जिनको आप सिक्ख गुरु कहते हैं वो बहुत बड़े दूरदर्शी थे – नागरिक अपनी सुरक्षा स्वयं कैसे करें

जिनको आप सिक्ख गुरु कहते हैं वो बहुत बड़े दूरदर्शी थे।
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पहले तो मैं ये स्पष्ट करूँगा कि सिक्ख भाइयों के कोई गुरु नहीं हुए जो महान बलिदानी गुरु हुए हैं वो सभी मानवों के गुरु रहे हैं उन्होंने कोई भी आदेश केवल सिक्खों के लिए कभी नहीं दिया। इसलिए हमें गुरुओं को सिक्ख गुरु कहने से बचना चाहिए। गुरूओं ने अपना बलिदान आपके लिए भी दिया है।
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🚩 यदि हमें अपने गुरुओं का कुछ ऋण अदा करना है तो हमें उनके दिए हुए आदेशों का पालन करना चाहिए। जैसे :-
गुरुओं ने हमें शस्त्र धारण करने का आदेश दिया था लेकिन आज अधिकतम नागरिक शस्त्रहीन हैं इसलिए हम पर गुण्डे बदमाश शासन कर रहे हैं हमारे सिक्ख भाई भी केवल छोटी सी कृपाण धारण करके गुरुओं के आदेश का अधूरा पालन कर रहे हैं। उन्हें सोचना चाहिए कि यदि आज गुरुदेव शस्त्र रखने का आदेश देते तो वो शस्त्र कौनसा होता ? मैं सिक्ख भाइयों सहित सभी नागरिकों से विनती करूँगा कि वे समय के अनुसार शस्त्र धारण करके अपने महान गुरुओं का कुछ ऋण अदा करें।
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🚩 गुरुओं व सिक्ख भाइयों ने हमारे लिए क्या-2 किया ?
ये पढ़े :- https://www.facebook.com/notes/bittoo-suryavanshi-jury/684736151684685
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धर्म और राष्ट्र के रक्षक सिख कौम को पूरे भारत का सलाम ।
गर्व है हमें अपने इन भाईयों पर।
जो बोले सो निहाल..
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समाधान :
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🚩 सशस्त्र समाज की स्थापना कैसे करें :-
नागरिकों को आत्म-सुरक्षा के लिए हरदम तैयार रहना चाहिए, क्योंकि हमारी सरकारों ने हत्यारों, आतंकियों को शरण देने की कसम खा राखी है और सभी सरकारें नागरिकों की सुरक्षा करने के मुद्दे पर फेल हो चुकीं हैं.
1) भारत में हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475761792516805
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2) “राष्ट्रीय हिन्दू देवालय प्रबंधक ट्रस्ट’ के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट” :-
fb.com/notes/1475746769184974
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3) “भारतीय संप्रदाय देवालय प्रबंधक ट्रस्ट’ के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट” :- fb.com/notes/1475732095853108
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4) त्वरित न्याय प्रणाली के लिए ज्यूरी सिस्टम तथा पब्लिक द्वारा न्याय की मांग करने के लिए ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475753109184340
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5) पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली:
यह कानून नागरिकों को एक मंच. देता है जिसमें नागरिक अपना प्रस्ताव / शिकायत / सुझाव सरकार के समक्ष रख सकते हैं | व अन्य नागरिक अपनी सहमति – असहमति भी दर्ज करा सकते हैं |
पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475756632517321
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6) पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली का डेमो : www.smstoneta.com
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7) पब्लिक में नार्कोटेस्ट – बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :fb.com/notes/1476079982484986
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8) राइट-टू-रिकॉल जिला प्रधान जज के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475755772517407
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🚩 सांसद व विधायक के नंबर एवं संपर्क डिटेल यहाँ से लेंhttp://nocorruption.in/
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अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून लागू करवाने के लिए उन पर जनतांत्रिक दबाव डालिए, इस तरह से उन्हें मोबाइल सन्देश या ट्विटर आदेश भेजकर कि:-
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” माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि भारत में हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :fb.com/notes/1475761792516805
को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से इस क़ानून को लागू किया जाए, नहीं तो हम आपको वोट नहीं देंगे.
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz ”
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इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.
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🚩🚩राईट टू रिकॉल, ज्यूरी प्रणाली, वेल्थ टैक्स जैसेे क़ानून आने चाहिए जिसके लिए, जनता को ही अपना अधिकार उन भ्रष्ट लोगों से छीनना होगा, और उन पर यह दबाव बनाना होगा कि इनके ड्राफ्ट को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दें, अन्यथा आप उन्हें वोट नहीं देंगे.
अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/1479571808802470/
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यदि धर्म और अधर्म के मध्य युद्ध हो तो तीर्थयात्रा का तीर्थस्थान 1 ही बचता है, वो केवल और केवल रणभूमि होती है, न कि कोई हिमालय !!
धर्म की मर्यादा शून्य में नहीं उगती, वो अधर्म के शव के ऊपर उगती है.
पराजय मृत्यु से अधिक महत्त्वपूर्ण है.
औपचारिकताएं सज्जनों के लिए निभानी चाहिए. दुष्टों के लिए नहीं.
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अपील :-
14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाना बन्द करें.
बाल दिवस तो जोरावर सिंह (9 वर्ष ) फतहसिंह (6 वर्ष) के लिए होना चाहिए जिन्होंने अपने पूर्वजों के मार्ग पर चलकर 12-12-1705 को दिवार में जीवित मरना मन्जूर किया लेकिन धर्म नहीं बदला दुनिया में ऐसे बालकों का कोई उदाहरण शायद ही मिले।
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जय हिन्द. वन्दे मातरम्

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