मॉरीशस-ट्रीटी से भारत में होने वाला व्यापार हमारे ईमानदार कारोबारियों और उद्योगपतियों को बेईमान बनने पर बाध्य करता है, लेकिन कैसे और स्वदेशी उद्योगपति इससे क्यूँ प्रभावित होंगे ?

कैसे मॉरीशस रुट ने भारत के ईमानदार कारोबारियों और उद्योगपतियों को बेईमान बनने पर बाध्य किया, और कैसे स्वदेशी उद्योगपति इससे प्रभावित होंगे ?

मोरार देसाई अमेरिका-ब्रिटेन का कठपुतली था, अत: अमेरिका-ब्रिटेन ने मोरार देसाई को प्रधानमन्त्री बनने में मदद की। अमेरिका-ब्रिटेन चाहते थे कि भारत एक ऐसी संधि पर साइन करे जिसमें यह लिखा हो कि, 'यदि मॉरीशस की कोई कंपनी भारत में मुनाफ़ा कमाती है तो उसे कोई टैक्स नहीं चुकाने होंगे' !! मोरार देसाई ने उनकी इस मांग को पूरी करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी की और इस संधि को साइन करने के लिए भारत सरकार की और से वादा किया।
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लेकिन इसी दौरान मध्यावधि चुनाव हुए, जिसमे मोरार देसाई कुर्सी से बेदखल हो गए और देवी इंदिरा अम्मा सत्ता में लौट आई। वे इस संधि को रद्द कर सकती थी, लेकिन मामला काफी आगे जा चुका था। अत: देवी इंदिरा अम्मा ने इस संधि पर हस्ताक्षर किये लेकिन इसका प्रभाव समाप्त करने के लिए एक राजपत्र अधिसूचना प्रकाशित करके विदेश से आने वाले सभी विदेशी निवेश प्रस्तावों को केबिनेट से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया, और मॉरीशस से आने वाले सभी निवेश प्रस्तावों को रद्द कर दिया। और इस प्रकार मॉरीशस रुट सिर्फ कागज पर ही सीमित रह गया।
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लेकिन 1991 में अमेरिका-ब्रिटेन फिर से अपनी दो कठपुतलियों पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाने में सफल हो गए। और दोनों ने मॉरीशस से आने वाले निवेश को हरी झंडी देना शुरू कर दिया।
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ऐसी स्थिति में अमेरिकी-ब्रिटिश कम्पनियों ने मॉरीशस में अपनी छद्म कम्पनियां शुरू की, और इन कम्पनियों को भारत में कोई टैक्स नहीं चुकाने थे। जाहिर है भारतीय कम्पनियां इन कर मुक्त कम्पनियों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं रह गयी थी। तब बाजार में टिके रहने के लिए उन्होंने अपने धन को हवाला इत्यादि से मॉरीशस पहुंचाया और मॉरीशस रुट के माध्यम से भारत में पुन: निवेश करने लगे। और जब पनामा की तरह मॉरीशस इन भारतीय कम्पनियों के बारे में खुलासा करेगा तो ये बुरी तरह से फंस जाएंगे !!!
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भारतीय उद्योगपतियों ने 1996 के आम चुनावों में वाजपेयी का समर्थन किया और वे प्रधानमंत्री बने। चूंकि वाजपेयी अमेरिकी-ब्रिटिश धनिको से रार नहीं ठानना चाहते थे अत: उन्होंने इस संधि को रद्द करने का जोखिम नहीं उठाया। लेकिन उनके कार्यकाल में मॉरीशस रुट को ख़त्म करने सम्बन्धी कुछ कदम उठाये जाने की चर्चा बनी हुयी थी। मॉरीशस रुट तथा कुछ अन्य कारणों के चलते अमेरिका-ब्रिटेन ने पाकिस्तान को कारगिल पर चढ़ाई करने के लिए रणनीतिक-सैन्य मदद दी, और भारत को कारगिल युद्ध झेलना पड़ा। युद्ध में पाकिस्तान और भारत दोनों की हार व अमेरिका की विजय हुयी, परिणामस्वरूप वाजपेयी ने मॉरीशस रुट जारी रखने की अमेरिका-ब्रिटेन की मांग मान ली।
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और अब एक तरफ जहां सोनिया-मोदी-केजरीवाल "काला धन...काला धन...काला धन" के नारे लगाकर कोलाहल मचा रहे है, वहीं दूसरी तरफ ये सभी नेता मॉरीशस रुट पर चुप्पी साधे हुए है !! इतना ही नहीं हालात को और भी बदतर बनाने के लिए सोनिया घांडी ने 2013 में सिंगापुर के साथ और मोदी साहेब ने 2015 में फिजी के साथ मॉरीशस रुट की तर्ज पर ही अन्य संधियों पर हस्ताक्षर कर दिये है !!! और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का दम भरने वाले अरविन्द गांधी इन तीनो इन तीनो संधियों का खुले आम समर्थन कर रहे है !!!
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कुल मिलाकर इन तीनो संधियों का परिणाम यह होगा कि ज्यादा से ज्यादा भारतीय उद्योगपति मॉरीशस, सिंगापुर और फिजी में गैर कानूनी कम्पनियां शुरू करने के लिए बाध्य हॉग=होंगे और जब वे पकडे जाएंगे तो ख़त्म हो जाएंगे !!!
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समाधान ?
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इस समस्या के समाधान के लिए हम राइट टू रिकालिस्ट्स कार्यकर्ताओ से यह आग्रह कर रहे है कि 85 करोड़ नागरिकों द्वारा अपने सांसदों को एसएमएस द्वारा यह आदेश भेजा जाना चाहिए कि मॉरीशस-सिंगापुर-फिजी समझौतों को रद्द किया जाए। और इस समस्या के समाधान के लिए आरएसएस और कांग्रेस कार्यकर्ताओ द्वारा प्रस्तावित समाधान क्या है ?
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संघ के स्वयसेवक समाधान के लिए 9 बार "भारत माता की जय" के नारे लगाते है !!! और जब हम रिकालिस्ट्स उनसे दुबारा पूछते है कि मॉरीशस रुट को समाप्त करने के लिए क्या किया जाना चाहिए, तो वे चार गुना ऊँची आवाज में पूरी ताकत के साथ गला फाड़ कर 18 बार "भारत माता की जय" का नारा चीखते है !!!! ऐसे हालात में उनसे इस बारे में तिबारा पूछने की हमारी हिम्म्त नहीं है।
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कांग्रेस के कार्यकर्ता समाधान के लिए "सेकुलरिज़्म जिन्दाबाद" का नारा 10 बार लगाने की सलाह देते है, और बीजेपी के कार्यकर्ता मॉरीशस रुट के बारे में पूछने उल्टे हमसे ही यह सवाल पूछते है कि, "तुम लोग 60 साल तक कहाँ थे" ?? इन्होने इस सवाल पर पेटेंट करवा लिया है, और कोई भी सवाल पूछने पर ये हमसे 60 बार यह सवाल करते है कि , "60 साल तक तुम सब कहाँ थे, 60 साल तक तुम सब कहाँ थे, 60 साल तक तुम सब कहाँ थे.... * 60 !!!! और अरविन्द गांधी के कार्यकर्ता हमसे कहते है कि -- जब कांग्रेस और बीजेपी मॉरीशस रुट का समर्थन कर रही है तो तुम राईट टू रिकॉल ग्रुप के कार्यकर्ता मॉरीशस रुट के बारे में आम आदमी पार्टी पर क्यों सवाल खड़े कर रहे हो ? और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ताओ का मॉरीशस रुट को खत्म करने का अपना अलग ही ढंग है। वे हमसे कहते है कि --- "योग करो, प्राणायाम करो, अपनी हाथो के दोनों नाखूनों को दिन में 1084 बार आपस में रगड़ो, पतंजलि के तेल-साबुन का इस्तेमाल करो, आचार्यकुलम के लिए चंदा इकट्ठा करो, और इससे मॉरीशस रुट अपने आप गायब हो जाएगा" !!! और वे इतने पर भी नहीं रूकते। अपना समर्पण दिखाने के लिए फिर वे "काला धन वापिस आएगा, काला धन वापिस आएगा" का नारा ऊँची आवाज में 100 बार लगाते है !!!
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तो अब आप कार्यकर्ताओ को इस बारे में फैसला करना चाहिये कि मॉरीशस रूट को खत्म करने के लिए उन्हें राईट टू रिकॉल ग्रुप के साथ कार्य करना चाहिए या कांग्रेस-बीजेपी-आम आदमी पार्टी और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ताओ के साथ नारे लगाने चाहिए।
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बहरहाल, मॉरीशस रुट को खत्म करना आसान नहीं है। क्योंकि यदि हमने मॉरीशस रुट को रद्द करने की कोशिश की तो यह लगभग तय है कि अमेरिका फिर से पाकिस्तान को भारत पर हमला करने के लिए सैन्य मदद देगा। इसीलिए हमें भारत की सेना को मजबूत बनाने के लिए स्वदेशी हथियारों के निर्माण उद्योग की तकनिकी क्षमता में सुधार करने की जरुरत है। और इसके लिए हमारे पास राईट टू रिकॉल, ज्यूरी सिस्टम, टीसीपी, वेल्थ टैक्स आदि कानूनों को गैजेट में प्रकाशित करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। और इस समय देश में सिर्फ राईट टू रिकॉल ग्रुप ही ऐसा समूह है जिसने भारत की सेना को मजबूत बनाने, स्वदेशी इकाइयों को सरंक्षण देने, निर्माण प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने आदि के लिए आवश्यक क़ानून ड्राफ्ट्स का प्रस्ताव किया है। शेष पार्टियों और समूहों के कार्यकर्ताओ के पास नारे आदि लगाने से फुर्सत नहीं है।
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इसीलिए देश के सभी राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओ से हमारा आग्रह है कि वे राईट टू रिकॉल ग्रुप द्वारा प्रस्तावित ज्यूरी सिस्टम, वेल्थ टैक्स, राईट टू रिकॉल, टीसीपी, एम आर सी एम आदि क़ानून ड्राफ्ट्स को देश में लागू करवाने के लिए प्रयास करें।
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आप 'मॉरीशस-सिंगापुर-फिजी रुट' को रद्द करवाने के लिए क्या कर सकते है ?
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१) इस लिंक को देखें ---- https://web.facebook.com/ProposedLawsHindi/posts/565918486919683
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इस लिंक में वह प्रारूप रखा गया है जिसे गैजेट में प्रकाशित करके इन समझौतों को रद्द किया जा सकता है।
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२) यदि आप इस प्रारूप को गैजेट में प्रकाशित करने का समर्थन करते है तो इस ड्राफ्ट को अपने नोट्स सेक्शन में रखें, तथा अपने सांसद को एसएमएस द्वारा आदेश भेजे कि इस ड्राफ्ट को गैजेट में प्रकाशित किया जाए। 

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सबको, पी एम् को मारीशस , सिंगापुर के रास्ते से इस देश में आने वाले कंपनियों जो डबल टैक्स avoidance एवं स्पेशल एकोनिमिक जोन से मिलने वाली तमाम तरह की आर्थिक सुविधाओं के के द्वारा(जो कभी भी हमारे देश की कंपनियों को हासिल नहीं हो सकता), हमारे देश का आर्थिक सांस्कृतिक शोषण करने की साथ साथ धर्मांतरण करवातीं हैं, इस संधि को मारीशस ट्रीटी बोलते हैं, इस ट्रीटी को तत्काल प्रभाव से कैंसिल करने के लिए आप सब, पी एम् को ट्वीट करें और इस तरह उनपर दबाव बनाएं, इसका हैश टैग भी चलाएं आप सब, जिससे ये ट्रीटी कैंसिल होने के साथ साथ, इनके द्वारा होने वाले आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक शोषण कम हो.
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जय हिन्द.

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