वैचारिक भिन्न लोगों की हत्या जायज ठहराई जा सकती है?
नहीं मालूम कि गौरी लंकेश की किस किस से दुश्मनी थी.. जो मालूम है वो ये कि उनके निशाने पर सत्ता रहती थी.
नहीं मालूम कि गौरी लंकेश को किसने मारा.. जो मालूम है वो ये है कि उन्हें तीन गोलियों से छलनी किया गया.
नहीं मालूम कि पुलिस हत्यारों को कब तक खोज निकालेगी.. जो मालूम है वो ये है कि कलबुर्गी या पंसारे समेत ना जाने कितने पिछले दिनों मारे गए असहमति के स्वरों पर सरकारों के मुंह से एक बार नहीं निकला कि ऐसे नहीं चलने देंगे.
🚩 निहत्थे लोगों को मार डालने का सिलसिला चल निकला है. ना आप मनमाफिक लिख सकते हैं.. ना बोल सकते हैं..
वामपंथ की असहिष्णुता और उस विचारधारा के हिसात्मक गुणधर्म के मुकाबले तो दक्षिणपंथी अबोध शिशु हैं.
कहां साध पाएंगे वैसी क्रूरता, जो केरल में राजेश जैसों की हत्या के दौरान की जाती है !
🚩 लंकेश के आखिरी ट्वीट से ये भी साफ हो जाता है कि अपने प्रिय कॉमरेडों से उनक कलह चल रहा था.
पुलिस ने उनके अपने ही प्रिय भाई से विवाद की पुष्टि भी कर दी है.
केस मुकदमा सब हो चुका था तो फिर फैसला किस तरह से सुना दिया ?
क्या ईश्वरीय वाणी सुनी थी? या लंकेश जी ने बताया था कि इतने बजे मुझे दक्षिणपंथी लोग मारने वाले हैं ?
ऐसी ही जल्दबाजी वो कलबुर्गी, पानसारे और रोहित वेमुला मामले में दिखलाते रहे हैं.
🚩 रोहित वेमूला का झूठ सामने आ चुका है. पर निर्लज्ज हैं इसलिए उन्हें लाज भी नहीं आती । कलबुर्गी में दक्षिणपंथी हत्यारे को तलाशने में सरकारी मशीनरी के कलपुर्जे ढीले पड़ गए हैं जबकि सरकार उनकी, सारी मशीनरी उनकी, जबकि सत्य तो यह है कि उन्हें कवि वासव के विरुद्ध लिखने के लिए लिंगायत समुदाय के लोगों ने मारा और सिद्धारमैया लिंगायतों के बहुमूल्य वोट न गंवाने के लिए चुप हैं, पानसारे केस का भी यही हाल है.
बाकी पत्रकारों की हत्या का क्या है? वो तो सीवान में कभी भी मार दिये जाते हैं, उत्तरप्रदेश में जला दिये जाते हैं बंगाल में चूं चपड़ करने की आजादी नहीं है.
लेकिन माननीय मानवतावादी वामपंथियों और सेक्यूलरों के कानों मे जूं तक नहीं रेगती ।
🚩 अगर ऐसा करते हैं तो याद रखिए आपकी जान पर मौत का पहरा है. पत्रकार तो सोशल एक्टिविस्ट भी नहीं होता. वो तो सरकारों के खिलाफ लिखता ही है.
🚩 वे पत्रकार थीं अपराधी नहीं । उनकी कुछ वैचारिक प्रतिबद्धताएं थीं और ये तय है कि वे ईमानदार पत्रकार नहीं थीं क्योंकि उनकी पत्रकारिता एकरेखीय थी, तब भी, किसी मनुष्य को उसकी वैचारिकी के लिए मारा नहीं जा सकता.
अगर ऐसा ही है तो फिर सरकार इतना भर कर दे कि हर पत्रकार को बंदूक और गोले दे दे.
जान बचाने का हक तो सबको है ना. सरकारों के हाथ से अगर बात निकल चुकी है तो फिर पत्रकारों के सामने अपनी स्थिती स्पष्ट करने में शर्म कैसी?
🚩
🚩 समाधान: ज्यूरी सिस्टम, सार्वजनिक नार्को टेस्ट और राईट-टू-रिकॉल जज का क़ानून गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से कानूनी धारा में लागू कर दिया जाना चाहिए.
(1) ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
fb.com/notes/ 1475753109184340
(2) पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :fb.com/notes/ 1476079982484986
(3) राइट-टू-रिकॉल जिला प्रधान जज के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/ 1475755772517407
(४) जनता की आवाज - पारदर्शी शिकायत प्रणाली' -- टीसीपी :fb.com/notes/ 1475751599184491
सांसद व विधायक के नंबर एवं संपर्क डिटेल यहाँ से लेंhttp://nocorruption.in/
🚩 अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून लागू करवाने के लिए उन पर जनतांत्रिक दबाव डालिए, इस तरह से उन्हें मोबाइल सन्देश या ट्विटर आदेश भेजकर कि:-
" माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि भारत में ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/ pawan.jury/posts/ 809746209143617
और पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :www.facebook.com/ pawan.jury/posts/ 812341812217390 को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से इस क़ानून को लागू किया जाए, नहीं तो हम आपको वोट नहीं देंगे.
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz "
इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.
🚩
🚩राईट टू रिकॉल, ज्यूरी प्रणाली, वेल्थ टैक्स जैसेे क़ानून आने चाहिए जिसके लिए, जनता को ही अपना अधिकार उन भ्रष्ट लोगों से छीनना होगा, और उन पर यह दबाव बनाना होगा कि इनके ड्राफ्ट को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दें, अन्यथा आप उन्हें वोट नहीं देंगे.
अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/ 1479571808802470/
जय हिन्द. वन्दे मातरम्
नहीं मालूम कि गौरी लंकेश को किसने मारा.. जो मालूम है वो ये है कि उन्हें तीन गोलियों से छलनी किया गया.
नहीं मालूम कि पुलिस हत्यारों को कब तक खोज निकालेगी.. जो मालूम है वो ये है कि कलबुर्गी या पंसारे समेत ना जाने कितने पिछले दिनों मारे गए असहमति के स्वरों पर सरकारों के मुंह से एक बार नहीं निकला कि ऐसे नहीं चलने देंगे.

वामपंथ की असहिष्णुता और उस विचारधारा के हिसात्मक गुणधर्म के मुकाबले तो दक्षिणपंथी अबोध शिशु हैं.
कहां साध पाएंगे वैसी क्रूरता, जो केरल में राजेश जैसों की हत्या के दौरान की जाती है !

पुलिस ने उनके अपने ही प्रिय भाई से विवाद की पुष्टि भी कर दी है.
केस मुकदमा सब हो चुका था तो फिर फैसला किस तरह से सुना दिया ?
क्या ईश्वरीय वाणी सुनी थी? या लंकेश जी ने बताया था कि इतने बजे मुझे दक्षिणपंथी लोग मारने वाले हैं ?
ऐसी ही जल्दबाजी वो कलबुर्गी, पानसारे और रोहित वेमुला मामले में दिखलाते रहे हैं.

बाकी पत्रकारों की हत्या का क्या है? वो तो सीवान में कभी भी मार दिये जाते हैं, उत्तरप्रदेश में जला दिये जाते हैं बंगाल में चूं चपड़ करने की आजादी नहीं है.
लेकिन माननीय मानवतावादी वामपंथियों और सेक्यूलरों के कानों मे जूं तक नहीं रेगती ।


अगर ऐसा ही है तो फिर सरकार इतना भर कर दे कि हर पत्रकार को बंदूक और गोले दे दे.
जान बचाने का हक तो सबको है ना. सरकारों के हाथ से अगर बात निकल चुकी है तो फिर पत्रकारों के सामने अपनी स्थिती स्पष्ट करने में शर्म कैसी?


(1) ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
fb.com/notes/
(2) पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :fb.com/notes/
(3) राइट-टू-रिकॉल जिला प्रधान जज के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/
(४) जनता की आवाज - पारदर्शी शिकायत प्रणाली' -- टीसीपी :fb.com/notes/
सांसद व विधायक के नंबर एवं संपर्क डिटेल यहाँ से लेंhttp://nocorruption.in/

" माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि भारत में ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/
और पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :www.facebook.com/
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz "
इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.


अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/
जय हिन्द. वन्दे मातरम्
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.