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Showing posts from February, 2018

Top Uranium One Executive Killed in Russian Plane Crash

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The passenger death list for the Russian AN-148 passenger plane carrying 71 people that crashed yesterday, has been released revealing Ivanov Vyacheslav, the top CFO of Rosatom/RuaniumOne, amongst the dead.Vyacheslav was involved in Hillary Clinton's Uranium One deal with Russia back in 2009 under Obama. The AN-148 aircraft vanished from radars shortly after takeoff on Sunday from Domodedovo Airport in Moscow, crashing near Argunovo village in the Moscow region in Russia leaving no survivors.SCROLL DOWN FOR OFFICIAL DEATH LIST Russian authorities released the passenger names on the official Death list, with several names raising immediate "red flags" as they appear to be directly involved with Hillary Clinton, Barack Obama, UraniumOne and also the (fake) "Russian Dossier" used in an attempt to remove President Trump.The "Deep State" now seems ti ve scrambling to remove any "loose ends" who might testify against the Clintons.Serge

New Delhi’s US-Backed “Chinese Containment” Strategy In The Afro-Indian Ocean

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India’s American-backed anti-Chinese “containment” strategy seeks to have New Delhi establish control over crucial nodes along the Sea Lines Of Communication (SLOC) in the Afro-Indian Ocean, but the country’s plans are being thwarted by China’s ingenuity in crafting asymmetrical workarounds to these future chokepoints. Background Dynamics Make no mistake about it, there’s a  New Cold War raging between China and India all across “ Greater South Asia ”, which has recently reached a fever pitch during the Amero-Indian “deep state”  Hybrid War on the Maldives  and attendant risk that New Delhi might militarily intervene in the externally provoked crisis and  prompt an even tenser strategic standoff  with China. The dynamics of the  21 st -century geopolitics of the Multipolar World Order  are such that India has been ‘flipped’ by the US against China in the New Cold War just as China was turned against the USSR in the Old Cold War, with Washington masterfully exploiting preexisting

ब्राह्मण का पतन और उत्थान

By Dr. Vinay Jha  जो अपनी शाखा के वेद को स्मृति द्वारा बचाकर रखे और उसकी व्यवहारिक विधि का ज्ञाता हो उसे ब्राह्मण कहते हैं | ऐसे ब्राह्मण अब बहुत कम हैं जो वेद का पाठ भी नियमित रूप से करते हैं | अब वेद का लाभ भी नहीं जानते, उसमें सन्देह करते हैं | अपनी शाखा के बाद अन्य वेद पढ़ने वाले को द्विवेदी, त्रिवेदी और चतुर्वेदी कहते थे | यज्ञ में चतुर्वेदी ही ब्रह्मा बन सकता था | अब वास्तविक चतुर्वेदी कोई नहीं है, केवल नाम के लिए हैं | रामायण आदि का पाठ करने वाले पाठक हुए | मिश्रित ब्राह्मणोचित कर्म वाले 'मिश्र' हैं | प्राचीन काल में वेद पढ़ाने वाले शिक्षक को उपाध्याय कहते थे ; (उप) पास नीचे बैठे शिष्य को उसका (स्वशाखा का वेद) अध्याय पढ़ाने वाला | अपभ्रंश में उसका उपाज्झा > ओझा और झा हो गया, आज से लगभग एक सहस्र वर्ष पूर्व | काशी विद्वानों के प्रभाव में रही, अतः वहां और आसपास 'उपाध्याय' बना रहा | बंगाल में इन्हीं शिक्षकों ने आर्य संस्कृति का प्रसार किया और वंदोपाध्याय, चट्टोपाध्याय, गंगोपाध्याय एवं मुखोपाध्याय कहलाये जो वहां आज भी प्रवासी ब्राह्मण माने जाते हैं | उधर अपभ्रंश म

बिना स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक चिप निर्माण में आत्मनिर्भरता मिले, देश की सुरक्षा संभव नहीं.

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Note: सभी  कार्यकर्ता अपने हर स्तर के अफसरों को कहें कि वे ऐसी वेबसाईट बनाएँ जिसमें देश के किसी  भी नेता का नाम डालकर उनके द्वारा समर्थित या विरोध हुआ बिल का पता चले और बिल का पीडीऍफ़ भी दिखे.  जो लोग यह मानते है कि हमारी सेना पर्याप्त मजबूत है जबकि सच्चाई ये है की आज भी हमारी सेना के युद्ध उपकरणों के अति महत्त्वपूर्ण उपकरण विदेशो से आयातित होते हैं, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक चिप और सॉफ्टवेर हर प्रकार के आंकड़ों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में संरक्षित रखने के लिए जिस चिप का निर्माण आज तक भारत नहीं कर सका, जिस चिप द्वारा दुनिया भर के सैन्य हथियारों के संचालन को नियंत्रित किया जाता है उस चिप के निर्माण एवं नियंत्रण में आज तक भारत आत्मनिर्भर नहीं हो सका, १९९९ में कारगिल युद्ध के दरम्यान हमारे देश के नेवी का कोड भारत के अन्दर ही हैक किया गया था जिसके चलते समुद्र के अन्दर चलने वाले युद्धपोत के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल के कॉड से मैच नहीं किया जा सका जिससे प्रोसेस का ऑथेंटिकेशन संभव नहीं हुआ, जिसके चलते हम कारगिल युद्ध हार चुके थे, ये बात आपको सेना का कोई आदमी नहीं बतायेगा, उन इलेक्ट्रॉनिक्स चिप से नियंत

ई वे बिल, डिजिटल इंडिया तथा स्वदेशी चिप उत्पादन से समाधान

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Note: सभी  कार्यकर्ता अपने हर स्तर के अफसरों को कहें कि वे ऐसी वेबसाईट बनाएँ जिसमें देश के किसी  भी नेता का नाम डालकर उनके द्वारा समर्थित या विरोध हुआ बिल का पता चले और बिल का पीडीऍफ़ भी दिखे. मित्रों, जिस तरह से भारत का डिजिटलीकरण तेजी से किया जा रहा है और हर प्रकार के आंकड़ों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में संरक्षित रखने के लिए जिस चिप का निर्माण आज तक भारत नहीं कर सका, जिस चिप द्वारा दुनिया भर के सैन्य हथियारों के संचालन को नियंत्रित किया जाता है स चिप के निर्माण एवं नियंत्रण में आज तक भारत आत्मनिर्भर नहीं हो सका, १९९९ में कारगिल युद्ध के दरम्यान हमारे देश के नेवी का कोड भारत के अन्दर ही हैक किया गया था जिसके चलते हम कारगिल युद्ध हार चुके थे, ये बात आपको सेना का कोई आदमी नहीं बतायेगा, उन इलेक्ट्रॉनिक्स चिप से नियंत्रित होने वाले सिस्टम में देश के कोई भी आंकड़े को संरक्षित करना देश के लिए किसी अप्रत्यक्ष खतरे से कम नहीं चाहे वो आपका आधार डेटा क्यों न हो. यदि आप देश के सुधार सम्बन्धी गतिविधि में लिप्त पाए गए तो आपके आधार नंबर को निष्क्रिय कर उससे जुडी आपकी तमाम सुविधाएं ब्लाक की जा सकेंगी.