लाल मोती जवाहर By Vinay Jha

लाल मोती जवाहर By Vinay Jha

ब्रिटिश जासूस T. E. Lawrence कश्मीर में भी रहा था । कश्मीर में धनी ईसाई बाप Harry Nedou की बेटी से उसने शादी की,किन्तु ड्यूटी के कारण बिना बताये लापता हो गया — ऐसा तारिक अली का कथन है । कलकत्ता के अखबार Liberty ने छाप दिया कि कश्मीर में अरब “करम शाह” नाम के जिस व्यक्ति ने हैरी नेडू की बेटी से शादी की वह अरब नहीं है बल्कि ब्रिटिश जासूस T. E. Lawrence है तो लॉरेन्स लापता हो गया ।
बाद में उसी से शेख अब्दुल्ला ने निकाह किया ।

बिना तलाक वाली से निकाह गुनाह है,अतः तारिक अली लिखते हैं कि बाद में १९२९ ई में लॉरेन्स ने तलाक दे दिया । लापता होने के बाद तलाक कैसे दिया?

निम्न साइट https://www.andrewwhitehead.net/blog/srinagar-nedous-reborn पर यह वाक्य मिलेगा=
“Harry Nedou married a Gujjar woman, Mir Jan. Their daughter Akbar Jehan (they had several sons too) married Sheikh Abdullah, the 'Lion of Kashmir', the foremost Kashmiri nationalist of his generation. (Tariq Ali has suggested that Akbar Jehan earlier entered into a brief marriage to T.E. Lawrence, but Lawrence experts  are unconvinced). ”

https://www.paperjewels.org/postcard/nedous-hotel-lahore पर भी लारेन्स की इस शादी वाली बात मिलेगी ।

सुनन्दा वशिष्ठ ने ट्वीटर पर लिखा था कि हैरी की बेटी ने पहले लॉरेन्स से शादी की और तलाक लेकर शेख अब्दुल्ला ने निकाह किया । इसका स्क्रीनशॉट संलग्न है,किन्तु वह ट्वीट मुझे नहीं मिला,सम्भवतः मिटा दिया ।

हैरी नेडू को दूध देने एक गुज्जर लड़की मीर जान आती थी,जिससे हैरी नेडू ने शादी की । उससे जो बेटी पैदा हुई उसका बाद वाला नाम “बेगम अकबर जहाँ अब्दुल्ला” तो शेख अब्दुल्ला से निकाह के बाद वाला नाम है,पहले वाला नाम मुझे कहीं नहीं मिला ।

http://indianmuslimlegends.blogspot.com/2011/02/13-sheikh-mohammed-abdullah.html पर भी यह कथा मिलेगी — १९२८ ई⋅ में लारेन्स ने करम शाह के नाम से हैरी नेडू की बेटी से शादी की किन्तु भेद खुलने पर लापता हो गया और १९२९ ई⋅ में तलाक दिया तो १९३३ ई⋅ में उसी बिचारी से शेख अब्दुल्ला ने निकाह किया । शेख मुख्यमन्त्री बने तो बेगम को सांसद बनवाया । 

नेडू के गुलमर्ग होटल में १९७५ ई⋅ में मैं ठहरा था । श्रीनगर में भी नेडू का होटल है किन्तु बन्द है,अब पुनः चालू होने वाला है ।

https://www.bitchute.com/video/wJ2yOcldzBnH/ पर लिखा है कि नेडू परिवार यहूदी था और ईस्ट इण्डिया कम्पनी के मालिक राथ्सचाइल्ड घराने से सम्बन्धित था । लाहौर में नेडू परिवार ने क्रोशिया से आने का दावा किया था जो उस समय आस्ट्रिया साम्राज्य में था । हैरी नेडू पूणे में पैदा हुए थे । फारुख अब्दुल्ला की भतीजी Nyla Ali Khan लिखती है कि हैरी नेडू की बेटी से लारेन्स की शादी वाली बात झूठ है । वह लिखती है कि माइकल हैरी नेडू बाद में “शेख अहमद हुसैन” बन गये!

तारिक अली https://en.wikipedia.org/wiki/Tariq_Ali ब्रिटेन में रहने वाले प्रसिद्ध पत्रकार,फिल्मकार और इतिहासकार हैं । इनका कहना है कि लारेन्स से हैरी नेडू की १७ वर्षीय बेटी की १९२८ ई⋅ में शादी वाली बात उनको कश्मीर के एक सेवानिवृत नौकरशाह ने बतायी थी ।

http s://mad dy06.b logspot.com/2009/09/lawrence-of-arabia-and-his-life-in.html पर लारेन्स के भारत−प्रवास के बारे में विस्तार से चर्चा है । टॉमस एडवर्ड लारेन्स ने तब ब्रिटेन में छद्म नाम “जॉन ह्यूम रॉस” रखा था किन्तु कराची आने का निर्णय किया तो नाम “टॉमस एडवर्ड शॉ” नाम रख लिया । स्पष्ट है कि जासूसी मिशन पर थे वरना नाम क्यों बदलते?वायुसेना में किरानीगिरी कर रहे थे!वहाँ से पख्तून क्षेत्र मीरानशाह में उनको भेजा गया । लॉरेन्स लेफ्टिनेण्ट−कर्नल थे जब वे सउदी अरब को तुर्क साम्राज्य से स्वतन्त्र कराने के लिए लड़ रहे थे और अनेक पदक पा चुके थे,अब किस कारण से किरानी और टाइपिस्ट बनकर गुमनामी में नाम बदलकर जी रहे थे?तीन वर्षों की ऐसी नौकरी के बाद लन्दन के समाचारपत्र “इवनिंग न्यूज” ने सितम्बर १९२८ ई⋅ में छापा — “लॉरेन्स अॅव अरेबिया का सिक्रेट मिशन” । उस समाचार में लिखा था कि लॉरेन्स को अमृतसर में कम्युनिष्टों पर जासूसी का भार मिला था । इसपर इतना हंगामा मचा कि बिचारे को हटाया गया । १२ जन⋅ १९२९⋅ को उनकी वापसी हो गयी,भारत से बाहर ।

लॉरेन्स जब मीरानशाह में नियुक्त थे उसी काल में अफगानिस्तान में विद्रोह भड़का और बादशाह अमानुल्लाह को अपदस्थ किया गया । लॉरेन्स पर ब्रिटिश जासूस होने का आरोप लगा । कहा गया कि वे “पीर करम शाह” नाम का मुल्ला बनकर जासूसी कर रहे थे । ब्रिटिश सरकार इस बात को नकारती थी,अपने जासूस का भेद कैसे खोलती?किन्तु यह बात सही है कि करम शाह नाम के एक व्यक्ति पर लॉरेन्स होने का आरोप लगाकर पठान भीड़ ने आक्रमण किया था । ब्रिटिश सरकार ने कहा कि वह व्यक्ति लॉरेन्स नहीं था,जबकि अन्य स्रोतों का कहना था कि वह लॉरेन्स ही था जिसे लॉरेन्स के ससुर हैरी नेडू के बॉडीगार्डों ने भीड़ से बचाया । सैयद पीर करम शाह नाम के इस व्यक्ति ने बयान जारी किया कि वह लॉरेन्स नहीं है । किन्तु आरोप लगते रहे ।

तारिक अली लिखते हैं कि लेफ्टिनेण्ट−कर्नल लॉरेन्स एक मामूली किरानी बनने के लिए मीरानशाह नहीं गये थे । कराची में इस किरानी के कमाण्डर ने बुरा व्यवहार किया तो उस कमाण्डर की छुट्टी इस किरानी ने करा दी थी । कबीलों का विद्रोह भड़काने में लॉरेन्स को महारत प्राप्त था यह तो सउदी अरब में १९१६−१८ में ही सिद्ध हो गया था । स्तालिन के मित्र बादशाह अमानुल्लाह के विरुद्ध कबीलाई विद्रोह भड़काने में लॉरेन्स से बेहतर जासूस ब्रिटिश सरकार को कहाँ मिलता? तारिक अली ने कहा कि लॉरेन्स को अरबी भाषा का अच्छा ज्ञान था जिस कारण अफगानों में उनकी बहुत प्रतिष्ठा थी । सोवियत अखबारों ने सबसे पहले भाण्डा फोड़़ा कि लॉरेन्स अफगानों के विरुद्ध जासूसी कर रहे हैं । अमरीकी प्रेस में भी छपा । तब काबुल में स्थित ब्रिटिश मन्त्री ने लिखा कि अफगानों से सम्बन्ध न बिगड़े इसके लिए आवश्यक है कि लॉरेन्स को ब्रिटेन भेजा जाय । तब लॉरेन्स की वापसी हुई । किन्तु मीरानशाह से हटने से कुछ पहले ही बादशाह अमानुल्लाह के विरुद्ध विद्रोह सफल हो गया!ब्रिटेन में वामपन्थियों ने लॉरेन्स का पुतला जलाया ।

मीरानशाह में ड्यूटी के काल में ही लॉरेन्स लाहौर बारम्बार जाते थे जहाँ नेडू के होटल में हैरी नेडू की बेटी से उनकी भेंट हुई । हैरी नेडू की बेटी से उनकी शादी हुई । यह बात हैरी नेडू के बेटे “बेन्जी नेडू” ने एक नौकरशाह को बतायी जिन्होंने तारिक अली को बताया । इसके विरोध में लॉरेन्स के “एक्सपर्टों” का कथन है कि लॉरेन्स समलैंगिक था और स्वयं को चाबुक से मारता था,अतः किसी नारी से वह शादी कर ही नहीं सकता था । परन्तु भारत में तीन वर्षों तक वह रहा तो उसे स्वयं पर चाबुक चलाते किसी ने नहीं देखा,केवल ब्रिटिश सरकार के दलालों ने लन्दन से देख लिया?

हैरी नेडू ने दूधवाली गुज्जर मीर जान से शादी की थी जिसके पूर्वज राजस्थान के राजपूत थे जो बाद में कश्मीर में शिया मुसलमान बनकर रहते थे । मीर जान ने बेटी का नाम “अकबर जहाँ” रखा और उसे शिया बनाये रखा,किन्तु उसके भाइयों के नाम यहूदी रहे यह कैसे मान लें!हैरी नेडू भी बाद में मुसलमान बन गये । अतः “अकबर जहाँ” भी लॉरेन्स से शादी के समय यहूदी रही होगी और लॉरेन्स के लापता होने पर तलाक की बात का प्रचार करने के लिए शिया बनने का प्रचार किया गया ताकि पाँच वर्ष बाद शेख अब्दुल्ला से दूसरी शादी हो सके — क्योंकि शिया में तलाक आसान होता है । तारिक अली शादी और तलाक की बात को सत्य मानते हैं जबकि ब्रिटिश सरकार के आधिकारिक स्रोतों ने कभी अपने किसी जासूस को जासूस नहीं माना । कोई भी देश अपने किसी जासूस को जासूस नहीं स्वीकारता । इसी कारण लॉरेन्स की कश्मीरी शादी वाली बात को नकारा जाता है ।

यदि शादी हुई होगी तो काबुल में तख्तापलट वाले वातावरण में जब मीरानशाह से लॉरेन्स को झटपट ब्रिटेन बुलाया गया तो क्या उस हड़बड़ी वाले काल में लॉरेन्स को कश्मीर जाकर तलाक देने का अवसर मिला होगा?यदि तलाक नहीं दिया तो बेगम की दूसरी शादी हराम हुई?

पता नहीं सच्चाई क्या है । बहुत सी बातें छुपायी गयी हैं । हैरी नेडू का परिवार कहाँ है यह पता नहीं । निम्न वेबसाइट http://www.theindianquest.com/blog-details/Harry-Nedou-and-Controversial-Holkar-Jewelry-Heist?fbclid=IwAR0Pbrq7DdMntdY-R3PdXk7jhnygCEVVijaNFKxd2_LRXftk5g_G6S2r3tU पर लिखा है कि हैरी नेडू इन्दौर के अन्तिम राजा यश्वन्तराव होल्कर के निजी सचिव थे । राजा यश्वन्तराव होल्कर के पिता के २५ लाख रूपये के व्यक्तिगत हीरे−जवाहर १९२६ ई⋅ में लापता हुए किन्तु बाद में पता चला कि उनमें से सबसे कीमती दो नेकलेस एवं एक जवाहर Dudley Necklace ,Inquisition Necklace तथा Indore Pearshaped अमरीका के हैरी विंसटन के पास है तो राजा यश्वन्तराव होल्कर के पिता ने उनपर दावा किया । तब राजा यश्वन्तराव होल्कर ने हैरी विंसटन को पत्र लिखा कि जितने मूल्य में मैंने आपको तीनों नेकलेस बेचे उतने मूल्य में मुझे वापस कर दें । इस पत्राचार के काल में शेख अब्दुल्ला के ससुर हैरी नेडू ही राजा यश्वन्तराव होल्कर के निजी सचिव थे । पिता के व्यक्तिगत हीरे चोरी हुए,पुत्र ने अमरीका में बेचे,तो इसमें निजी सचिव हैरी नेडू की क्या भूमिका रही होगी?उन हीरों को कृपलानी महोदय राष्ट्रीय धरोहर बनाना चाहते थे । राजा के सलाहकार Capt. H. C. Dhanda को हैरी नेडू पसन्द नहीं था,अतः राजा को विश्वास था कि हैरी विंसटन को राजा ने जो गोपनीय पत्र लिखा वह भारत सरकार के पास हैरी नेडू को फँसाने के लिए Dhanda ने पँहुचाया । अर्थात् हीरों की चोरी,बिक्री और पत्राचार में शेख अब्दुल्ला के ससुर की भूमिका थी । उस समय शेख अब्दुल्ला से जवाहरलाल नेहरू के अच्छे सम्बन्ध थे,कश्मीर के राजा को हटाकर शेख अब्दुल्ला को प्रभार सौंपने की तैयारी चल रही थी । हैरी विंसटन का हैरी नेडू से उक्त चोरी वाले मोती−जवाहर पर पत्राचार का फोटो भी इस वेबसाइट पर मिलेगा ।

हैरी नेडू के बेटे कहाँ हैं जिसने तारिक अली के नौकरशाह को अपनी बहन  की दो शादियों की सूचना दी?वह नौकरशाह कहाँ है यह तारिक अली ही बता सकते हैं जो लन्दन में अभी हैं । वे हीरे मोती कहाँ हैं?इन प्रश्नों के उत्तर आपलोग ढूँढें ।
ADDED = लेख में हैरी नेडू की जिस एकमात्र बेटी “अकबर जहाँ” का उल्लेख है उसके बचपन का फोटो नीचे कमेण्ट में मिलेगा ।

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