हिन्दू धर्म का संभावित भविष्य
क्या आने वाले समय में हिन्दू धर्म आडम्बर और अपराध के पर्याय के रूप में स्थापित हो सकता है ?
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महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्य में कई जगह कुछ गरबा आयोजको ने “साइलेंट गरबा” नाम की अनोखी मुहीम निकाली है| इसमें गरबा खेलने वाले जोड़े कानों में हैडफ़ोन लगाकर गरबा खेलेंगे |
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ऐसा करने का कारण? नवदुर्गा में गरबा खेलने के दौरान होने वाला ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए|
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कृपया “साइलेंट गरबा” पर गूगल करें | साथ में “नॉइज़ फ्री गणपति” पर भी गूगल करें
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बहुत दूर नहीं है वो दिन जब आप दूधरहित शिवरात्रि, पानी रहित कुम्भ स्नान, बिना घी के दीपक की आरती इत्यादि हिन्दू त्यौहारों के रीति-रिवाज अपराध या पाखंड का पर्याय बना दी जाएगी |
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क्या आज से 20 साल पहले आप हिन्दू त्यौहारों के आते ही ये सब सुना करते थे?--
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दिवाली=वायु प्रदुषण+जीवहत्या+पैसे की बर्बादी,
होली= पानी की बर्बादी+ जल प्रदुषण,
दहीहांड़ी=नाबालिक बच्चों के लिए खतरनाक खेल,
गणेशोत्सव = जल प्रदुषण+ ध्वनि प्रदुषण,
नवरात्री में गरबा=ध्वनि प्रदुषण रोकना,
महाशिवरात्रि = लाखो लीटर दूध की दूध की बर्बादी, आदि |
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हिन्दू धरम की सनातन मान्यताएँ जैसे संथारा को आत्महत्या घोषित किया जा रहा है और तिलक लगाना, फूल चढ़ाना, भगवान् का अभिषेक इत्यादि को अवैज्ञानिक बताकर उन्हें आडम्बर या पाखण्ड का पर्याय बताया जा रहा है|
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पर आज हमारे देश में ये सब क्यूँ सुनाई दे रहा है? कारण---
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(1) एफडीआई के जरिये अमेरिका-ब्रिटेन के धनिकों और मिशनरीज़ का भारत में बढ़ता प्रभाव
(2) सऊदी अरेबिया का इस्लामिक जिहाद
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एफडीआई के जरिये विदेशी धनिक देश के मंत्री, जजों, अधिकारीयों और मीडिया को घूस देकर अपनी मुट्ठी में कर लेते हैं और फिर ऐसे कानून देश में बनवाते है जिससे मिशनरीज़ को ईसाइयत फेलाने और धर्म परिवर्तन करवाने में सहूलियत हो सके और स्थानिक धर्मों को कमजोर किया जा सके या उन्हें ख़त्म कर सके | और फिर ये बिकाऊ मीडिया द्वारा उन स्थानिक धर्मों की मान्यताओं और रीती-रिवाजों को पाखंड और अपराध के रूप में प्रसार करवाते हैं| बहुत से एनजीओ जो इन धनिकों के पैसे पर चलते है, सभी हिन्दू धर्म को कमजोर करने के लिए कार्य करते हैं
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प्रशासन और न्यायपालिका में बैठे लोगो को खरीदकर ये धनिक हिन्दू संतों को झूठे मुकदमों में फंसा देते हैं और फिर इन्हें पाखंडी, बलात्कारी, हत्यारे इत्यादि संज्ञा देकर बिकाऊ मीडिया कर्मी जैसे बिकाऊ अर्नब, बिकाऊ सरदेसाई, बिकाऊ रजत शर्मा आदि के द्वारा दिन रात प्रसारित करवाते है | यदि हिन्दू धर्म की रक्षा करने कोई आता है तो बिकाऊ मीडिया वाले उसे भगवा आतंकवादी घोषित कर देते हैं |
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फिर साथ में परेश रावल (उर्फ़ परेश खिलजी), बिकाऊ आमिर खान आदि बिकाऊ अभिनेता ओह माय गॉड, पीके जैसे फिल्मों से हिन्दू धर्म की खिल्ली उड़ाते हैं |
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सऊदी अरेबिया भी इस्लामिक जिहाद को बढ़ने के लिए अनेको मीडिया चैनल में पैसा निवेश करता है और आमिर खान जैसे बिकाऊ अभिनेताओं की फिल्मों में पैसा लगता हैं | साथ में मंत्री और जजों को हिन्दू धर्म को कमजोर करने वाले कानूनों बनाने के लिए और बढ़ते इस्लामिक जिहाद और आतंकवाद को ना रोकने के लिए भी बहुत सा पैसा भेजता हैं |
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अगर यही सब निरंकुश चलता रहा तो भारत भी दक्षिण कोरिया की तरह 40%मिशनरी हो जायेगा और लोग कोरिया के बौधों की तरह स्वयं को हिन्दू बोलने से भी घबराएंगे | आज जैसे इस्लाम आतंक और जिहाद के पर्याय के रूप में पूरी दुनिया में प्रसारित हो रहा है, वैसे ही अगले ही कुछ वर्षों में हिन्दू धर्म पाखंड, आडंबर, प्रदुषण फ़ैलाने वाले त्यौहारों और भगवा आतंकवाद के रूप में प्रसारित हो जायेगा
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समाधान-- (1) प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सभी केंद्रीय और राज्य मंत्रियों पर राईट टू रिकॉल, जजों पर राईट टू रिकॉल (निचली से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के ), प्रशासनिक और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीयों पर राईट टू रिकॉल, जैसे कानूनों को राजपत्र में छपवाना
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(2) सभी अदालतों में किसी प्रकार के विवाद और अपराध के लिए जूरी द्वारा सुनवाई और निर्णय |
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(3) हिन्दू मंदिरों के प्रशासन को सुधरने के लिए SGPC की तर्ज पर राष्ट्रीय हिन्दू देवालय प्रबंक ट्रस्ट जैसा कानून बनबाना |
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(4) भारत की सेना को मजबूत करने के लिए सभी हथियारों का और उनके छोटे और बड़े पुर्जों का स्वदेशी तकनीक से भारत में ही उत्पादन करना |
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(5) इजराइल, स्विट्ज़रलैंड, अमेरिका जैसे देशो की तरह आत्मरक्षा के लिए हथियारबंद समाज की स्थापना करना |
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(6) बिकाऊ मीडिया के प्रभाव को कम करने के लिए दूरदर्शन प्रमुख पर राईट टू रिकॉल और टी सी पी जैसे मीडिया पोर्टल के कानून लाना |
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सभी प्रस्तावों के कानूनी ड्राफ्ट यहाँ देखें और इनका प्रचार करें-- https://www.facebook.com/ProposedLawsHindi/posts/563544197157112
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कृपया ध्यान दे -- सोनिया-मोदी-केजरीवाल और कांग्रेस-संघ (=बीजेपी)-आप पार्टी के कार्यकर्ताओं और इनके समर्थकों ने इन सभी कानूनों का विरोध किया है | सबूत के लिए आप उनकी ट्विटर वाल पर इन कानून को लागू करवाने के लिए ट्वीट भेजकर पूछ सकते है और उनके जवाब को सार्वजानिक करें |
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~ राईट टू रिकॉल पार्टी~
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महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्य में कई जगह कुछ गरबा आयोजको ने “साइलेंट गरबा” नाम की अनोखी मुहीम निकाली है| इसमें गरबा खेलने वाले जोड़े कानों में हैडफ़ोन लगाकर गरबा खेलेंगे |
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ऐसा करने का कारण? नवदुर्गा में गरबा खेलने के दौरान होने वाला ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए|
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कृपया “साइलेंट गरबा” पर गूगल करें | साथ में “नॉइज़ फ्री गणपति” पर भी गूगल करें
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बहुत दूर नहीं है वो दिन जब आप दूधरहित शिवरात्रि, पानी रहित कुम्भ स्नान, बिना घी के दीपक की आरती इत्यादि हिन्दू त्यौहारों के रीति-रिवाज अपराध या पाखंड का पर्याय बना दी जाएगी |
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क्या आज से 20 साल पहले आप हिन्दू त्यौहारों के आते ही ये सब सुना करते थे?--
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दिवाली=वायु प्रदुषण+जीवहत्या+पैसे की बर्बादी,
होली= पानी की बर्बादी+ जल प्रदुषण,
दहीहांड़ी=नाबालिक बच्चों के लिए खतरनाक खेल,
गणेशोत्सव = जल प्रदुषण+ ध्वनि प्रदुषण,
नवरात्री में गरबा=ध्वनि प्रदुषण रोकना,
महाशिवरात्रि = लाखो लीटर दूध की दूध की बर्बादी, आदि |
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हिन्दू धरम की सनातन मान्यताएँ जैसे संथारा को आत्महत्या घोषित किया जा रहा है और तिलक लगाना, फूल चढ़ाना, भगवान् का अभिषेक इत्यादि को अवैज्ञानिक बताकर उन्हें आडम्बर या पाखण्ड का पर्याय बताया जा रहा है|
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पर आज हमारे देश में ये सब क्यूँ सुनाई दे रहा है? कारण---
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(1) एफडीआई के जरिये अमेरिका-ब्रिटेन के धनिकों और मिशनरीज़ का भारत में बढ़ता प्रभाव
(2) सऊदी अरेबिया का इस्लामिक जिहाद
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एफडीआई के जरिये विदेशी धनिक देश के मंत्री, जजों, अधिकारीयों और मीडिया को घूस देकर अपनी मुट्ठी में कर लेते हैं और फिर ऐसे कानून देश में बनवाते है जिससे मिशनरीज़ को ईसाइयत फेलाने और धर्म परिवर्तन करवाने में सहूलियत हो सके और स्थानिक धर्मों को कमजोर किया जा सके या उन्हें ख़त्म कर सके | और फिर ये बिकाऊ मीडिया द्वारा उन स्थानिक धर्मों की मान्यताओं और रीती-रिवाजों को पाखंड और अपराध के रूप में प्रसार करवाते हैं| बहुत से एनजीओ जो इन धनिकों के पैसे पर चलते है, सभी हिन्दू धर्म को कमजोर करने के लिए कार्य करते हैं
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प्रशासन और न्यायपालिका में बैठे लोगो को खरीदकर ये धनिक हिन्दू संतों को झूठे मुकदमों में फंसा देते हैं और फिर इन्हें पाखंडी, बलात्कारी, हत्यारे इत्यादि संज्ञा देकर बिकाऊ मीडिया कर्मी जैसे बिकाऊ अर्नब, बिकाऊ सरदेसाई, बिकाऊ रजत शर्मा आदि के द्वारा दिन रात प्रसारित करवाते है | यदि हिन्दू धर्म की रक्षा करने कोई आता है तो बिकाऊ मीडिया वाले उसे भगवा आतंकवादी घोषित कर देते हैं |
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फिर साथ में परेश रावल (उर्फ़ परेश खिलजी), बिकाऊ आमिर खान आदि बिकाऊ अभिनेता ओह माय गॉड, पीके जैसे फिल्मों से हिन्दू धर्म की खिल्ली उड़ाते हैं |
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सऊदी अरेबिया भी इस्लामिक जिहाद को बढ़ने के लिए अनेको मीडिया चैनल में पैसा निवेश करता है और आमिर खान जैसे बिकाऊ अभिनेताओं की फिल्मों में पैसा लगता हैं | साथ में मंत्री और जजों को हिन्दू धर्म को कमजोर करने वाले कानूनों बनाने के लिए और बढ़ते इस्लामिक जिहाद और आतंकवाद को ना रोकने के लिए भी बहुत सा पैसा भेजता हैं |
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अगर यही सब निरंकुश चलता रहा तो भारत भी दक्षिण कोरिया की तरह 40%मिशनरी हो जायेगा और लोग कोरिया के बौधों की तरह स्वयं को हिन्दू बोलने से भी घबराएंगे | आज जैसे इस्लाम आतंक और जिहाद के पर्याय के रूप में पूरी दुनिया में प्रसारित हो रहा है, वैसे ही अगले ही कुछ वर्षों में हिन्दू धर्म पाखंड, आडंबर, प्रदुषण फ़ैलाने वाले त्यौहारों और भगवा आतंकवाद के रूप में प्रसारित हो जायेगा
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समाधान-- (1) प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सभी केंद्रीय और राज्य मंत्रियों पर राईट टू रिकॉल, जजों पर राईट टू रिकॉल (निचली से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के ), प्रशासनिक और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीयों पर राईट टू रिकॉल, जैसे कानूनों को राजपत्र में छपवाना
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(2) सभी अदालतों में किसी प्रकार के विवाद और अपराध के लिए जूरी द्वारा सुनवाई और निर्णय |
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(3) हिन्दू मंदिरों के प्रशासन को सुधरने के लिए SGPC की तर्ज पर राष्ट्रीय हिन्दू देवालय प्रबंक ट्रस्ट जैसा कानून बनबाना |
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(4) भारत की सेना को मजबूत करने के लिए सभी हथियारों का और उनके छोटे और बड़े पुर्जों का स्वदेशी तकनीक से भारत में ही उत्पादन करना |
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(5) इजराइल, स्विट्ज़रलैंड, अमेरिका जैसे देशो की तरह आत्मरक्षा के लिए हथियारबंद समाज की स्थापना करना |
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(6) बिकाऊ मीडिया के प्रभाव को कम करने के लिए दूरदर्शन प्रमुख पर राईट टू रिकॉल और टी सी पी जैसे मीडिया पोर्टल के कानून लाना |
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सभी प्रस्तावों के कानूनी ड्राफ्ट यहाँ देखें और इनका प्रचार करें-- https://www.facebook.com/ProposedLawsHindi/posts/563544197157112
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कृपया ध्यान दे -- सोनिया-मोदी-केजरीवाल और कांग्रेस-संघ (=बीजेपी)-आप पार्टी के कार्यकर्ताओं और इनके समर्थकों ने इन सभी कानूनों का विरोध किया है | सबूत के लिए आप उनकी ट्विटर वाल पर इन कानून को लागू करवाने के लिए ट्वीट भेजकर पूछ सकते है और उनके जवाब को सार्वजानिक करें |
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~ राईट टू रिकॉल पार्टी~
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.