका ला" ("ढोका ला") का अर्थ है "ढके हुए हिन्दू मन्दिर तक जाने का पर्वतीय रास्ता या दर्रा" | तिब्बती भाषा में "ला" शुद्ध संस्कृत शब्द है -- लीला में "ला" का यही अर्थ है -- प्रकट होना, पास लाना/जाना | बौद्धमत की उत्पत्ति से पहले की भाषा है | दोकलाम (दोका ला) का 3D फोटो देखते ही स्पष्ट हो जाता है कि इसमें चीन की रूचि क्यों है !एक भी गाँव या शहर नहीं है, फिर भी चीन सड़क बनाने के लिए युद्ध तक की धम

शादी के बाद लिखवाये गए रेप के आरोप में डेट, शादी से पहले का हो तो, कोई सबूत मिलेगा क्या ?

Image
शादी के दस वर्ष बाद कोई महिला अपने डेरा के ट्रेनर पर रेप का केस दर्ज करवाए और तिथि शादी के पहले की बताये तो क्या सबूत मिलेगा? . और गुरमीत राम-रहीम को सजा बीस साल की हो गयी....!! . इस तरह से तो देश के सभी संस्थानों के प्रमुख व्यक्तियों को विदेशी एवं इसाई संस्थाओं के रास्ते से हटाना आसान हो गया....!! . अगर आप ये नहीं होने देना चाहते हैं और अगर आप चाहते हैं की इस तरह से बिना किसी ठोस सबूत के किसी को रास्ते से हटाना इतना आसान न हो तो जैसे की दिया गया है, वैसे ही PMO को ट्वीट कीजिये , LIKE FOLLOWING- PMO India Narendra Modi #BringNarcoTestinPublic #bringjurytrail . ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : www.facebook.com/pawan.jury/posts/809746209143617 . पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट : www.facebook.com/pawan.jury/posts/812341812217390 . सांसद व विधायक के नंबर एवं संपर्क डिटेल यहाँ से लें http://nocorruption.in/ अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट

हिंदुत्व और देवदासी प्रथा का सच

Image
हिन्दू धर्म जितना विराट सिस्टम तो किसी भी अन्य धर्म में कभी हो ही नही सकता. इन्टरनेट पर जिस तरह से देवदासियों के इतिहास को सेक्सुअल मोड़ देकर समाचार और स्लाइड्स इन्टरनेट पर रचा गया है, वो पूर्णतया सच नही है. ये मैं इस आधार पर कह सकती हूँ की महाराष्ट्र के किन्नर समुदाय के लोगों से मैंने काफी बातें कीं हैं. वे लोग बचपन में किन्नर उत्पन्न होने के चलते माँ-बाप द्वारा घर से निर्वासित कर दिए गए जिन्हें मंदिरों में शरण दिया गया था. इनमे से जो लड़की किन्नर थीं, उसकी शादी भगवान के विग्रह से की जाती है....वे आजीवन भगवान को पति मानतीं हैं. हाँ लेकिन बड़े होने पर चाहे तो लिंग-परिवर्तन कर अन्य लोगों की तरह भी जीवन जीने वाले भी हैं, काफी कम संख्या में. मंदिरों में ये किन्नर वहां होने वाले उत्सवों में नाच गाकर धनोपार्जन करते हैं, मंदिरों में धर्मार्थ सेवा दान करते हैं, क्योंकि आम सभ्य हिन्दुओं का समाज तो किन्नरों को साधारण शिक्षा व्यवस्था तो क्या, घरों में घुसने तक नही देते.... अपने साथ इस संसार द्वारा तिरस्कृत होने के कारणों से वे अन्य मानवीकृत शिक्षा व्यवस्थ

सरकार को जब पहले से अंदेशा था कि हिंसा भड़क सकती है तो दर्जनों लोगों को मौत के मुँह मे क्यों जाने दिया ?

Image
सरकार को जब पहले से अंदेशा था कि हिंसा भड़क सकती है तो दर्जनों लोगों को मौत के मुँह मे क्यों जाने दिया ? ................... राम-रहीम के समर्थकों ने गाय को भी आग के हवाले किया (जी-न्यूज़ के अनुसार, मैंने बहुत ढूंढा लेकिन कोई फोटो नहीं दिखी) ! यदि यह बात सही है तो प्रश्न उठता है कि ये लोग हिन्दू हैं या म्लेच्छ ?................. ..... या फिर मीडिया गलत तरीके से बातों को प्रस्तुत कर रही है ? इतने लाख लोग क्या सब-के-सब पागल हैं जो एक बलात्कारी के पीछे दीवाने हैं ? . मैंने तो बहुत प्रयास किया ढूँढने का, लेकिन अभी तक इतना ही पता चल सका है कि केवल एक "सबूत" के आधार पर राम-रहीम को दोषी ठहराया गया है -- मेडिकल जाँच में पाया गया है कि वे बलात्कार करने में सक्षम हैं !! अन्य कोई सबूत किसी को पता हो तो कृपया सूचित करे | ................... राम रहीम जब कांग्रेस के समर्थक थे तो भाजपा ने मुकदमा दर्ज कराया | बाद मे राम रहीम भाजपा के समर्थक बन गए | फिर एक नए जज बहाल हुए और उनको पंद्रह वर्ष पुराने काण्ड का मेडिकल सबूत मिल गया !! गजब का देश है !!! ....................... राम-रहीम की उछल

क्या हमारे IAS अफसर इसकी जाँच कभी होने देंगे, क्योंकि वे भी तो फँसेंगे !!

Image
भारतीय सेना के मुख्यालय से भ्रष्ट अफसरों के हटने के बाद (जिन्होंने जनरल वी के सिंह का कैरियर खराब किया था) कोर्ट मार्शल द्वारा कर्नल पुरोहित को निर्दोष सिद्ध किया गया है, जिसकी रिपोर्ट पर NIA की रिपोर्ट भी आधारित है, किन्तु प्रशासन में भ्रष्ट लोगों का आधिपत्य है जो NIA पर दवाब डाल रहे हैं कि जमानत का विरोध हो | कारण बताया जाता है कि कर्नल पुरोहित को जमानत मिलेगी तो गवाहों को धमकाने लगेंगे ! कांग्रेस, पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बहुत बड़ी रकम खर्च की है "भगवा आतंक" को सिद्ध करने के लिए, चुप कैसे बैठेंगे !! . IAS प्रणाली को भंग किया जाए, ये संगठित गिरोह की तरह कार्य करते है. स्वहित और नेताओ के प्रभाव मे समाज और राष्ट्र के हितो से खेलते है. नौकरशाही को टेक्नोक्रेसी से विस्थापित किया जाए, ये बहुत प्रभावी निर्णय होगा.  लेकिन इस कार्य को न होने देने मे भी IAS लाॅबी आड़े आयेगी. निश्चित ही जनजागरण ही उपाय है.  . अगर कर्नल साहब बाहर आते हैं तो फिर 26/11 का जिन्न भी बोतल से निकलेगा। करकरे ने कर्नल साहब को टॉर्चर किया ऐसा कहते हैं उस समय ats चीफ वही थे। यूट्यूब पे कर्नल साहब की पत्नी

कलियुगी जनता चाहे राम-राज्य

Image
धर्म के अनुसार चलने के लिए सारी जंजीरें तोड़ डालनी पड़तीं हैं, तब जाकर धर्म की स्थापना होती है, वस्तुतः ये मुद्दा हर दायरे से बाहर का विषय है, इसे किसी दायरे में बाँधा नहीं जा सकता. . आज लोग सपना देख रहे हैं कि कलियुग के नेता और अफसर ठीक हो जायेंगे और कलियुगी जनता की भलाई के लिए कार्य करेंगे.  जैसी जनता है वैसे ही नेता चुने जाते हैं.  अच्छे उम्मीदवारों की जमानत भी यह जनता नहीं बचने देती !  ..... जनता कौन सी दूध की धुली है जो इसे रामराज्य मिलेगा, वह भी कलियुग में ! त्रेतायुग के रामराज्य को जनता ने ही मिट्टी में मिला दिया.  . धर्म की 25% टांग बची है कलियुग में, 75% जनता और उनके पसन्दीदा नेता अधर्म पर हैं. . धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः | तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोsवधीत् || ( मृत धर्म उनको मारता है जो धर्म को मारते हैं, धर्म उनकी रक्षा करता है जो धर्म की रक्षा करते हैं ; अतः धर्म को नष्ट नहीं करें, (क्योंकि तब) धर्म भी हमें नहीं मारता |) National Law School of India University ने इस श्लोक को अपना आदर्श-वाक्य (motto) घोषित कर रखा है (धर्मो रक्षति रक्षितः)| . भारतीय

नेताजी से सम्बन्धित गुप्त फाइल बिना देश के आत्मनिर्भर हुए नहीं खुल सकतीं. अतः उन कानूनों को लाने के लिए जनांदोलन चलाएं.

Image
सभी पाठकवृन्दों को आजादी की सत्तरवी वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं !! दोस्तों, इस देश में , नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की गुप्त फाइल्स तब तक नहीं खुलेगी, जब तक की अन्य देशों जिसमे अमेरिका एवं रूस भी शामिल हैं, पर निर्भर होना न छोड़ दे. जब ये देश १५ अगस्त १९४७ को आजाद हुआ था, उस समय हमारे यहाँ अग्रेजों द्वारा लगाये गए कर प्रणाली के चलते खाद्यान्न की भारी कमी हो गयी थी, इसकेे लिए सहायता रूस एवं अमेरिका से मांगी गयी थी. रूस को उसके मित्र देशों ने सहायता देने से मना किया था और कहा था की रूस उस सहायता के साथ कहीं नेताजी की फाइल्स न दे दे भारत को .....और अगर नेताजी से सम्बंधित फाइल गुप्त रखनी है तो भारत को खाद्यान की सहायता नहीं की जानी चाहिए, लेकिन अपने मित्र देशों की आधी बात को दरकिनार करते हुए उस वक्त के रूस के शासन ने कहा था की, नेताजी से सबंधित गुप्त फाइल्स का सार्वजनिक होना इन्तजार कर सकती है, लेकिन भूख इन्तजार नहीं कर सकती.. इसके बाद उसने भारत को खाद्यान्न की सहायता जो किसी अन्य देश जा रही थी, की जहाज भारत की मोड़ कर दी थी. अमेरिका ने खाद्यान्न सहायता देने से प