भारत में पुलिस-व्यवस्था किसकी रक्षा करती है?

आम जनता जिनका सम्बन्ध किसी राजनैतिक घरानों व उनके दबंगों से नहीं है, के मन में, भारतीय पुलिस व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित तीन सवाल तो उठते ही होंगे कि :-
a) - क्या पुलिस व्यवस्था सत्ता एवं उसके नुमाइंदों की रक्षा के लिए है ?
b) - क्या पुलिस व्यवस्था नागरिकों को गुलाम बनाने व आवाज दबाने के लिए है ?
c) - क्या पुलिस व्यवस्था को सुधारने का कोई उपाय है?(इस लेख का तारांकित हिस्सा(★ समाधान ?) पढें)
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उत्तर = a-b-c हाँ। कैसे ?
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बात ये है, कि हमारे देश में पुलिस की कार्य-प्रणाली इंडियन पुलिस एक्ट के द्वारा नियंत्रित होती है, जिसका अस्तित्व 1860 में आया.
1860 में इंडियन पुलिस एक्ट बनाया गया | 1857 के पहले अंग्रेजों की कोई पुलिस नहीं थी इस देश में लेकिन 1857 में जो विद्रोह हुआ उससे डरकर उन्होंने ये कानून बनाया ताकि ऐसे किसी भी तरह के विद्रोह या क्रांति को दबाया जा सके | अंग्रेजों ने इसे बनाया था भारतीयों का दमन और अत्याचार करने के लिए |
1857 की महाक्रान्ति के बाद अंग्रेजों ने पुलिस व्यवस्था को खड़ा किया जिससे उसकी सत्ता 90 वर्ष तक चलती रही यदि देश में अंग्रेजों का विरोध होता था तो पुलिस व्यवस्था लाठी मारकर उसे दबा देती थी आज भी ये ही हो रहा है आज नागरिकों को मोदी जी ने लाइन में लगा रखा है उनमे गुस्सा भी है लेकिन पुलिस के डर से लोगों का गुस्सा दबा हुआ है यानि पुलिस व्यवस्था नागरिकों को पीटने के लिए है जिससे सत्ताधारियों की सत्ता चलती रहे। पुलिस व्यवस्था अंग्रेजों के कानूनों के अनुसार आज भी चल रही है किसान अपनी जमीन ना छीनने के लिए आंदोलन करे या कोई नागरिक संघठन अपनी जायज मांग के लिए आंदोलन करे पुलिस उसे डण्डे के दम पर दबा देती है।
इंडियन पुलिस एक्ट में पुलिस को विशेष अधिकार दिया गया | पुलिस को एक डंडा थमा दिया गया और ये अधिकार दे दिया गया कि अगर कहीं 5 से ज्यादा लोग हों तो वो डंडा चला सकता है यानि लाठी चार्ज कर सकता है और वो भी बिना पूछे और बिना बताये और पुलिस को तो Right to Offence है लेकिन आम आदमी को Right to Defence नहीं है |
आपने अगर अपने बचाव के लिए उसके डंडे को पकड़ा तो भी आपको सजा हो सकती है क्योंकि आपने उसके ड्यूटी को पूरा करने में व्यवधान पहुँचाया है और आप उसका कुछ नहीं कर सकते | इसी कानून का फायदा उठा कर लाला लाजपत राय पर लाठियां चलायी गयी थी और लाला जी की मृत्यु हो गयी थी और लाठी चलाने वाले सांडर्स का क्या हुआ था ? कुछ नहीं, क्योंकि वो अपनी ड्यूटी कर रहा था और जब सांडर्स को कोई सजा नहीं हुई तो लालाजी के मौत का बदला भगत सिंह ने सांडर्स को गोली मारकर लिया था | और वही दमन और अत्याचार वाला कानून “इंडियन पुलिस एक्ट” आज भी इस देश में बिना फुल स्टॉप और कौमा बदले चल रहा है | और बेचारे पुलिस की हालत देखिये कि ये 24 घंटे के कर्मचारी हैं उतने ही तनख्वाह में, तनख्वाह मिलती है 8 घंटे की और ड्यूटी रहती है 24 घंटे की | और जेल मैनुअल के अनुसार आपको पुरे कपडे उतारने पड़ेंगे आपकी बॉडी मार्क दिखाने के लिए भले ही आपका बॉडी मार्क आपके चेहरे पर क्यों न हो | और जेल के कैदियों को अल्युमिनियम के बर्तन में खाना दिया जाता था ताकि वो जल्दी मरे, वो अल्युमिनियम के बर्तन में खाना देना आज भी जारी हैं हमारे जेलों में, क्योंकि वो अंग्रेजों के इस कानून में है |
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जरूरत पड़ने पर ऐसी पुलिस पीड़ितों का रिपोर्ट भी नहीं लिख सकती और इलाकों के दबंगों का साथ देती है, क्या यही क़ानून है? क्या पुलिस के क़ानून की संरचना दबंगों एवं अपराधियों की रक्षा के लिए हुई थी?
इन सबके अलावा पुलिस के आदमी वनवासी इलाकों में जाकर भयंकर अत्याचार-मार-पीट-हत्या-बलात्कार करते हैं, निर्दोष वनवासियों को बुलाकर उनके हाथ में जबरन अपना या अन्य कोई हथियार देकर धोखे से फोटो खींच लेते हैं और ऐसे निर्दोषों को बिना उनकी जानकारी के आतंकी-नक्सली घोषित कर दिया जाता है, इसके साथ साथ,न तो राज्य सरकार के पास और ना ही केंद्र सरकार के पास ऐसा कोई क़ानून या उपाय है, जिसके द्वारा ये निरीह लोग अपनी शिकायत किसी को बता सकें, अगर कोई करता है या कोई आवाज उठती है तो ऐसी स्त्रियों की बेइज्जती की जाती है और हत्या की जाती है, कौन है सुनने वाला?
ये सब इसीलिए हो रहा है, कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को खदेड़ कर भिखारी बना दिया जाए और वहां उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों को विदेशों को सरकारों द्वारा अपनी कुर्सी बचाने के लिए बेचा जाए .

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इस समय का काल और भी भयानक है क्योंकि देश में विदेशियों का प्रभाव बहुत अधिक बढ़ गया है प्राकृतिक संसाधनों पर विदेशियों का कब्ज़ा लगभग हो चुका है लाभ वाले सभी उधोगों पर विदेशियों का अधिकार लगातार हो रहा है जब हमारे लाभ वाले उधोग विदेशियों के पास चले जायेंगे तो हमारे पास हानि वाले कार्य बचेंगे इसकी पूर्ती करने के लिए सरकार आम नागरिकों पर टैक्स का बोझ डालेगी क्योंकि सरकार को देश चलाने के लिए धन तो चाहिए आपने देखा होगा जबसे मोदी जी ने रेल मार्ग विदेशियों को बेचें हैं तब से रेल भाड़े में लगभग 35% से अधिक बढ़ोतरी हो चुकी है जबकि अभी तक विदेशी कंपनियां काम नहीं कर रही हैं जब तक ये कंपनियां भारत में काम करेंगी तब तक हिन्दू सम्राट रेल भाड़े को दुगना तिगना कर देंगे ये उदाहरण मैंने एक सेक्टर का दिया है जबकि हज़ारों सेक्टर में विदेशी आ चुकें हैं भारत के लाखों उधोग बंद हो गए हैं लेकिन मैंने कभी विदेशी कंपनियों को बन्द होते नहीं देखा क्योंकि उन्हें पहले से चुन चुनकर लाभ वाले सेक्टर दिए जाते हैं।
...★ समाधान ?
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समाधान ये है कि जब तक इन भ्रष्ट नेताओं, मुख्य-मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, पुलिस मुख्य एवं अन्य अधिकारियों को जनता की शक्ति से डर नहीं लगेगा, तब तक वे लोग अत्याचार करते रहेंगे, क्योंकि आपकी सहन शक्ति ने उनकी हिम्मत बढ़ा दी है, अपनी सहनशक्ति को अपनी उग्रता में बदलिए और अपने हाथ में इन अधिकारियों एवं नेताओं को उनके पदों से निष्कासित करने का क़ानून अपने हाथ में लीजिये,
दरिये मत, ये देश कोई तानाशाह व्यवस्था से नहीं बल्कि प्रजातंत्र की व्यवस्था से चलती है, और जब तक आपके देश के निर्माण में आपका ही हतः ना हो तो फिर कैसा प्रजातंत्र और कैसा न्याय?
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अतः राईट-टू-रिकॉल पुलिस चीफ एवं मुख्य-मंत्री, सांसद, विधायक के कानूनों को अपने देश भर में तत्काल प्रभाव से लागू करवाने के लिए अपने नेताओं को एक आदेश भेजिए, ये आदेश आप एस एम् एस से , ट्विटर से, पोस्टकार्ड से भेज सकते हैं.
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इन कानूनों के ड्राफ्ट हैं:-
१) राईट टू रिकाल जिला पुलिस प्रमुख के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/867725646679006
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२) राईट टू रिकॉल सांसद के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/860633484054889
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३) राईट टू रिकॉल मंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/853974814720756
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४) राइट-टू-रिकॉल विधायक के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/813343768783861
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5) पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/812341812217390
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६) राईट टू रिकॉल मुख्यमंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/811071415677763
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७) पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809753852476186
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8) ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809746209143617
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◆ ★★★आप अपने नेताओं को अपना यह आदेश इस तरह भेजें, जैसे की-
"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको भारत में राईट टू रिकाल जिला पुलिस प्रमुख के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/867725646679006 को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दिए जाने का आदेश देता /देती हूँ. वोटर-संख्या- xyz धन्यवाद "
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◆ अपने सांसदों का फ़ोन नंबर/ईमेल एड्रेस/आवास पता यहाँ लिंक में देखे:www.nocorruption.in
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◆★★★ जब अपराध जनता के प्रति हुआ हो ना, तो सजा देने का अधिकार भी हम जनता को ही रहना चाहिए, न कि जजों इत्यादि को, क्योंकि जज व्यवस्था में, जो वकीलों एवं अपराधियों के साथ सांठ गाँठ कर न्यायिक प्रक्रिया पूरी की पूरी तरह से उनके ही पक्ष में देते हैं.
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अब कुछ संगठन ये कह सकते हैं कि कश्मीर के उग्रवादी जगहों में पुलिस की अत्यंत आवश्यकता है, तो आप ये समझ लें कि जम्मू एवं कश्मीर को धारा-370 लगाकर वहां की प्रशासनिक व्यवस्था को स्पेशल स्थान दिया गया है, जिसके सुधार के लिए धारा-370 को हटाकर उसपर भी वो सारे क़ानून पूर्णतया लागू कए जाने चाहिए जो अन्य राज्यों पर लागू होते हैं. इसके लिए भी डिमांड आप ही को उपरोक्त बताए हुए माध्यमो से करनी होगी, अन्यथा इस देश का भविष्य में बंटवारा निश्चित है.
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◆★★★ जनता द्वारा न्याय किये जाने को ज्यूरी सिस्टम बोलते हैं,इसके अलावा ज्यूरी सिस्टम जिसमे सरकार एवं अन्य बड़े व्यक्तियों द्वारा अखबारों में यदा कदा प्रकाशित होने वाले ज्यूरी सिस्टम जिसमे कहा जाता है कि ये बिक जाते हैं, जबकि सच्चाई में हमारे संगठन द्वारा प्रस्तावित ज्यूरी सिस्टम में इसके सदस्यों को मतदाताओं की सूची से अचानक से ही न्याय का कार्य दिया जाता है, और वो सदस्य कई वर्षों में मात्र एक बार ही इस समिति का सदस्य बन सकता है, एवं अभियुक्तों व पीड़ितों से सच उगलवाने वाले सार्वजनिक नार्को टेस्ट, वेल्थ टैक्स, राईट-टू-रिकॉल एवं ऐसे ही ्अन्य प्रस्तावित ड्राफ्ट्स के लिए यहाँ देखें-https://www.facebook.com/righttorecallC/posts/1045257802233875:0
एवं अपने नेताओं को ऊपर बताए जा चुके तरीके से एक जनतांत्रिक आदेश भेजें.
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जय हिन्द.

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