बीजेपी सहित सभी सरकार देशभक्ति की आड़ लेकर सेना की गोशाला सहित देश की जमीनों को विदेशियों को बेचने के लिए सरकारी संस्थानों को बंद कर रही है.

🚩 गौरक्षा के नाम पर देशभर में माहौल खराब करने वाली पार्टी के सत्ता अलमबरदार यह बता दें कि सेना की उन्नत नस्लों की गायों को नीलाम कर उन्हें किन सक्षम हाथों में देंगे और उन गायों की जहालत के लिए कौन जिम्मेदार होगा? केंद्र सरकार इस सवाल का जवाब नहीं देगी और गौरक्षक भी अपनी सरकार से यह सवाल नहीं पूछेंगे. भाजपाई राष्ट्रवाद और गोरक्षा की यही कुरूप असलियत है.

🚩 शेकतकर कमेटी की सिफारिशों का सबसे विवादास्पद पहलू है सेना के 39 मिलिट्री फार्म्स को बंद कर देने का सुझाव और उस पर केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली त्वरित मंजूरी. उससे भी अधिक संदेहास्पद है सरकारी मंजूरी के पहले ही जमीन जब्ती की कार्रवाई का गुपचुप तरीके से शुरू हो जाना. केंद्र के इस फैसले का बहुत बुरा खामियाजा भारतीय सेना को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा. भारतीय सेना के कृषि फार्म्स अहमदनगर, ग्वालियर, जबलपुर, सिकंदराबाद, बेलगावी, महू, झांसी, दीमापुर, गुवाहाटी, जोरहाट, पानागढ़, कोलकाता, अम्बाला, जलंधर, आगरा, पठानकोट, इलाहाबाद, लखनऊ, सीतापुर, कानपुर, रानीखेत, जम्मू, श्रीनगर, करगिल और ऊधमपुर समेत देश के कई हिस्सों में हैं.
🚩 25 हजार एकड़ वाले कुल 39 मिलिट्री फार्म्स में करीब 50 हजार उच्च नस्ल की दुधारू गायों के अलावा हजारों अन्य पशु पलते हैं. इसी में सेना के डेयरी फार्म भी हैं जो सैनिकों के लिए दूध एवं अन्य दुग्ध सामग्रियां उपलब्ध कराते हैं. मिलिट्री फार्म्स की देखरेख में करीब तीन सौ करोड़ का खर्च आता है, जबकि उससे कई गुणा अधिक कमाई मिलिट्री फार्म्स में होने वाली खेती से होती है. विडंबना यह है कि शेकतकर कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी देने की कैबिनेटी-नौटंकी अगस्त महीने की आखिरी तारीख में हुई, जबकि उसके काफी पहले ही मिलिट्री फार्म्स को बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी. 15 अगस्त के पहले ही देश के 12 मिलिट्री फार्म्स बंद किए जा चुके थे. शेष 27 मिलिट्री फार्म्स को बंद करने की प्रक्रिया सरकारी मंजूरी के प्रहसन के पहले से ही शुरू है.
🚩 केंद्र सरकार की नैतिकता का क्या स्तर है यह इस तथ्य से ही समझ में आ जाएगा कि देश में उन्नत नस्ल की फ्रीसवाल गायें विकसित करने का श्रेय मिलिट्री फार्म्स महकमे को जाता है. मिलिट्री फार्म्स महकमे के वेटनरी विशेषज्ञों ने नीदरलैंड की होल्सटीन-फ्रीसियन गायों और साहीवाल गायों के मेल से उन्नतकिस्म की गायें विकसित की थीं, जिन पर दुनियाभर के पशु-विशेषज्ञों को हैरत हुई थी. बेहतरीन डेयरी मैनेजमेंट करने और सेना को शुद्ध दूध मुहैया करने की सुनियोजित व्यवस्था के लिए संयुक्त राष्ट्र भारतीय सेना की प्रशंसा कर चुका है.
🚩 ऐसे ही गौरवशाली और ऐतिहासिक महकमे को केवल जमीन हथियाने की गरज से बंद किया जा रहा है. सैनिकों को फ्री-राशन की व्यवस्था बंद करने के बाद राष्ट्रवादी भाजपा सरकार ने सैनिकों को मिलने वाले शुद्ध दूध का रास्ता भी बंद कर दिया है. मिलिट्री डेयरी फार्मों से सालाना करीब पांच सौ लाख किलो दूध का उत्पादन हो रहा था.
🚩 राष्ट्रवाद का सियासी धंधा करने वाली भाजपा सरकार ने देश की सेना को तीसरे दर्जे का बना कर रख दिया. सेना के पास गोला-बारूद की भारी कमी है. स्तरीय हथियार नहीं हैं. युद्ध उपकरण नहीं हैं. सीधा युद्ध हुआ तो 10 दिन से अधिक लड़ने की आयुध-औकात नहीं है, जो आयुध हैं भी उसका रख-रखाव अत्यंत फूहड़ है जो पुलगांव हादसे की तरह कभी भी भीषण विध्वंस में बदल सकता है. इसकी लगातार आपराधिक-उपेक्षा करने वाली केंद्र सरकार कहती है कि ढांचागत बदलाव करके सेना की युद्धक-क्षमता बढ़ाएंगे.
🚩 30 अगस्त की घोषणा केंद्र सरकार का सफेद झूठ है. दरअसल भाजपा नेताओं की निगाह भारतीय सेना के अधिकार क्षेत्र की करीब 25 हजार एकड़ भूमि पर है. हजारों एकड़ बेशकीमती जमीन छीनने के लिए सरकार ने सेना के ढांचागत परिवर्तन की पैंतरेबाजी की है. सेना से बहुमूल्य जमीन छीन कर उसे बड़े उद्योगपतियों और धनपतियों को दिए जाने की तैयारी है. इसका खुलासा होने में भी अब अधिक देर नहीं है.
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🚩 बुधवार 30 अगस्त को रक्षा मंत्री (जो अब पूर्व हो चुके) अरुण जेटली ने उसी दिन हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक का हवाला देते हुए मीडिया से कहा कि सेना में ढांचागत बदलाव को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल डीबी शेकतकर कमेटी की सिफारिशें मंजूर कर ली गई हैं. इस फैसले की धुरी में सेना के 39 कृषि फार्मों (मिलिट्री फार्म्स) की करीब 25 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने की नीयत छुपी है. मिलिट्री फार्म्स की हजारों एकड़ बेशकीमती जमीन छीन कर सेना की युद्धक क्षमता कैसे बढ़ाएंगे? इस सवाल पर अगर आप मंथन करें तो इसके पीछे की पूंजीगत-साजिशों के तार साफ-साफ दिखने लगेंगे.
🚩 आप इसी से समझ लें कि केंद्रीय कैबिनेट 30 अगस्त को निर्णय लेती है और उसी दिन जेटली इसका ऐलान करते हैं, जबकि पर्दे के पीछे की असलियत यह है कि मिलिट्री फार्म्स की जमीनों को जब्त करने की कार्रवाई कई महीने पहले शुरू कर दी गई थी. मिलिट्री डेयरियों की गायों को नीलाम करने की प्रक्रिया कई महीने पहले से शुरू थी. सेनाध्यक्ष को पहले ही बता दिया गया था. सरकार के फैसले की आधिकारिक घोषणा के पहले ही मिलिट्री फार्म्स की जमीनें जब्त करने की कार्रवाइयां शुरू हो गई थीं. https://goo.gl/cGvV4e
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🚩 🚩 समाधान :.
.1) प्रधानमंत्री को नागरिको द्वारा सीधे चुनने के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : राईट टू रिकॉल - प्रधानमंत्री : fb.com/notes/1478473328912318
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2) उच्चतम न्यायलय में व्यक्तिनिष्ठ (साक्षात्कार) चयन प्रक्रियाओं के आधार पर नियुक्तियों के लिए आरक्षण का प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476555695770748
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3) जमीनों के लेनदेन में काले धन की रोकथाम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476542485772069
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4) गोहत्या कम करने के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476076805818637
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5) राईट टू रिकॉल मंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476084522484532
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6) पब्लिक में नार्को टेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476079982484986
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7) राइट-टू-रिकॉल-रिज़र्व बैंक गवर्नर के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476074975818820
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8) हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475761792516805
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सांसद व विधायक के नंबर एवं संपर्क डिटेल यहाँ से लें http://nocorruption.in/
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अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून लागू करवाने के लिए उन पर जनतांत्रिक दबाव डालिए, इस तरह से उन्हें मोबाइल सन्देश या ट्विटर आदेश भेजकर कि:-
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" माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि भारत में जमीनों के लेनदेन में काले धन की रोकथाम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476542485772069
तथा गोहत्या कम करने के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476076805818637
को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से इस क़ानून को लागू किया जाए, नहीं तो हम आपको वोट नहीं देंगे.
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz "
इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.
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🚩🚩राईट टू रिकॉल, ज्यूरी प्रणाली, वेल्थ टैक्स जैसेे क़ानून आने चाहिए जिसके लिए, जनता को ही अपना अधिकार उन भ्रष्ट लोगों से छीनना होगा, और उन पर यह दबाव बनाना होगा कि इनके ड्राफ्ट को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दें, अन्यथा आप उन्हें वोट नहीं देंगे.
अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/1479571808802470/
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🚩 यदि धर्म और अधर्म के मध्य युद्ध हो तो तीर्थयात्रा का तीर्थस्थान 1 ही बचता है, वो केवल और केवल रणभूमि होती है, न कि कोई हिमालय !!
धर्म की मर्यादा शून्य में नहीं उगती, वो अधर्म के शव के ऊपर उगती है.
पराजय मृत्यु से अधिक महत्त्वपूर्ण है.
औपचारिकताएं सज्जनों के लिए निभानी चाहिए. दुष्टों के लिए नहीं.
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लेख,साभार: http://www.chauthiduniya.com/2017/…/destroying-the-army.html
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फोटो साभार: http://www.dnaindia.com/…/report-military-farms-shut-down-2…
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जय हिन्द. वन्दे मातरम्

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