राजिव भाई का राईट टू रिकॉल पर सबसे महत्त्वपूर्ण सन्देश

  राजिव भाई का सबसे महत्त्वपूर्ण सन्देश :
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https://www.youtube.com/watch?v=EywTrIr3-Mc
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  प्रश्नकर्ता : राईट टू रिकॉल पर आपका क्या कहना है ?
.राजीव भाई : राईट टू रिकॉल होना चाहिए। होना चाहिए। किन्तु इसके लिए “मौजूदा व्यवस्था” को बदलना होगा।
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  प्रश्नकर्ता : कुछ लोग कुतर्क देते है कि “व्यवस्था परिवर्तन” कैसे किया जा सकता है ? मतलब क्या पद्धति से “व्यवस्था परिवर्तन” किया जा सकता है ?

राजिव भाई : सबसे आसान पद्धति होती है “लॉ चेंज करना”। क्योंकि जो भी “व्यवस्था” जो चलती है न वो “लॉ पर बेस्ड” होती है। कोई क़ानून होता है वह ही सिस्टम को बनाता है। “तो आप क़ानून चेंज करे तो सिस्टम चेंज होगा”। जैसे इनकम टेक्स का क़ानून है। उसने एक सिस्टम बनाया है। आप इनकम टेक्स रिपील कर दो “सिस्टम चेंज” हो जाएगा। सबसे सिम्पल तरीका है “सिस्टम बदलने” का — “लॉ बदलना”।
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यदि आपके सम्पर्क में कोई राजिव भाई का समर्थक है तो उन्हें यह वीडियो अवश्य दिखाए।
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   संस्मरण
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राजिव भाई के सन्देश वाहक को 1991 या शायद 1992 में सुना था। हमारे सरकारी स्कूल की प्रार्थना सभा में तब एक 30 वर्षीय व्यक्ति पहुंचा – काली पेंट सफेद शर्ट, रंग साफ़, दुबला-पतला, वजन लगभग 55 किलो। प्रिंसिपल साहेब ने घोषणा की, “आज हमारे बीच में एक ज्ञानी वक्ता मौजूद है। ये आपको कुछ सुनाएंगे। सुनिए।
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खुले मैदान में आयोजित लगभग 1000 छात्रों की सभा को उस व्यक्ति ने बिना माइक के 1 घंटे तक निर्बाध रूप से सम्बोधित किया। मुझे उस पूरे वक्तव्य का एक लफ्ज अच्छे से याद रह गया — मैकाले ! ये समझ नहीं आया कि ये मैकाले है कौन और क्या चाह रहा है। पर ये बात समझ आ गयी कि हमारी शिक्षा व्यवस्था मैकाले शिक्षा व्यवस्था है। और यह खराब है। आज के दौर में शायद यह सम्भव नहीं है कि कोई व्यक्ति सरकारी स्कूल में आकर 1000 छात्रों को खुले आम यह सूचना दे जाये कि तुम जो शिक्षा व्यवस्था ग्रहण कर रहे हो वह ख़राब है।
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तब मैं शाखा जाता था। तो अपने शाखा शिक्षक से पूछा कि कोई आदमी आया था। मैकाले शिक्षा व्यवस्था बदलना है बोल रहा था। तो कौन आदमी इसे बदलने नहीं दे रहा है ? उन्होंने क्या बताया यह मुझे याद नहीं । किन्तु इतना याद रह गया कि — वह राजिव भाई का आदमी था।
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फिर राजिव भाई को मैंने 1999 से 2002 के बीच और बाद में 2008 से 2010 के बीच सुना। 1998 से ही बीजेपी का सक्रीय सदस्य होने से संघ / स्वदेशी जागरण मंच / विहिप / स्वामी रामदेव की सभाओ के साथ साथ राजीव भाई और उनके सन्देश वाहको की सभाएं भी हिस्से में आती रहती थी। राजिव भाई की हत्या 2010 में हो गयी थी। 2012 तक आते आते यह तय हो गया था कि उनकी व्यवस्था परिवर्तन की मुहीम अब बंद हो गयी है। स्वामी रामदेव से कभी उम्मीद नहीं बनी। मैं 2009 से ही मोदी साहेब का पैरोकार था। मैं मानता था कि यदि मोदी साहेब पीएम बन जाए तो सब ठीक कर देंगे।
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  क़ानून और संविधान की किताबें पढ़ लेने और राजनीति में सक्रिय रहने से मुझे इस बात की जानकारी बरसों पहले हो चुकी थी कि देश को पूरा क़ानून चलाते है। जब तक हम हमारे क़ानून नही बदलेंगे तब तक होने नहीं वाला कुछ। पर मैं इस गलतफहमी का शिकार था कि क़ानून वही आदमी बदलेगा जो सत्ता में होगा। मेरी इस गलतफहमी ने दूर होने में 20 साल ले लिए।
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2013 में मेरा सम्पर्क एक आदमी से हुआ जिसने मुझे बताया कि उसने अमुक समस्या को हल करने के लिए कानून लिखा है। मैं सन्नाटे में आ गया। मैंने सोचा कि — ये आदमी ने क़ानून कैसे लिख दिया। क़ानून तो सरकार लिखेगी। उस आदमी ने बताया कि सरकार तो लिख नहीं रही 25 साल हो गए और न ही बता रही है कि सिस्टम को बदलने के लिए कौनसे क़ानून लाने है। तो मैंने ही लिख दिए है। ये क़ानून हम सरकार को भेजकर कहेंगे कि इन्हे लागू कर दो। मेरा दिमाग ठिकाने आ गया। मालूम हुआ कि मैं कितना बेवकूफ इंसान हूँ। जमीन खुद जाए तो मैं इसमें उतर जाऊं।
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  बहरहाल, अब किसी नेता की पूँछ पकड़ कर लटके रहने की जरूरत नहीं है। न ही किसी पार्टी या संगठन में इसीलिए धक्के खाने की आवश्यकता है कि यह संगठन या पार्टी देश की व्यवस्था में परिवर्तन ले आएंगे। हमें जो व्यवस्था चाहिए उनको लागू करने के लिए हम खुद ही क़ानून लिखकर सरकार को पकड़ा सकते है। हमें जैसी व्यवस्था चाहिए उसको लाने के लिए आवश्यक क़ानून लिखो और नागरिको में प्रचार करो। पार्टी परिवर्तन , नेता परिवर्तन का तमाशा खत्म। नेताओ और पार्टियों के चकमे में 20 साल वेस्ट हो गए। फिर इल्म हुआ कि ये वेस्ट नहीं हुए थे बल्कि व्यवस्था परिवर्तन की विरोधी पार्टियों द्वारा जानबूझकर कर वेस्ट दिए गए थे। यही इनकी नीति है।
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बाद को मुझे मालूम हुआ की राजिव भाई ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए कानून ड्राफ्ट लिखे थे। लेकिन इससे पहले कि वे ड्राफ्ट पब्लिक में आते उनकी हत्या कर दी गयी। और इन ड्राफ्ट्स को उनके घनिष्ठ सहयोगियों में से किन्ही ने गायब कर दिए। राजीव भाई ने कहा था कि किसी भी व्यवस्था परिवर्तन के लिए कानूनों में बदलाव करना होता है। यदि आप व्यवस्था परिवर्तन करना चाहते है तो आपके पास वे क़ानून होने चाहिए जो व्यवस्था को बदलेंगे।
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  व्यवस्था परिवर्तन के लिए आवश्यक कानूनों के हस्तगत होने के बाद मैंने संघ से लेकर बीजेपी और कांग्रेस से लेकर स्वदेशी जागरण मंच और स्वामी रामदेव तक सभी से पूछना शुरू किया कि, आप सिस्टम को सुधारना चाहते है तो वैकल्पिक क़ानून दिखाइए। तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया। और तब मैं इस बात को लेकर सुनिश्चित हो गया कि इनको वोट चाहिए, सत्ता चाहिए, ख्याति चाहिए, जय जयकार चाहिए या जो कुछ भी चाहिए पर व्यवस्था परिवर्तन नहीं चाहिए। वे बुरे क़ानून देंगे तो व्यवस्था और बदतर हो जायेगी और यदि वे अच्छे क़ानून रखेंगे तो व्यस्था बेहतर होगी। किन्तु वे अच्छे या बुरे किसी भी प्रकार के क़ानून पर बात ही नहीं करना चाहते है। वे बार बार यह शब्द नारे की तरह दोहराते है कि — व्यवस्था परिवर्तन होना चाहिए, हमारा सिस्टम खराब है, इसे बदलना है आदि। पर बदलने के लिए जो क़ानून चाहिए उनकी बात करते ही इनके चेहरे पर मुर्दनी छा जाती है। मक्कार।
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इस विषय में राजिव भाई के फर्जी समर्थको का स्टेण्ड सबसे रोचक होता है।
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जब मैं उनसे पुछता हूँ कि व्यवस्था परिवर्तन करना है ? तो वे कहते है कि — “हाँ, वही तो करने में लगे हुए है। हमें राजिव भाई के सपनो का भारत बनाना है। विदेशी कम्पनियो को भगाना है, गाय को बचाना है, कृषि और निर्माण में देश को आत्मनिर्भर बनाना है, मैकाले व्यवस्था को हटाना है”।
  फिर मैं जब उनसे कहता हूँ कि विदेशी कम्पनियो को रोकने के लिए तो क़ानून बनाना होगा। तो इसका क़ानून ड्राफ्ट तो दीजिये। तो वे मुझसे कहते है कि — “इसके लिए हमें क़ानून की जरूरत ही नहीं है !! बस “राजिव भाई के सपनो का भारत बनाना है बनाना है बनाना है” ऐसा नारा हर समय फेसबुक पर लिखते रहने से और राजिव भाई की फोटो प्रोफाइल पर चिपका देने से विदेशी कंपनियां अपने आप भाग जायेगी, भारत कृषि एवं निर्माण में आत्मनिर्भर हो जायेगा, गाय बच जायेगी। व्यवस्था परिवर्तन के लिए कानूनों में परिवर्तन की आवश्यकता तो चिड़ीमार को होती है। हम इसे मौखिक में ही कर देंगे”। बताइये !!!
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तो राजिव भाई के ऐसे समर्थको को मैं फर्जी समर्थक कहता हूँ जो कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आवश्यक क़ानून प्रस्तुत करने से इंकार करते है और जब हम उन्हें कोई क़ानून उपलब्ध करवाते है तो इन्हे भी पढ़ने से इंकार कर देते है। ये राजिव भाई का समर्थक होने का सिर्फ दिखावा करते है और यह भ्रम खड़ा करने के लिए ये लोग अपनी सोशल मिडिया प्रोफाइल पर राजिव भाई की फोटो चस्पां कर देते है। असल में ये भी उतने ही भ्र्ष्ट है जितने कि अन्य।
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   मेरा बिंदु यह है कि यदि आपका सामना राजिव भाई के किसी समर्थक से हो तो यह पता लगाने के लिए कि वह व्यवस्था परिवर्तन का फर्जी समर्थक है या फर्जी उससे व्यवस्था परिवर्तन के लिए आवश्यक कानूनों के ड्राफ्ट देने को कहे। यदि वह कोई ड्राफ्ट न दे तो आप उसे किसी भी समाधान का ड्राफ्ट दें और उसे इसका समर्थन करने को कहे। यदि वह इन कानूनों का “मरा हुआ समर्थन” करे या इनका विरोध करने लगे या अपना रुख स्पष्ट करने में टालमटोल करे तो आपको तुरंत यह बात समझ लेनी चाहिए कि आपका सामना एक मक्कार से हो चुका है। इनका विरोध करें। क्योंकि ये लोग सबसे खतरनाक है। ये महात्मा राजीव दीक्षित जी के नाम और चित्र का इस्तेमाल करके नागरिको को भ्रमित कर रहे है।
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 समाधान:  

हमारा प्रस्तावित समाधान है देश भर में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475760442516940 , सम्पूर्ण रूप से भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाली कम्पनियों (WOIC) के लिए कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475758839183767 एवं राईट-टू-रिकॉल सम्बन्धी अन्य ड्राफ्ट के लिए https://www.facebook.com/notes/1479571808802470  को गजेट में अतिशीघ्र प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून बनाने की मांग अपने विधायक, सांसद, मंत्री-महोदय से करें.
 सांसद व विधायक के नंबर यहाँ से देखें nocorruption.in/
🚩 अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून लागू करवाने के लिए उन पर जनतांत्रिक दबाव डालिए, इस तरह से उन्हें मोबाइल सन्देश या ट्विटर आदेश भेजकर कि:-
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” माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि‘ “सम्पूर्ण रूप से भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाली कम्पनियों (WOIC) के लिए कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475758839183767  ”
को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से इस क़ानून को लागू किया जाए, नहीं तो हम आपको वोट नहीं देंगे.
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz ”
इसी तरह अन्य ड्राफ्ट के लिए भी आदेश भेज सकते हैं .
आप ये आदेश ट्विटर से भी भेज सकते हैं. twitter.com पर अपना अकाउंट बनाएं और प्रधामंत्री को ट्वीट करें अर्थात ओपन सन्देश भेजें.
ट्वीट करने का तरीका: होम में जाकर तीन टैब दिखेगा, उसमे एक खाली बॉक्स दिखेगा जिसमे लिखा होगा कि “whats happening” जैसा की फेसबुक में लॉग इन करने पर पुछा जाता है कि आपके मन में क्या चल रहा है- तो अपने ट्विटर अकाउंट के उस खाली बॉक्स में लिखें  ” @PMO India I order you to print draft “WOIC : fb.com/notes/1475758839183767   in gazette notification asap” . इसी तरह अन्य ड्राफ्ट के लिए भी आदेश भेज सकते हैं .
बस इतना लिखने से पी एम् को पता चल जाएगा, सब लोग इस प्रकार ट्विटर पर पी एम् को आदेश करें.
याद रखिये कि इस तरह की सभी मांगों के लिए सौ-पांच सौ की संख्या में एकत्रित होकर ही आदेश भेजिए, इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.
🚩राईट टू रिकॉल, ज्यूरी प्रणाली, वेल्थ टैक्स जैसेे क़ानून आने चाहिए जिसके लिए, जनता को ही अपना अधिकार उन भ्रष्ट लोगों से छीनना होगा, और उन पर यह दबाव बनाना होगा कि इनके ड्राफ्ट को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दें, अन्यथा आप उन्हें वोट नहीं देंगे.
अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/1479571808802470
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जय हिन्द, जय भारत, वन्दे मातरम् ||

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