विण्डो−११ की गुण्डागर्दी का उपचार

माइक्रोसॉफ्ट के निशाने पर रूस ही नहीं,भारत भी है । विण्डो−११ ने बड़ा हंगामा मचाया कि जिस कम्प्यूटर में tpm2.0 spi module का चिप मदरबोर्ड में रहेगा उसी कम्प्यूटर में विण्डो−११ इन्सटॉल हो सकेगा ताकि कम्प्यूटर के डैटा सुरक्षित रहे । मेरे नये लैपटॉप में यह चिप था,अतः विण्डो−११ इन्सटॉल हो गया । तब से माइक्रोसॉफ्ट प्रसन्न है और मैं अवसन्न!बहुत से पुराने प्रोग्राम कार्य नहीं कर रहे हैं । सिस्टम पुनः इन्सटॉल किया । फिर भी लैपटॉप का डिस्प्ले बेकार है । उसका ग्राफिक्स ड्राइवर विण्डो−११ को पसन्द नहीं है,यद्यपि विण्डो−१० में कोई समस्या नहीं थी । दो बाहरी डिस्प्ले अच्छी तरह कार्य कर रहे हैं,जिनमें से एक तो १२ वर्ष पुराना samsung syncmaster B2030 है जो विण्डो−११ में भी ठीक है,किन्तु नये मँहगे लैपटॉप के अपने डिस्प्ले वाले ड्राइवर को विण्डो−११ इन्सटॉल ही नहीं होने दे रहा है और किसी अज्ञात गलत डिस्प्ले ड्राइवर को स्वतः इन्सटॉल कर देता है!

३२−बिट वाले अनेक पुराने प्रोग्राम हैं जो स्टार्ट हो जाते हैं किन्तु अदृश्य रहते हैं,सिस्टम में उनका सेटप अथवा रन फाइल अनन्त काल तक चुपचाप चलता रहता है । गूगल सर्च बताता है कि कम्पैटिबिलिटी मोड में ऐसी समस्या नहीं आयगी,किन्तु समस्या है ।

आज शङ्का हुई कि विण्डो डिफेण्डर कोई शरारत कर रहा होगा । विण्डो डिफेण्डर चलाया तो विण्डो−११ उसे अज्ञात प्रोग्राम बता रहा है जिसे स्टार्ट करना सम्भव नहीं!अर्थात् जिस सुरक्षा को लेकर विण्डो−११ ने इतना हाय−तौबा मचाया और साढ़े चार लाख रूपये वाले बड़े डेस्कटॉप में tpm2.0 चिप न होने के कारण उसमें विण्डो−११ इन्सटॉल ही नहीं होने दिया,उसी विण्डो−११ ने लैपटॉप में tpm2.0 चिप होने पर स्वयं को तो इन्सटॉल कर दिया और विण्डो डिफेण्डर सहित सारे अपडेटों को भी इन्सटॉल करके रिपोर्ट दे रहा है कि सबकुछ ठीकठाक है,परन्तु विण्डो डिफेण्डर को कार्य नहीं करने दे रहा है!फोटोशॉप जैसे बहुत से प्रोग्रामों को इन्सटॉल नहीं होने दे रहा है । विण्डो डिफेण्डर कार्य नहीं करेगा तो वायरस का खतरा होगा!तब एडमिन मोड में पावरशेल खोलकर उसमें निम्न कमाण्ड रन करने पर विण्डो डिफेण्डर कार्य करने लगा=
Get-AppxPackage Microsoft.SecHealthUI -AllUsers | Reset-AppxPackage

माइक्रोसॉफ्ट के वेबसाइट पर इस बारे में कोई सहायता नहीं मिली । उपरोक्त कमाण्ड भी technipages com वेबसाइट पर मिली ।

अतः विण्डो−११ के सेक्यूरिटी−हेल्थ में ही खराबी थी । भारत में “सरकार” नाम की कोई चीज होती तो मैं माइक्रोसॉफ्ट पर मुकदमा ठोक देता । किन्तु भारत तो अभी भी मैकॉले की गुलाम है जो अम्बानी की सुन सकता है,मेरी नहीं।

भारत कब अपना ऑपरेटिंग सिस्टम बनायेगा ताकि अमरीका की गुलामी से छुटकारा मिले?माइक्रोसॉफ्ट में बहुत से भारतीय वैज्ञानिक कार्यरत हैं किन्तु कमाला हैरिस की तरह कमाल करते हैं । विण्डो−११ के कारण मेरे सारे कार्य ठप्प हैं । लगता है पुनः विण्डो−१० इन्सटॉल करना पड़ेगा ।

रूस या चीन से भारत व्यापार करे इसके लिए माध्यम डॉलर क्यों हो?ऐसा करने से डॉलर की माँग बढ़ती है जिस कारण उसका मूल्य बढ़ता है । यही कारण है कि रूपया का विनिमय दर रूपया की वास्तविक क्रयशक्ति के २६% पर गिर चुका है!इतना लूट तो ब्रिटिश राज में भी नहीं होता था ।

इस विषय पर पृथक लेख पोस्ट करना है । अभी इतना बता दूँ कि शिवजी के त्रिशूल राजचिह्न वाले उक्राइना देश की राजधानी “शिव” पर रूस कोई आक्रमण ही नहीं कर रहा है जबकि भारतीय मीडिया बता रही है कि आज रूसी सेना को वहाँ से ८० किमी पीछे धकेल दिया गया है!सेमेटिक अल्फाबेट में “श” के लिए कोई चिह्न नहीं था जिस कारण सदियों तक सेमेटिकों का दास रहने के कारण “शिव” का उच्चारण “क्यिव” (Kyiv) हो गया जिसे जर्मन में किएफ कहते हैं ।

क्यिव के पश्चिमोत्तर में इरपिन शहर में रूसी सेना तीन सप्ताह से डटी है और आगे बढ़ने का कोई प्रयास नहीं कर सकती क्योंकि विशाल दलदल है जिसपर पुल आरम्भ में ही तोड़ा जा चुका था । क्यिव के पूर्वोत्तर का भी वही हाल है,उधर भी विशाल दलदल के कारण  रूसी सेना रुकी हुई है । क्यिव में केवल दक्षिण से ही आक्रमण हो सकता है जिधर रूसी सेना ने जाने का प्रयास तक नहीं किया । तब क्यिव में युद्ध कैसे हो रहा है?पुतिन के दो ही लक्ष्य हैं — उक्राइना की सैन्य शक्ति का नाश और नात्सी विचारधारा का नाश । ये दोनों लक्ष्य कुछ ही दिनों में पूरे नहीं हो सकते,किन्तु मीडिया बकवास कर रही है कि पुतिन दो−तीन दिनों में लक्ष्य पूरा करना चाहते थे जो झेलेन्स्की की वीरता के कारण पूरा नहीं कर सके!

चार दिन पहले झेलेन्स्की ने डरकर बयान दिया कि शान्तिवार्ता के लिए तैयार हैं और नैटो का सदस्य नहीं बनेंगे । तुरन्त ब्रिटेन ने कहा कि रूस के पास अब केवल दस दिनों का गोला−बारूद बचा है,अर्थात् लगभग २५ मार्च तक समूचा रूस झेलेन्स्की का गुलाम बन जायगा!अमरीका ने भी संसद में वीडियो कान्फ्रेन्स करा दिया । पुनः कॉमेडियन मुँगेरीलाल को मॉस्को (मस्क्वा) जीतने के हसीन सपने आने लगे!

हिटलर से लड़ने में ६ वर्षों तक रूस का गोलाबारूद नहीं चुका,अब १० दिनों में चुक गया!

जिस प्रकार “शिव” का “क्यिव” हो गया,वैसे ही मस्क्वा का वास्तविक अर्थ था “माता की (नगरी)” । उसी नाम की नदी के किनारे है ।

विण्डो−११ की गुण्डागर्दी का उपचार:

फोटोशॉप−७ किसी भी प्रकार से विण्डो−११ में इन्सटॉल नहीं हो रहा था,इसका सेटप⋅एक्से स्टार्ट होकर बैकग्राउण्ड में हैंग करता था । तब आल्ट+कण्ट्रोल+डेल दबाकर टास्क मैनेजर खोला तो उसमें “विण्डो ३२ सेटप लाउञ्चर” लटका हुआ था । माइक्रोसॉफ्ट का कोई हेल्प काम नहीं आया । केवल निम्न विधि काम आयी ।

टास्क मैनेजर में “विण्डो ३२ सेटप लाउञ्चर” को राइट−क्लिक करने पर Details टैब का विण्डो खुला,उसमें “विण्डो ३२ सेटप लाउञ्चर” के setup.exe को ढूँढकर राइट−क्लिक किया और “analyze wait chain” खोला ताकि हैंग करने वाले सब−प्रोग्राम का पता चले,तो Nvcontainer.exe मिला जिसका सम्बन्ध फोटोशॉप से बिल्कुल नहीं है,वह NVIDIA का आवश्यक प्रोग्राम है जो NVIDIA के डेडिकेटेड ग्राफिक कार्ड के कारण इन्सटॉल्ड है । NVIDIA ने सोचा कि ३२ बिट वाला फोटोशॉप−७ कोई पुराना गेम है जो ६४ बिट वाली नयी मशीन के लिए ठीक नहीं होगा तो उसे ब्लॉक कर दिया!तब टास्क मैनेजर में Nvcontainer.exe को एण्ड−टास्क कर दिया ; फोटोशॉप−७ आसानी से इन्सटॉल्ड हो गया ।

विण्डो−१० में NVIDIA ने ३२ बिट वाले प्रोग्रामों के साथ यह बदमाशी नहीं की थी । स्पष्ट है कि विण्डो−११ ने अभी तक NVIDIA की इस गुण्डागर्दी का उपचार नहीं सोचा है । NVIDIA को लगा कि गेम खेलने के सिवा मुझे और कुछ नहीं करना चाहिए,तथा NVIDIA ने यह भी सोच लिया कि मुझे केवल ६४ बिट के गेम खेलने चाहिए । NVIDIA ने यह भी सोच लिया कि फोटोशॉप−७ मौर्यकाल का कोई आउटडेटेड गेम है जिसको ब्लॉक करना उचित है — वह भी बिना बताये!विण्डो−११ ने भी सोच लिया कि NVIDIA को ही सबकुछ सोचना चाहिए!

केवल अमरीकी कम्पनियों को ही सोचने का अधिकार है? जो वैसा न माने वह पुतिन की तरह बदमाश है?

जब ग्राफिक कार्ड अथवा NVIDIA की आवश्यकता पड़ेगी तब C:\Program Files\NVIDIA Corporation\NvContainer पथ में Nvcontainer.exe फाइल को रन कर लूँगा । सम्भवतः अन्य सभी ३२ बिट वाले पुराने प्रोग्रामों के setup.exe को भी Nvcontainer.exe इसी तरह ब्लॉक करेगा ।

अमरीकी कम्पनियों को ही सोचने का अधिकार नहीं है,भारत के लोग भी सोचना जानते हैं और आवश्यकता पड़ने पर उनकी सोच पर ताला लगाना जानते है । अतः फिलहाल मैंने Nvcontainer.exe पर ताला लगा दिया है,सारे पुराने ३२ बिट के सेटप करने के उपरान्त Nvcontainer.exe को चालू कर दूँगा ।

(बिना सोचे−समझे टास्क मैनेजर में किसी प्रोग्राम को “एण्ड टास्क” न करें,विण्डो सिस्टम गड़बड़ा सकता है । पहले उस फाइल के बारे में गूगल सर्च कर लें । कोई प्रोग्राम हैंग करे तब उसे टास्क मैनेजर में “एण्ड टास्क” करें ।)

By Vinay Jha

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