क्या आप अपनी सुरक्षा करने के लिए तैयार हैं?

‘तैयार रहिये’ युद्ध के लिए !
🚩 लोगो को गृहयुद्ध से निपटने के लिए तैयार हो जाना चाहिए, सरकारों से उम्मीद न करें. सरकारें हर मोर्चे पे अपने विदेशी मालिकों एवं धनपशुओं के कहने में चलतीं हैं, उनके कहने पर ही देश को अस्थिर करने की चालें चलीं जातीं हैं और उस ढंग के निर्णय लिए जाते हैं.
इस संभावना को सिरे से खारिज़ नही किया जा सकता कि ISIS से भारत को निकट भविष्य में खतरा है ।
🚩 ईराक काबू करने के बाद ISIS पाकिस्तान होते हुए भारत का रूख कर सकता है …
जो व्यक्ति ये मानना चाहते है कि ISIS भारत का रूख नही कर सकता उनको ऐसा मानने से रोकने का कोई उपाय नही है ।
लेकिन तथ्यात्मक संभावनाएं इशारा करती है कि ISIS भारत को लक्ष्य ना करे ऐसे कोई कारण मौजूद नही है ।
🚩 पाकिस्तान में 1000 युवाओं ने ISIS की सदस्यता ली है और अन्य आतंकवादी संघठन जैसे हिजबुल, लश्कर आदि के साथ ISIS गठबंधन करके ISIS+ या ISIS -2 टाइप का वर्ज़न बना सकता है ।
पाक मिलिट्री कश्मीर के लिए तथा चीन असम को अस्थिर करने के लिए ISIS+ को सक्रीय और निष्क्रिय मदद कर सकता है ।
असम के अस्थिर होने से अरुणाचल प्रदेश से हमारा नियंत्रण कमजोर हो जाएगा और चीन को AP पर पकड बनाने में सहायता मिलेगी ।
इस रणनीति में बांग्लादेशी घुस्पेठियो को पाक या चीन से हथियार की मदद मिलने से भारत आंतरिक मोर्चे पर भी अस्थिर हो सकता है ।
🚩 ज्ञातव्य है कि बंगाल और असम में बांग्लादेशी घुस्पेठियो का घनत्व बहुत ज्यादा है और उनके सम्बन्ध नक्सल वादियों से है ।
अल कायदा के बाद, ISIS को जो बड़ी सफलता मिली है उसने जिहादियो में प्राण फूंक कर नयी उर्जा का संचार कर दिया है ।और ईराक लूटने के बाद यह सबसे अमीर आतंकवादी संघठन बन चुका है ।
ये गठबंधन अमेरिका पर हमलावर न हो इसके लिए अमेरिका भारत की और धकेलने केलिए इन्हें ‘सेफ कोरिडोर’ मुहैया करवा सकता है ।
🚩 यदि कश्मीर जंग के मैदान में बदलता है तो शुरूआती तबाही के बाद अमेरिका कश्मीर में हस्तक्षेप करने का मौका पा जाएगा और चीन अक्साई चिन का विस्तार करना चाहेगा ।
इस विषय में कोई विवाद नही है कि –
1.अमेरिका , चीन, पाकिस्तान और आतंकियों की रुचि कश्मीर में है ।
2. चीन की रूचि अरुणाचल प्रदेश में है ।
3. मौका मिले तो बांग्लादेश असम और बंगाल के सीमा वर्ती इलाको में रुचि दिखा सकता है (दिखा भी रहा है )
4. भारत की रुचि अरुणाचल और कश्मीर को अपना ‘अभिन्न अंग’ बताने में है न कि अभिन्न अंग बनाने में ।
5. ममता आपा की रुचि और भी बांग्लादेशी घुस्पेठियो को बंगाल में घुसाने में है ।
6. सभी आतंकवादी संघ्ठनो की रुचि भारत में जेहाद छेड़ने में है ।
7. भारत के वेद प्रताप वैदिक और प्रशांत भूषण जैसे कुबुद्धि जीवियो की रुचि कश्मीर को स्वतंत्र करने में है ।
8. मोदी भक्तो की रुचि FDI में, सूर्पनखा भक्तो की रुचि रेल भाड़े, आलू प्याज के भाव आदि में और केजरी भक्तो की रुचि दिल्ली में सरकार बनाने/बनवाने और न बनाने/ न बनवाने देने के नाटक में है ।
9. मोदी साहब और अन्य पार्टियों की रुचि 370 पर ‘डिबेट’ करवाने में है , जो कि 1965 से ही चालू है ।
10. मीडिया, मतलब पेड मिडिया की रुचि 24 घंटे जनता को ‘विकास’ की अफीम पिलाने में तथा जनता की रुचि इस अफीम को पीने में है ।
🚩 देश की सुरक्षा पर संकट आने की संभावना बढ़ रही है । लेकिन किसी भी पार्टी की रुचि देश की सुरक्षा के लिए मज़बूत क़ानून बनाने में या सुरक्षा के विषय को उठाने में नही है ।
सारे नेता 67 सालो से ‘भारत की सीमाए सुरक्षित है’, ‘भारत महान है’ , ‘कोई खतरा नही है’ आदि रूटीन बयान दे रहे है , लेकिन आधुनिक स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए अच्छे क़ानून पास करने में किसी की रुचि नही है ।
🚩 1948 में जमीन खोयी, 1962 में खोयी, 1965 में खोई, 1999 में भी खो ही दी थी, CTBT पर साइन, बीमा और मिडिया में FDI के समझोते कर के कारगिल की पहाड़िया वापिस मिली ।
ताज और संसद पर हमले खा कर बैठे है । जब मन हो कसाब घुसे जा रहे है, कोई सर काट के ले जा रहा है कोई लद्दाक में आकर बोर्ड लगा रहा है ‘its where china starts’ । 10 दिन पहले चीन ने ओफ़िसियलि AP को अपने नक़्शे में दिखा दिया ।
हम निंदा भी नही कर पा रहे । क्योकिं हमे पता है हमारे फौजियों के पास वर्दी, ज़ज्बा, हिम्मत, आदि सब है पर हथियार नही है ।
🚩 प्रश्न ये नही है कि ‘कितने आदमी है’ … ?
प्रश्न है कि ‘कितने हथियार है’.. ?
20 दिन लड़ने के हथियार हमारे पास है ।
क्योकि अब ISIS के पास डॉलर है, संघठन है और साझा मिशन है तो वह चीन और अमेरिका से आधुनिक हथियार खरीद सकता है । (कुछ लोगो को लगता है कि ऐसा नही होगा, इन लोगो को बी पॉजिटिव रहने का नशा है, और ये 1962, 1965 और 1999 में भी पोजिटिव ही थे)
तो भी नेगेटिव एटीट्युड वालो के सामने ये प्रश्न मुहं बाए खड़ा है कि –
‘क्या हमारी सेना चीन और अमेरिका के आधुनिक हथियारों से लेस आतंकियों के पगलाए समूह का मुकाबला करने में सक्षम है ?
जवाब है “नही”
और यदि एक बार हमारी सीमाए टूट जाती है तोऔर आतंकी सीमावर्ती इलाको के शहरो में घुस आते है तो हम नागरिको के पास मुकाबला करने के लिए क्या है ?
फेसबुक, वाट्सएप, 4G नेटवर्क, सड़के, कम्पूटर, इंटे, पत्थर, चाकू, नेलकटर ?
🚩 देश की सुरक्षा के लिए हमें हथियार चाहिए।
आधुनिक, उन्नत, स्वदेशी हथियार । ढेर सारे ।
🚩 ये लड़ाई परोक्ष रूप से तीन फ्रंट पर एक साथ छिड़ सकती है, जिसका कोई निश्चित स्वरुप नही होगा ।
हमे नही पता होगा की किस पर हमला करना है , पर उन्हें पता होगा कि हमला कहाँ किस पर करना है ।
कश्मीर, असम और पंजाब इसकी चपेट में आ सकते है , और जंग लम्बी चली तो पूरा उत्तर और पूर्वी भारत इसकी चपेट में होगा ।
और देश की इस कमजोर हथियार विहीन सेना के लिए पिछले 25 वर्ष में शासन करने वाली सारी पार्टियाँ जिम्मेदार है ।
🚩 जो सत्ता में रहे उन्होंने कभी सेना मजबूत करने के क़ानून नही बनाए और विपक्ष में बैठी पार्टियों ने कभी ऐसे क़ानून बनाने की मांग नही की ।
आलू, प्याज, टमाटर, रेल भाड़ा, महंगाई, गरीबी और पानी बिजली पर पिछले 67 सालो से चुनाव लड़ते आ रहे है ।
इंदिरा गांधी और शाष्त्री के अलावा सारे पीएम निकम्मे ।
और अब FDI के नाम पर विकास का नवा नाटक ।
इस वैभव का क्या करेंगे सुरक्षा बिना ?
आज देश के फिर से ऐसे हालात है कि यदि हमला हो जाता है तो फिर से कुछ ज़मीन दे कर हमें सीज फायर का समझौता करना पड़ेगा ।
और कुछ लोग तो विदेशी हथियारों से देश की रक्षा के मंसूबे बना रहे है ।
🚩 सभी नागरिको से निवेदन है कि नेताओं की अंधभक्ति के स्थान पर ऐसे कानूनों के प्रचार में शक्ति लगाए जिस से हमारी सेना मज़बूत बने , आधुनिक स्वदेशी हथियारों का निर्माण हो हमारी सीमाए सुरक्षित रहे,और हमारे पीएम को विदेशी तकनीक के लिए विदेशियों के सामने घुटने तोड़ कर दंडवत ना करनी पड़े ।
🚩 क्यों हम रक्षा में FDI ला रहे है ?
तकनीक के लिए ?
हमने ऐसे क़ानून क्यों नही पास किये जिस से हम तकनीक बना पाए ?
जब कोंग्रेस 10 साल से हमारी सेना और तकनीक का बेस तोड़ रही थी तो बीजेपी विपक्ष में बैठ कर रम्मी खेल रही थी क्या ?
क्यों उन्होंने कभी ये मुद्दे नही उठाये ?
🚩और जब अब बीजेपी सत्ता में आने के बाद कोंग्रेस के ही FDI के मुद्दे को आगे बढ़ा रही है तो उन कानूनों को तो कम से कम पास करो जिस से देश में तकनीक का विकास हो और स्वदेशी उन्नत हथियार बना पाए ।
🚩समाधान :
1. स्वदेशी उद्योगो के सरक्षण के लिए जज प्रणाली समाप्त करके नागरिको की जूरी सिस्टम को लागू किया जाए ।
2. तकनीक के विकास के लिए गणित एवं विज्ञान में सात्य प्रणाली लागू हो ।
3. पीएम्, सीएम तथा प्रशाशन को प्रजा अधीन किया जाए ।
4. हथियारों के निर्माण की फेक्ट्रियो को लाइसेंस मुक्त किया जाए ।
4. स्कूलों में हथियारों के महत्व के पाठ्यक्रम तथा हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाए ।
5. हथियार बंद नागरिक समाज की रचना की जाए ।
6. बन्दुक के लाइसेंस का निपटारा 15 दिवस के भीतर करने की प्रक्रिया अपनाई जाए ।
7. कोलेज के छात्रों को एक वर्ष का एच्छिक सेन्य प्रशिक्षण दिया जाए ।
8. रक्षा में FDI को अनुमति नही दी जाए ।
9. सीमावर्ती राज्यों में 25 से 45 वर्ष के नागरिको को बन्दूक रखने को अनिवार्य किया जाए/ प्रोत्साहित किया जाए ।
10. सरकार हथियारों का महत्त्व जनता को समझाने के लिए बड़े पैमाने पर विज्ञापन अभियान चलाये ।
11. बांग्लादेशी घुस्पेठियो को खदेड़ने का क़ानून पास हो । ( 2 करोड़ का अनुमान है )
12. धारा 370 तुरंत समाप्त हो (ताकि युद्ध के बाद होने वाले विवाद में भारत का दावा कश्मीर पर कानूनी भी रहे, बयानों का नही )
सभी नागरिको से निवेदन है कि अपने सांसद को इन कानूनों को पास करने का ऑर्डर SMS द्वारा भेजे ।
इन कानूनों के विस्तृत ड्राफ्ट तथा अन्य प्रजा तांत्रिक कानूनों के ड्राफ्ट देखें- fb.com/notes/1479571808802470/
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🚩समाधान ~ निचे दिये गये ड्राफ्ट की मांग सांसद से करे व sms भेजे की इन ड्राफ्ट को गेजेट में छापे
1. भारत में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट:  fb.com/1475760442516940
2.  हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/1475761792516805
सांसद व विधायक के नंबर एवं संपर्क डिटेल यहाँ से लें http://nocorruption.in/
अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून लागू करवाने के लिए उन पर जनतांत्रिक दबाव डालिए, इस तरह से उन्हें मोबाइल सन्देश या ट्विटर आदेश भेजकर कि:-
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” माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि भारत में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट:  fb.com/1475760442516940
व हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/1475761792516805
को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से इस क़ानून को लागू किया जाए, नहीं तो हम आपको वोट नहीं देंगे.
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz ”
इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.
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🚩राईट टू रिकॉल, ज्यूरी प्रणाली, वेल्थ टैक्स जैसेे क़ानून आने चाहिए जिसके लिए, जनता को ही अपना अधिकार उन भ्रष्ट लोगों से छीनना होगा, और उन पर यह दबाव बनाना होगा कि इनके ड्राफ्ट को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दें, अन्यथा आप उन्हें वोट नहीं देंगे.
अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/1479571808802470/
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🚩यदि धर्म और अधर्म के मध्य युद्ध हो तो तीर्थयात्रा का तीर्थस्थान 1 ही बचता है, वो केवल और केवल रणभूमि होती है, न कि कोई हिमालय !!
धर्म की मर्यादा शून्य में नहीं उगती, वो अधर्म के शव के ऊपर उगती है.
पराजय मृत्यु से अधिक महत्त्वपूर्ण है.
औपचारिकताएं सज्जनों के लिए निभानी चाहिए. दुष्टों के लिए नहीं.
इन कानूनों के आने की संभावना तभी बढ़ेगी जब हम सब मिलकर छोटे छोटे लाखों मीडिया स्रोत खड़े करके इन कानूनों की जानकारी करोड़ों नागरिकों तक पहुंचाने के साथ साथ अपने नेताओं पर दबाव बनाएं
जय हिन्द, वन्देमातरम

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