मोबाइल नंबर से आधार नंबर लिंक करने के दुष्परिणाम

🚩 मोबाइल नंबर से आधार लिंक करने का दबाव डालना एक बहुत बड़े साजिश का हिस्सा है, जिसका परिणाम पब्लिक को भूखों मारने जैसा होगा. और जबरन आर्थिक इमरजेंसी लगवाने जैसा ही है. -ये एक बहुत बड़े फ्रॉड और टेलिकॉम कंपनियो द्वारा चोरी का जरिया बनेगा.

🚩 अन्य साइड इफेक्ट्स में सरकारें अपने विरोधियों को जानकार उन्हें बर्बाद करने के लिए उनके बैंक खाते सील करवा सकती है, साथ ही जिस जिस चीज एवं अकाउंट से आपने ये लिंक किया है, उसपे दुराग्रह पूर्वक काम करके अपने विरोधियों को ऐसे ख़तम करवा देगी कि आपको स्वयं पता न चल सकेगा. उदाहरणार्थ, अगर विरोधी बीमार पड़ा, हॉस्पिटल में बिल के पैसे देने के लिए कार्ड से पे किया, फिर दावा लेने के लिए कार्ड से पे किया तो आधार कार्ड के नंबर के जरिये आप वाच किये जा रहे होंगे, जरूरत के वक्त आपको दवा भी गलत दी जा सकेगी, जिससे विरोधियों को भी अपनी मौत का एहसास तक न हो सकेगा.
आप का फिंगर प्रिंट लेकर आपको विशेष नागरिक फील करवाया जा रहा है, आप यदि सरकार एवं कॉर्पोरेट के विरोधी हुए तो हो सकता है कि आपके फिंगर प्रिंट स्वाइप करने के बाद भी एक्सेस न मिले, अब आपको इतना एहसास तक न होगा कि इस सब के पीछे क्या साजिश चल रही है.
🚩  कोई भी अपने आधार कार्ड को मोबाइल नंबर और बैंक से लिंक न करें. साइड इफ़ेक्ट के लिए आगे पढ़ें. अधिक से अधिक कॉपी करें.
उपाय के लिए twitter.com पर अपना अकाउंट बनाएं और प्रधामंत्री को ट्वीट करें अर्थात ओपन सन्देश भेजें. ट्वीट करने का तरीका: होम में जाकर तीन टैब दिखेगा, उसमे एक खाली बॉक्स दिखेगा जिसमे लिखा होगा कि “whats happening” जैसा की फेसबुक में लॉग इन करने पर पुछा जाता है कि आपके मन में क्या चल रहा है- तो अपने ट्विटर अकाउंट के उस खाली बॉक्स में लिखें ” @PMO India #CancelAadharCard . बस इतना लिखने से पी एम् को पता चल जाएगा, सब लोग इस प्रकार आधार कार्ड का विरोध ट्विटर पर पी एम् को करें.
🚩 पता नहीं कितने लोगों को मालूम है कि एयरटेल अब सिर्फ टेलीकॉम कंपनी नहीं है उसका एक एयरटेल बैंक भी है, रिजर्व बैंक से लाइसेंस लेकर 1 साल पहले चालू हुआ| अब जो लोग एयरटेल को मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार दे रहे हैं उनमें से बहुतों को मूर्ख बनाकर फॉर्म में बैंक खाता खोलने और उसमें सबसिडी जमा होने के एक बॉक्स पर भी टिक लगा दिया जा रहा है| ऐसे कितने खाते बगैर खातेदार की सहमति और जानकारी के खोले जा चुके हैं, नहीं मालूम|
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🚩  अब इसका पता ऐसे चला कि बहुत से लोगों की एलपीजी सबसिडी इसमें जाने लगी – 23 लाख खातों में 47 करोड़ रू जमा हो गए और खातेदारों को कुछ पता नहीं| तो क्या होगा? खाता इनऑपरेटिव रहेगा और धीरे-धीरे बैंक मिनिमम बैलेंस या और चार्जेज के नाम पर इस पैसे को हजम कर लेगा| और भी पता नहीं क्या-क्या होगा इन खातों में – किसका मनी लौंडरिंग, अपराध, फ्रॉड, आदि का पैसा आएगा-जायेगा| नोटबंदी में ऐसे फर्जी खातों के जरिये क्या नहीं हुआ! कुछ पकड़ा गया तो गला फंसेगा खातेदार का|
सबसे बड़ी बात ये कि अब जिओ बैंक, आईडिया बैंक भी खुलने वाले हैं!
सावधान रहिये!
🚩इस तरह की सभी समाचारों को त्वरित फैलाने के लिए एवं बिना लॉग इन के सबके द्वारा देखे जा सकने के लिए’ सभी कार्यकर्ताओं को भी ऐसे प्रामाणिक तरीकों को अपनाना चाहिए और अपने आसपास सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहिए | कार्यकर्ताओं और नेताओं को अपने वोटर नंबर के साथ अपनी मांग सार्वजानिक रखनी चाहिए | लेकिन राष्ट्र-व्यापी परिवर्तन लाने के लिए उनको अच्छे प्रक्रिया जैसे टी.सी.पी. (rtrg.in/tcpsms.h) आदि का बढ़ावा करना चाहिए और मांग करनी चाहिए |
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हमने इस प्रमाणिक इमानदार सिस्टम का एक छोटा सा डेमो तैयार किया है, जिसे यहाँ देखें – smstoneta.com/hindi

जनता की आवाज को दबाया जाना असंभव बनाने के लिए पारदर्शी शिकायत प्रणाली होना अनिवार्य है,जिससे सबूत इत्यादि सार्वजनिक उपलब्ध करवाया जा सके. जनता की आवाज – पारदर्शी शिकायत प्रणाली’ — टीसीपी के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475751599184491

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सांसद व विधायक के नंबर यहाँ से देखें nocorruption.in/
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🚩 अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून लागू करवाने के लिए उन पर जनतांत्रिक दबाव डालिए, इस तरह से उन्हें मोबाइल सन्देश या ट्विटर आदेश भेजकर कि:-
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” माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि पारदर्शी शिकायत प्रणाली’ — टीसीपी के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475751599184491
को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से इस क़ानून को लागू किया जाए, नहीं तो हम आपको वोट नहीं देंगे.
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz ”
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कॉर्पोरेट एवं अन्य बड़ी शक्तिशालियों द्वारा जनता के साथ सरेआम ठगी करने के लिए क्या दंड दिया जाए, इसका निर्णय जनता के हाथ में देना चाहिए, क्योंकि ये संस्थान जनता से सीधे सम्बंधित है, सरकार से इनको मात्र धन एवं वोट के लिए अमुक अमुक व्यक्ति को प्रोमोट करने से काम होता है.
इस तरह से न्याय को ज्यूरी प्रणाली  बोलते हैं. अधिक समझने के लिए ड्राफ्ट यहाँ देखें- fb.com/notes/1475753109184340
याद रखिये कि इस तरह की सभी मांगों के लिए सौ-पांच सौ की संख्या में एकत्रित होकर ही आदेश भेजिए, इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.
>🚩राईट टू रिकॉल, ज्यूरी प्रणाली, वेल्थ टैक्स जैसेे क़ानून आने चाहिए जिसके लिए, जनता को ही अपना अधिकार उन भ्रष्ट लोगों से छीनना होगा, और उन पर यह दबाव बनाना होगा कि इनके ड्राफ्ट को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दें, अन्यथा आप उन्हें वोट नहीं देंगे.
अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/1479571808802470
औपचारिकताएं सज्जनों के लिए निभानी चाहिए. दुष्टों के लिए नहीं.
कंटेंट को कॉपी करने का कारण ये है कि समाचार ज्यादा फैलने पर इन्टरनेट पर कुछ आर्टिकल ब्लाक कर दिए जाते हैं.
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More than 23 lakh customers have received cooking gas subsidy of Rs 47 crore in their respective AirtelBSE -0.32 % Bank accounts they don’t seem to have opened, prompting the government to intervene even as the top mobile operator denied any wrongdoing.
Consumers receive cooking gas subsidy in their bank accounts linked to their unique biometric identity, or Aadhaar. But after several consumers lately complained about not receiving subsidy, it emerged that their subsidy had actually been credited to their respective Airtel Bank accounts.
The oil ministry has clarified that the rule is to transfer subsidy to the latest bank account of the beneficiary seeded with their Aadhaar number.
Since June 9 this year, more than 23 lakh gas consumers received over Rs 47 crore of subsidy in more than 41 lakh transactions in their Airtel Bank accounts, according to a communication sent by a state oil company to National Payments Corporation of India (NPCI). Of these, about 11 lakh gas customers belong to Indian OilBSE -0.71 % while the balance is evenly split between Bharat PetroleumBSE -1.28 % and Hindustan PetroleumBSE 0.00 %. NPCI maps bank accounts with Aadhaar and oversees retail payments and settlement systems in the country.
The state oil firm also told NPCI that Airtel has been opening payments bank accounts of its customers without their consent, and that retail shops representing Airtel do check boxes for opening Airtel Bank account and receiving subsidy while e-verifying customers who had approached them for linking their Aadhaar with their mobile number, or ordered a replacement SIM or a new connection.
The firm has also urged NPCI to stop further Aadhaar number being seeded into Airtel Bank without consumer consent and get Rs 47 crore transferred from Airtel Bank to the customers’ existing bank accounts where the subsidy should have gone in the first place.
The oil ministry said it has also taken up the matter with Airtel, NPCI and the finance ministry in this regard.
The country’s top mobile operator has denied any wrongdoing, saying it was transparently abiding by the law.
“Airtel Payments Bank is fully compliant with all guidelines and follows a stringent customer onboarding process,” the telco said in response to ET’s query.
“Airtel Payment Bank accounts are opened only after explicit consent from the customer. A separate consent for direct benefit transfer is taken from all customers,” it said.
In September, UIDAI, which issues Aadhaar, had served a notice on Airtel following complaints over its retailers allegedly opening payments bank accounts without taking informed consent of customers seeking Aadhaar-based mobile number verification.
Airtel began operating a payment bank last year after the RBI allowed opening of such banks, which can’t lend like traditional banks and must have a minimum paid-up equity capital of Rs 100 crore.
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जय हिन्द, वन्दे मातरम.

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