भगवा और इस्लाम
इस्लाम वालों की असलियत ये है की इनका असली रंग भगवा है क्योंकि इनके ओरिजिनल रसूल भी भगवा रंग के वस्त्र पहनते थे. हरा रंग इस्लाम वालों पर उन्मादियों द्वारा अन्य सम्प्रदायों को आतंकित करने के लिए ग्रहण करवाया गया है. अतः सभी इस्लाम वालों को भगवा से घृणा न करके, इसे अपना धर्म कबूल कर लेना चाहिए.
#भगवा_और_इस्लाम -
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भारतीय परंपरा में भगवा रंग को त्याग, शौर्य , बलिदान और साहस का प्रतिक माना जाता है ,भगवा रंग को केसरिया रंग भी कहा जाता है यह रंग केसर के पराग से प्राप्त होता है जिसका वैज्ञानिक नाम Crocus sativus है ,भगवा रंग हिन्दू धर्म का द्योतक है ,इसलिए मंदिरों पर भगवा झंडा लगाया जाता है जिसे " धर्मध्वज. या धर्मपताका भी कहते हैं ,अधिकांश हिन्दू संत ,सन्यासी भगवा रंग के वस्त्र धारण करते है ,इसके अतिरिक्त बौद्ध सन्यासी भी गेरुआ या भगवा वस्त्र ही पहिनते है , तो क्या इस्लाम मे हरा रंग है जवाब है नही इस्लाम मे भी गेरूआ है। और ये हरा रंग उनपे जबर्दस्ती थोप दिया गया है ।
यहाँ तक कि गेरूआ रंग खुद रसूल पहनते थे फिर ये इस्लामिक धर्मगुरु भगवा रंग का विरोध क्यों करते है।
क्यों बार बार ये कहते है कि भगवा आतंकवाद की बात करते है।
यहाँ तक कि गेरूआ रंग खुद रसूल पहनते थे फिर ये इस्लामिक धर्मगुरु भगवा रंग का विरोध क्यों करते है।
क्यों बार बार ये कहते है कि भगवा आतंकवाद की बात करते है।
#आइये आपको कुछ बताते हैं।
1-#पहली हदीस
"कायलाह बिन मुकरामह ने कहा कि मैंने देखा कि रसूल दो लुंगियां ( कमर में बांधने वाला ) कपडा लपेटे हुए थे ,जो केसरिया रंग से रंगा हुआ था"
"कायलाह बिन मुकरामह ने कहा कि मैंने देखा कि रसूल दो लुंगियां ( कमर में बांधने वाला ) कपडा लपेटे हुए थे ,जो केसरिया रंग से रंगा हुआ था"
Qaylah bin Makhramah (R.A) says:
"I saw Rasulullah (S.A.W) in such a state that he was wearing two old lungis (sarong, waist wrap) that had been dyed a saffron colour
"I saw Rasulullah (S.A.W) in such a state that he was wearing two old lungis (sarong, waist wrap) that had been dyed a saffron colour
، عَنْ قَيْلَةَ بِنْتِ مَخْرَمَةَ، قَالَتْ: رَأَيْتُ النَّبِيَّ صلى الله عليه وسلم وَعَلَيْهِ أَسْمَالُ مُلَيَّتَيْنِ، كَانَتَا بِزَعْفَرَانٍ
Shama'il Muhammadiyah-الشمائل المحمدية
English reference : Book 8, Hadith 64
Arabic reference : Book 8, Hadith 66
Arabic reference : Book 8, Hadith 66
2-#दूसरी हदीस
अब्दुलाह बिन जैद ने अपने पिता की बात बयान की है कि इब्ने उमर अपने कपडे भगवा रंग में रंगवाया करते थे ,कारण पूछने से उन्होंने बताया की अल्लाह के रसूल भी केसरिया रंग से कपडे रंगवाया करते थे "
अब्दुलाह बिन जैद ने अपने पिता की बात बयान की है कि इब्ने उमर अपने कपडे भगवा रंग में रंगवाया करते थे ,कारण पूछने से उन्होंने बताया की अल्लाह के रसूल भी केसरिया रंग से कपडे रंगवाया करते थे "
'Abdullah bin Zaid narrated from his father that:
Ibn 'Umar used to dye his garments with saffron. He was asked about that and he said: "The Messenger of Allah [SAW] used to dye his clothes (with it)."
Ibn 'Umar used to dye his garments with saffron. He was asked about that and he said: "The Messenger of Allah [SAW] used to dye his clothes (with it)."
"، أَنَّ ابْنَ عُمَرَ، كَانَ يَصْبُغُ ثِيَابَهُ بِالزَّعْفَرَانِ فَقِيلَ لَهُ فَقَالَ كَانَ رَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم يَصْبُغُ .
Reference : Sunan an-Nasa'i 5115
In-book reference : Book 48, Hadith 76
English translation : Vol. 6, Book 48, Hadith 5118
In-book reference : Book 48, Hadith 76
English translation : Vol. 6, Book 48, Hadith 5118
3-#तीसरी हदीस
मलिक बिन नाफय कहते हैं की इब्न उमर गेरुआ ( गेरू मिट्टी रंग जैसे ) केसरिया कपडे पहिना करते थे "
मलिक बिन नाफय कहते हैं की इब्न उमर गेरुआ ( गेरू मिट्टी रंग जैसे ) केसरिया कपडे पहिना करते थे "
from Malik from Nafi that Abdullah ibn Umar wore garments dyed with red earth and dyed with saffron.
"وَحَدَّثَنِي عَنْ مَالِكٍ، عَنْ نَافِعٍ، أَنَّ عَبْدَ اللَّهِ بْنَ عُمَرَ، كَانَ يَلْبَسُ الثَّوْبَ الْمَصْبُوغَ بِالْمِشْقِ وَالْمَصْبُوغَ بِالزَّعْفَرَانِ . "
Muwatta Malik-USC-MSA web (English) reference : Book 48, Hadith 4
Arabic reference : Book 48, Hadith 1657
#विशेष -
अगर मुल्लों में हिम्मत हो तो इन हदीसों को गलत साबित कर के दिखाएँ , नहीं तो भविष्य में कभी हिन्दुओं को भगवा आतंकवादी कहने की भूल नहीं करें , नहीं तो हम भी मुहम्मद साहब को भी भगवा आतंकवादी कहने लगेंगे।।
अगर मुल्लों में हिम्मत हो तो इन हदीसों को गलत साबित कर के दिखाएँ , नहीं तो भविष्य में कभी हिन्दुओं को भगवा आतंकवादी कहने की भूल नहीं करें , नहीं तो हम भी मुहम्मद साहब को भी भगवा आतंकवादी कहने लगेंगे।।
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.