श्री गुरमीत राम रहीम सिंह जी पर लगाए गए झूठे मुकदमो की समय सारणी :
श्री गुरमीत राम रहीम सिंह जी पर लगाए गए झूठे मुकदमो की समय सारणी :
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(a) सन 2002 में वाजपेयी को दो गुमनाम खत प्राप्त हुए !! खतो के बारे में यह दावा किया गया था कि ये पत्र गुरु राम रहीम की साध्वियों द्वारा लिखे गए थे !! और इन खतो में यह दावा किया गया था कि गुरु श्री राम रहीम जी ने 1999 में इन साध्वियों का बलात्कार किया था !! ( मतलब बलात्कार के 2 से 3 वर्ष बाद गुमनाम खत भेजे गए ) !!!
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(b) घटना के 3 साल बाद भेजे गए इन गुमनाम खतो के आधार पर वाजपेयी ने सी बी आई जांच के आदेश जारी किये !!! ( हाँ , वही हिन्दुवाद वाले वाजपेयी !! ) और बहाना यह था कि --- हाई कोर्ट के जज ने वाजपेयी को सी बी आई जांच करवाने के आदेश दिए थे !!!
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(c) सी बी आई के आईपीएस अधिकारी ने कुछ 20 साध्वियों से बेहद गहन ,संदिग्धार्थक, अनेकार्थक एवं घुमावदार प्रश्न किये। इन बयानों को crpc 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने रिकोर्ड किया गया। और पूछे गए इन अनेकार्थक प्रश्नों के जवाबो को "सबूत" के तौर पर मान लिया गया !!!
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(d) साध्वियां लगातार कह रही थी कि , "कोई अपराध नहीं हुआ था", किन्तु उनके बयानों का आशय बलात्कार निकाला गया। उनके द्वारा दिए गए पहले बयानों को सबूत माना गया और बाद के कथ्यों को अस्वीकार कर दिया गया !!
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तब सी बी आई वाजपेयी के नियंत्रण में काम कर रही थी। तो आप अंदाजा लगा सकते है कि किसने क्या किया होगा और कैसे किया होगा।
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और अब 15 साल बाद हमें इस मुकदमे का फैसला देखने को मिलेगा !!!
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पूरा देश एक विशाल सर्कस के मंच में तब्दील हो चुका है। और किसी व्यक्ति को लग सकता है कि - तो इससे क्या फर्क पड़ता है। असल में समस्या यह है कि कई देशो में इस सर्कस की डोज़ काफी कम है। और जिस देश में यह सर्कस कम है वह देश अच्छी व्यवस्थाओ के कारण तेजी से मजबूत होगा और अंततोगत्वा या तो हम नियंत्रण हासिल कर लेगा या हमें नष्ट कर देगा। और उस समय यह कोमेडी हमारी ट्रेजिडी बन जायेगी।
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समाधान -- मंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाकर हिन्दू श्रधालुओ को दिया जाए, इस प्रकार के सभी मुकदमो के लिए जूरी सिस्टम, जजों को काबू करने के लिए राईट टू रिकॉल जज आदि के कानूनों को गेजेट में प्रकाशित किया जाए। #JurySystem
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"वेल्थ टेक्स ग्रुप"
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(a) सन 2002 में वाजपेयी को दो गुमनाम खत प्राप्त हुए !! खतो के बारे में यह दावा किया गया था कि ये पत्र गुरु राम रहीम की साध्वियों द्वारा लिखे गए थे !! और इन खतो में यह दावा किया गया था कि गुरु श्री राम रहीम जी ने 1999 में इन साध्वियों का बलात्कार किया था !! ( मतलब बलात्कार के 2 से 3 वर्ष बाद गुमनाम खत भेजे गए ) !!!
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(b) घटना के 3 साल बाद भेजे गए इन गुमनाम खतो के आधार पर वाजपेयी ने सी बी आई जांच के आदेश जारी किये !!! ( हाँ , वही हिन्दुवाद वाले वाजपेयी !! ) और बहाना यह था कि --- हाई कोर्ट के जज ने वाजपेयी को सी बी आई जांच करवाने के आदेश दिए थे !!!
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(c) सी बी आई के आईपीएस अधिकारी ने कुछ 20 साध्वियों से बेहद गहन ,संदिग्धार्थक, अनेकार्थक एवं घुमावदार प्रश्न किये। इन बयानों को crpc 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने रिकोर्ड किया गया। और पूछे गए इन अनेकार्थक प्रश्नों के जवाबो को "सबूत" के तौर पर मान लिया गया !!!
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(d) साध्वियां लगातार कह रही थी कि , "कोई अपराध नहीं हुआ था", किन्तु उनके बयानों का आशय बलात्कार निकाला गया। उनके द्वारा दिए गए पहले बयानों को सबूत माना गया और बाद के कथ्यों को अस्वीकार कर दिया गया !!
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तब सी बी आई वाजपेयी के नियंत्रण में काम कर रही थी। तो आप अंदाजा लगा सकते है कि किसने क्या किया होगा और कैसे किया होगा।
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और अब 15 साल बाद हमें इस मुकदमे का फैसला देखने को मिलेगा !!!
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पूरा देश एक विशाल सर्कस के मंच में तब्दील हो चुका है। और किसी व्यक्ति को लग सकता है कि - तो इससे क्या फर्क पड़ता है। असल में समस्या यह है कि कई देशो में इस सर्कस की डोज़ काफी कम है। और जिस देश में यह सर्कस कम है वह देश अच्छी व्यवस्थाओ के कारण तेजी से मजबूत होगा और अंततोगत्वा या तो हम नियंत्रण हासिल कर लेगा या हमें नष्ट कर देगा। और उस समय यह कोमेडी हमारी ट्रेजिडी बन जायेगी।
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समाधान -- मंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाकर हिन्दू श्रधालुओ को दिया जाए, इस प्रकार के सभी मुकदमो के लिए जूरी सिस्टम, जजों को काबू करने के लिए राईट टू रिकॉल जज आदि के कानूनों को गेजेट में प्रकाशित किया जाए। #JurySystem
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"वेल्थ टेक्स ग्रुप"
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.