आत्मरक्षा के लिए सशस्त्र नागरिक समाज का गठन हो
पाकिस्तान में 7-12 हज़ार में AK47 जैसी बन्दूकेंमिल जाती है व घरेलू कारखानों में बड़ी मात्रा में बनाई भी जाती हैं साथ में 2 से 3 करोड़ AK-47 जैसी बंदूकें सामान्य नागरिकों के पास हैं टैंकों को नष्ट करने के लिए छोटे परमाणु बमों के भण्डार हैं। अमेरिका व चीन का पीछे के रास्ते से हथियारों का व सऊदी का धन से समर्थन है।
http://www.ndtv.com/…/guns-cheaper-than-smartphones-in-paki…
कई लोग अमेरिका का उदाहरण देंगे, कि वहां के लोग आपस में ही हथियार रखने से मर रहे हैं, तो आप को इस विषय में आंकड़े एकत्रित करने चाहिए कि वहां हथियारों से मरने वालों की संख्या अन्य माध्यमों से मरने वालों की संख्या की तुलना में कई गुणा कम है. और वो अमेरिका है, कोई देश नहीं बल्कि सिटी ऑफ़ लन्दन में बैठे हुए धनपशुओं द्वारा चलाया जाने वाला एक कंपनी है, जो भारत जैसे तीसरी दुनिया के देशों के ऊपर भविष्य में अपने लाये जाने वाले योजनाओं का परिक्षण पहले अमेरिका के लोगों के ऊपर करतीं हैं, जैसे जी एम् फ़ूड(जेनेटिक मॉडिफाइड फ़ूड, जिसमे जानवरों एवं अन्य मानवेत्तर जीवों के जीनो को खाद्य जींस में मिश्रित कर खाद्य पदार्थों के बीज के रूप में संरक्षित किया जा रहा है, जिसका दूरगामी प्रभाव में कई अनजाने लगने वाली बीमारियाँ शामिल है, मानवों में जानवरों एवं अन्य जीवों की बीमारियाँ अमेरिका में लगना आम बात हो चुकी है, जो हमारे देश में कहीं कहीं देखने को मिलतीं हैं, जिसके लिए ही, यहाँ के किसानी व्यस्था को बर्बाद करने को सारी सरकारी चाले चलीं जा रहीं हैं )...
खैर....तो कहना ये है की सिटी ऑफ़ लन्दन में बैठे धनपशु ये नहीं चाहते हैं कि हम जैसे तीसरी दुनिया के देशों में रहने वाले लोग, भविष्य में कभी भी सन १८५७ के जैसी कोई क्रांति कर सकें !!
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🚩मेरी चिंता का कारण है कि जितनी बंदूकें पाकिस्तान में सामान्य नागरिकों के पास हैं उतनी लाठी भी आरएसएस के ऊर्जावान स्वमसेवकों के पास नहीं हैं अंदर से पूरा भारत शस्त्रविहीन है सेना 50 दिनों में भी राजनितिक कारणों से कश्मीर में पत्थर बाजी पर काबू नहीं कर पायी।
एक बार सोच के देखो हमारी पुलिस के पास भी आधुनिक हथियार नहीं हैं उदाहरण मुम्बई हमले को पुलिस काबू नहीं कर पाई थी व 300 नागरिकों की हत्या हो गयी थी वहाँ तो केवल 8-10 आतंकी ही आये थे जिनके पास सिमित हथियार थे यदि पाकिस्तान से भारत का युद्ध हुआ तो पाकिस्तान भारत बॉर्डर 4800 KM का है जो BSF कि सुरक्षा में है उधर चीन व अमेरिका की सहायता से पाकिस्तान ने भारत की सेना नाम की दिवार तोड़ दी तो भारत में 726 ईस्वी वाले मोहमंद बिन कासिम जैसे 100000 लूटेरे ही भारत में करोड़ों की हत्या कर देंगे व लूट मार 1947 से भी 50-100 गुणा अधिक होगी
सेना की दीवार टूटना नामुमकिन नहीं है क्योंकि हमारे पास सिमित हथियार हैं वो भी दुसरे देशों से खरीदे हुए अपने बनाये हुए हथियार तो ना के बराबर ही है दूसरा मुल्क कभी भी पार्ट्स व शस्त्र देना बंद कर सकता है या 100 गुणे महंगे कर सकता है।
ये वीडियो भी देखें https://www.youtube.com/watch?v=MpzrIL5p16U
🚩लोगों को डर लगता है की किसी ने दुशमनी निभाने के लिए हत्या कर दी और उसे आत्म-सुरक्षा का नाम दे दिया तो ? इस स्थिति में सशस्त्र नागरिक समाज की रचना करना उचित नहीं है, लेकिन याद रखें, की हमारे देश में सशस्त्र नागरिक समाज के विपरीत वातावरण इसीलिए बनाया गया है और इसके विपरीत जाने की मनोभावना पब्लिक के मनमस्तिष्क में इसीलिए भरी गयी है, क्योंकि यहाँ सन १८५७ की क्रांति सशस्त्र भारतीय समाज के ही कारण हुई थी, जिसके बाद यहाँ एक अधिनियम बनाया गया जिसमे नागरिकों को हथियार रखना गैर-कानूनी कर दिया गया.
अब आपमें से ही कई लोग कहेंगे की तो क्या हुआ, अब तो देश आजाद हो चूका है, हमारी सुरक्षा के लिए हमारी सरकारें हैं, वे हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के साथ निभा लेंगी, तो शायद आप इस भ्रम में जीने वाले लोग हैं जो हमारे देश में चल रहे सरकार जो विदेशो द्वारा प्रायोजित मीडिया-मालिकों के प्रबंधन से चलती हैं और जीतती हैं, और उनके ही दबाव में आकर आज तक यहाँ, पुलिस एक्ट १८५८ का ही चल रहा है, जो १८५७ के विद्रोह को कुचलने के लिए लाया गया था, यदि इस देश में आपकी ही सरकार होतीं न, तो जेल में सड़ रहे लोगों में सत्तर प्रतिशत लोग बेगुनाह नहीं होते, और अब तो यहाँ रोहिंग्याओं को खुलेआम संरक्षण देने की बात हो रही है !
साथ ही शान्ति-प्रिय समुदायों के लोग सामान्य लोगों के मध्य मोहल्ले में रह कर किसी भी गैर-सामाजिक गतिविधियों को प्रोमोट कर सकते हैं, एवं सरकार आपकी कोई सुरक्षा नहीं कर सकेगी.
यदि किसी ने धोखे से हत्या कर भी दी तो यहाँ झूठ पकड़ने के लिए नार्को टेस्ट जैसे कोई क़ानून नहीं है और न ही भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने के लिए राईट-टू-रिकॉल जैसे क़ानून हैं और न सबूत सार्वजनिक करने के लिए पारदर्शी शिकायत प्रणाली जैसी कोई व्यवस्था !एक बार सोच के देखो हमारी पुलिस के पास भी आधुनिक हथियार नहीं हैं उदाहरण मुम्बई हमले को पुलिस काबू नहीं कर पाई थी व 300 नागरिकों की हत्या हो गयी थी वहाँ तो केवल 8-10 आतंकी ही आये थे जिनके पास सिमित हथियार थे यदि पाकिस्तान से भारत का युद्ध हुआ तो पाकिस्तान भारत बॉर्डर 4800 KM का है जो BSF कि सुरक्षा में है उधर चीन व अमेरिका की सहायता से पाकिस्तान ने भारत की सेना नाम की दिवार तोड़ दी तो भारत में 726 ईस्वी वाले मोहमंद बिन कासिम जैसे 100000 लूटेरे ही भारत में करोड़ों की हत्या कर देंगे व लूट मार 1947 से भी 50-100 गुणा अधिक होगी
सेना की दीवार टूटना नामुमकिन नहीं है क्योंकि हमारे पास सिमित हथियार हैं वो भी दुसरे देशों से खरीदे हुए अपने बनाये हुए हथियार तो ना के बराबर ही है दूसरा मुल्क कभी भी पार्ट्स व शस्त्र देना बंद कर सकता है या 100 गुणे महंगे कर सकता है।
ये वीडियो भी देखें https://www.youtube.com/watch?v=MpzrIL5p16U
🚩लोगों को डर लगता है की किसी ने दुशमनी निभाने के लिए हत्या कर दी और उसे आत्म-सुरक्षा का नाम दे दिया तो ? इस स्थिति में सशस्त्र नागरिक समाज की रचना करना उचित नहीं है, लेकिन याद रखें, की हमारे देश में सशस्त्र नागरिक समाज के विपरीत वातावरण इसीलिए बनाया गया है और इसके विपरीत जाने की मनोभावना पब्लिक के मनमस्तिष्क में इसीलिए भरी गयी है, क्योंकि यहाँ सन १८५७ की क्रांति सशस्त्र भारतीय समाज के ही कारण हुई थी, जिसके बाद यहाँ एक अधिनियम बनाया गया जिसमे नागरिकों को हथियार रखना गैर-कानूनी कर दिया गया.
अब आपमें से ही कई लोग कहेंगे की तो क्या हुआ, अब तो देश आजाद हो चूका है, हमारी सुरक्षा के लिए हमारी सरकारें हैं, वे हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के साथ निभा लेंगी, तो शायद आप इस भ्रम में जीने वाले लोग हैं जो हमारे देश में चल रहे सरकार जो विदेशो द्वारा प्रायोजित मीडिया-मालिकों के प्रबंधन से चलती हैं और जीतती हैं, और उनके ही दबाव में आकर आज तक यहाँ, पुलिस एक्ट १८५८ का ही चल रहा है, जो १८५७ के विद्रोह को कुचलने के लिए लाया गया था, यदि इस देश में आपकी ही सरकार होतीं न, तो जेल में सड़ रहे लोगों में सत्तर प्रतिशत लोग बेगुनाह नहीं होते, और अब तो यहाँ रोहिंग्याओं को खुलेआम संरक्षण देने की बात हो रही है !
साथ ही शान्ति-प्रिय समुदायों के लोग सामान्य लोगों के मध्य मोहल्ले में रह कर किसी भी गैर-सामाजिक गतिविधियों को प्रोमोट कर सकते हैं, एवं सरकार आपकी कोई सुरक्षा नहीं कर सकेगी.
कई लोग अमेरिका का उदाहरण देंगे, कि वहां के लोग आपस में ही हथियार रखने से मर रहे हैं, तो आप को इस विषय में आंकड़े एकत्रित करने चाहिए कि वहां हथियारों से मरने वालों की संख्या अन्य माध्यमों से मरने वालों की संख्या की तुलना में कई गुणा कम है. और वो अमेरिका है, कोई देश नहीं बल्कि सिटी ऑफ़ लन्दन में बैठे हुए धनपशुओं द्वारा चलाया जाने वाला एक कंपनी है, जो भारत जैसे तीसरी दुनिया के देशों के ऊपर भविष्य में अपने लाये जाने वाले योजनाओं का परिक्षण पहले अमेरिका के लोगों के ऊपर करतीं हैं, जैसे जी एम् फ़ूड(जेनेटिक मॉडिफाइड फ़ूड, जिसमे जानवरों एवं अन्य मानवेत्तर जीवों के जीनो को खाद्य जींस में मिश्रित कर खाद्य पदार्थों के बीज के रूप में संरक्षित किया जा रहा है, जिसका दूरगामी प्रभाव में कई अनजाने लगने वाली बीमारियाँ शामिल है, मानवों में जानवरों एवं अन्य जीवों की बीमारियाँ अमेरिका में लगना आम बात हो चुकी है, जो हमारे देश में कहीं कहीं देखने को मिलतीं हैं, जिसके लिए ही, यहाँ के किसानी व्यस्था को बर्बाद करने को सारी सरकारी चाले चलीं जा रहीं हैं )...
खैर....तो कहना ये है की सिटी ऑफ़ लन्दन में बैठे धनपशु ये नहीं चाहते हैं कि हम जैसे तीसरी दुनिया के देशों में रहने वाले लोग, भविष्य में कभी भी सन १८५७ के जैसी कोई क्रांति कर सकें !!
वैसे तो इस व्यवस्था में भारत की बरबादी रोकना कठिन है लेकिन कुछ कानूनों के आने से इस बर्बादी को न्यूनतम किया जा सकता है जैसे :-
सशस्त्र नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :- हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475761792516805
.भारत में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट :-
fb.com/notes/1475760442516940
सम्पूर्ण रूप से भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाली कम्पनियों (WOIC) के लिए कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475758839183767
राइट-टू-रिकॉल जिला प्रधान जज के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475755772517407
जनता की आवाज - पारदर्शी शिकायत प्रणाली' -- टीसीपी : fb.com/notes/1475751599184491
.
ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :-
https://www.facebook.com/vishal.dhokale.18/posts/989120434537051
पब्लिक में नार्कोटेस्ट – बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :fb.com/notes/1476079982484986
.
इन कानूनों को लाने के लिए अपने जनसेवक से माँग करें
अपने सांसद व विधायक को जो कानून के ड्राफ्ट भेजें
सांसद व विधायक के नंबर यहाँ से देखें http://nocorruption.in/
अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून लागू करवाने के लिए उन पर जनतांत्रिक दबाव डालिए, इस तरह से उन्हें मोबाइल सन्देश या ट्विटर आदेश भेजकर कि:-
.
” माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि सशस्त्र नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :- fb.com/notes/1475761792516805
को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से इस क़ानून को लागू किया जाए, नहीं तो हम आपको वोट नहीं देंगे.
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz ”
.
इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.
.
🚩राईट टू रिकॉल, ज्यूरी प्रणाली, वेल्थ टैक्स जैसेे क़ानून आने चाहिए जिसके लिए, जनता को ही अपना अधिकार उन भ्रष्ट लोगों से छीनना होगा, और उन पर यह दबाव बनाना होगा कि इनके ड्राफ्ट को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दें, अन्यथा आप उन्हें वोट नहीं देंगे.
अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/1479571808802470/
.यदि मेरी बात मजाक लग रही हो तो किसी से 1947 का इतिहास पूछ लेना व 326 इस्वी से 1858 तक के भारत पर हुए आक्रमणों का इतिहास पढ़ लें कारण उस समय भी शस्त्रहीन समाज था आज भी स्तिथि समान ही है।
कुछ आक्रमणों का लिंक यहाँ दिया है कृपया GOOGLE करके देख लें।
https://www.facebook.com/vishal.dhokale.18/posts/1065834483532312
यदि धर्म और अधर्म के मध्य युद्ध हो तो तीर्थयात्रा का तीर्थस्थान 1 ही बचता है, वो केवल और केवल रणभूमि होती है, न कि कोई हिमालय !!
धर्म की मर्यादा शून्य में नहीं उगती, वो अधर्म के शव के ऊपर उगती है.
पराजय मृत्यु से अधिक महत्त्वपूर्ण है.
औपचारिकताएं सज्जनों के लिए निभानी चाहिए. दुष्टों के लिए नहीं.
जय हिन्द. वन्दे मातरम्
सशस्त्र नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :- हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475761792516805
.भारत में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट :-
fb.com/notes/1475760442516940
सम्पूर्ण रूप से भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाली कम्पनियों (WOIC) के लिए कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475758839183767
राइट-टू-रिकॉल जिला प्रधान जज के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475755772517407
जनता की आवाज - पारदर्शी शिकायत प्रणाली' -- टीसीपी : fb.com/notes/1475751599184491
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ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :-
https://www.facebook.com/vishal.dhokale.18/posts/989120434537051
पब्लिक में नार्कोटेस्ट – बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :fb.com/notes/1476079982484986
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इन कानूनों को लाने के लिए अपने जनसेवक से माँग करें
अपने सांसद व विधायक को जो कानून के ड्राफ्ट भेजें
सांसद व विधायक के नंबर यहाँ से देखें http://nocorruption.in/
अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून लागू करवाने के लिए उन पर जनतांत्रिक दबाव डालिए, इस तरह से उन्हें मोबाइल सन्देश या ट्विटर आदेश भेजकर कि:-
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” माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि सशस्त्र नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :- fb.com/notes/1475761792516805
को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से इस क़ानून को लागू किया जाए, नहीं तो हम आपको वोट नहीं देंगे.
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz ”
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इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.
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🚩राईट टू रिकॉल, ज्यूरी प्रणाली, वेल्थ टैक्स जैसेे क़ानून आने चाहिए जिसके लिए, जनता को ही अपना अधिकार उन भ्रष्ट लोगों से छीनना होगा, और उन पर यह दबाव बनाना होगा कि इनके ड्राफ्ट को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दें, अन्यथा आप उन्हें वोट नहीं देंगे.
अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/1479571808802470/
.यदि मेरी बात मजाक लग रही हो तो किसी से 1947 का इतिहास पूछ लेना व 326 इस्वी से 1858 तक के भारत पर हुए आक्रमणों का इतिहास पढ़ लें कारण उस समय भी शस्त्रहीन समाज था आज भी स्तिथि समान ही है।
कुछ आक्रमणों का लिंक यहाँ दिया है कृपया GOOGLE करके देख लें।
https://www.facebook.com/vishal.dhokale.18/posts/1065834483532312
यदि धर्म और अधर्म के मध्य युद्ध हो तो तीर्थयात्रा का तीर्थस्थान 1 ही बचता है, वो केवल और केवल रणभूमि होती है, न कि कोई हिमालय !!
धर्म की मर्यादा शून्य में नहीं उगती, वो अधर्म के शव के ऊपर उगती है.
पराजय मृत्यु से अधिक महत्त्वपूर्ण है.
औपचारिकताएं सज्जनों के लिए निभानी चाहिए. दुष्टों के लिए नहीं.
जय हिन्द. वन्दे मातरम्
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.