यदि भारत सरकार इस्लामिक धर्मांध देशो का लोक्तंत्र अपनाये तो ?
यदि भारत सरकार इस्लामिक धर्मांध देशो का लोक्तंत्र अपनाये तो ?
भारत को मानचित्र मे दिखाये गए सभी मुस्लिम देशो सहित सभी 57 मुस्लिम देशो से भी सावधान होने की ज़रूरत है क्योकी कोई भी 13 मुस्लिम देशो को चीन द्वारा साथ दिया जायेगा एवं 14 देश मिलकर भारत पे हमले की साजिश रचेंगे तथा निकट भविष्य मे हमले भी करेंगे. जिस चीन देश मे विगर मुसलिमो के साथ अमानविय व्यवहार होता है, जिस चीन मे कुरान का पालन करना अपराध हो, उसी चीन का साथ लेकर 13 मुस्लिम देश भारत के खिलाफ आक्रमण करने की मंशा रखते हैं, ये 13 मुस्लिम देश कुल 57 मुस्लिम देशो मे कौन कौन हैं इसका पता लगाना होगा.
संलग्न फोटो जो डेड़ साल पहले की है जहाँ बहरीन के एक mall मे गणेश जी की मूर्ती को नष्ट करते हुए एक बुरकानशी इंसानी आकृती को दिखाया गया है. सूचना के लिए बता दूँ की सऊदी- अरब मे आय़ातित देवी-देवताओं की मूर्तियां यदि किसी धर्मांध इस्लामिक व्यक्ती को दिखी तो ये मूर्तियां तोड़ देने का प्रचलन है, ज़िसकी सूचना अत्यंत कम सनातनियो को होती हैं और दुनिया के किसी भी कोने मे रहने वाले कोई भी हिन्दू कभी इन मामलो को तूल भी नही देता. जबकी दुनिया के कोई भी कोने मे अल्लाह के पैगंबर मोहम्मद के नाम के ऊपर कुछ भी कहा जाये या कोई चित्र या खाका बनाया जाये तो उसका विरोध बृहत पैमाने पे मुस्लिम लोग इस तरह से करते हैं जैसे कि ये लोग दूध के धुले होते हों और झूठ कपट धोखे से मुसलिमो का आज तक कोई वास्ता न हुआ हो !
पारसी लोग भी भारत मे अल्पसंख्यक हैं लेकिन पारसियो ने भारत मे इसका रोना कभी नही रोया, न अपने अल्पसंख्यक होने को अपने किसी प्रकार के विकास मे रुकावट का कारण बताया. वहीं भारत मे अल्लाह को एवं अल्लाह के संदेशवाहक मोहम्मद के नाम को बदनाम करने वाले एवं वास्तविक अरबी मुसलिमो की नजर मे नकली / बनावटी मुस्लिम माने जाने वाले भारत मे रहने वाले मुस्लिम समुदाय हमेशा से अन्य समुदायो की प्रगति से जलन का भाव रखकर अपने अधिकांश भारतीय मुसलिमो के कई मामलो मे पीछे होने का कारण खुद को अल्पसंख्यक बताते हैं.
धर्मांध देश भारत जैसे लोक-तांत्रिक देश को अपना लोक-तंत्र सिखाने की चेष्टा भी न करे क्योकी यदि यहाँ के वाशिन्दे इसलामिक देशो का लोक्तंत्र अपनाये तो जैसा हाल व सलूक इसलामिक देशो मे है वही सलूक यहाँ होते देर नही लगेगी. थोड़ा लिखा है ज्यादा समझना.
Nidhi Rajrani Radhika पुरी गिरी
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.