हिंदुओं का सत्यानाश कैसे हुआ, क्या कारण हैं एवं समाधान क्या क्या हैं जिसे सारे हिन्दू को करना चाहिए ?
न न, ये मत सोचें की आपको कोई अनुष्ठान इत्यादि करने को बोला जा रहा है.
एक कारण है, धर्म का ज्ञान समग्र रूप से ना होना एवं धर्मसंकट के समय बड़े धर्म के रक्षा के लिए छोटे धर्म का त्याग करना उससे भी बड़ा धर्म है. ये बात सभी हिन्दुओं को मालूम नहीं है. इसीलिए देश की रक्षा करने के स्थान पर दुश्मनों द्वारा सामने से दौडाई हुई गायों का वध करना उचित न समझा गया.
इसी तरह, आज हिन्दू-मंदिरों से सोने एवं धन की लूट को अधिकतर हिन्दू समर्थन दिए हुए हैं, उनमे से किसी को ये मालूम नही होगा की उन धन एवं सोने को देश के लिए उपयोग में लाया जाएगा या नहीं?
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1200 वर्षों से भारत भूमि विदेशी आक्रान्तों को झेलती आ रही है। पहले इस्लामिक आक्रमणकारी आये फिर अंग्रेज आये। कहने को 1947 में हमारा देश स्वतंत्र हुआ मगर तब तक अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, तिब्बत, बांग्लादेश, म्यंनमार, श्री लंका आदि भारत भूमि से अलग हो चुके थे। यह जगजाहिर है कि भारत में हिंदुओं की आज भी वैसी ही दुर्दशा है जैसी मुग़लों और अंग्रेजों के राज में थी। सत्ता में कोई भी दल क्यों न हो। हिन्दू हितों की अनदेखी सदा होती आयी है। आज भी गौ माता कसाई खानों में वैसी ही कटती है। आज भी ईसाई मिशनरी धडल्ले से निर्धन हिंदुओं का खुलेआम धर्मान्तरण कर रहे हैं। आज भी लव जिहाद के नाम हिन्दू लड़कियों को धर्मान्तरित किया जा रहा है। आज भी सरकार करोड़ों रुपये हज सब्सिडी और हज टर्मिनल बनाने के लिए देती है जबकि हिन्दू तीर्थ यात्राओं पर अतिरिक्त कर लगाया जाता हैं और से लेकर हिन्दू मंदिरों में एकत्रित दान सरकारी कोष में जाता है, जिससे मौलवियों को मासिक भत्ता मिलता है। आज भी हिन्दू जुलूसों पर पत्थरबाजी होती है और हिन्दू मंदिरों के लाउड स्पीकर उतरवा दिए जाते है। आज भी हिंदुओं के महान चरित्र मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम जी को कोई मिथक बताता है तो योगिराज श्री कृष्ण जी को कोई चरित्रहीन बताता है। आज भी वेदादि धर्मशास्त्रों और संस्कृत का उपहास उड़ाया जाता है और अंग्रेजी को वरीयता दी जाती है। आज भी कोई 1200 वर्षों से हो रहे हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की चर्चा करना बीत गई बात और गुजरात दंगों को प्रासंगिक क्यों बताता है?
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किसी ने सोचा ऐसा क्यों हो रहा है? इसके कारण जानना अत्यंत आवश्यक है।
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सबसे बड़ा कारण हिंदुओं में एकता की कमी का होना है। जातिवाद के नाम पर वोट देने वाले हिंदुओं को आसानी से आपस में लड़वा कर अपना उल्लू सीधा करता है। उत्तर प्रदेश का उदहारण लीजिये। सत्ता पाने के लिए सभी दल मुसलमानों की चाटने पर लगे हुए है।
क्योंकि उन्हें मालूम है कि हिन्दू तो ब्राह्मण, बनिया, यादव, ठाकुर, जाट,जाटव, वाल्मीकि आदि के रूप में वोट करेगा जबकि मुस्लमान समाज जो उनके पक्ष में सबसे बड़ी बोली लगाएगा उसके पक्ष में वोट करेगा।
मुस्लिम उत्तर प्रदेश में 20 प्रतिशत होते हुए भी सत्ता की चाबी अपने हाथ में रखता है। जबकि हिन्दू 80% होते हुए भी कैराना से पलायन करते हैं।
कारण हिन्दू समाज ने कभी भी राजसत्ता पर बैठकर हिंदुत्व के लिए कार्य करने की नहीं सोची।
कारण हिंदुओं में एकता और उद्देश्य की कमी होना है।
राजनेता उसकी सुनता है जिसमें शक्ति होती है और संगठन होता है।
मुस्लिम समाज संगठित है। एकमुश्त वोट करता है। इसलिए राजनेता उसके अनपढ़ मौलवियों के तलवे चाटते है। इसीलिए तीन तलाक और बहुविवाह के मुद्दे पर सरकार चुप है।
इसीलिए गौरक्षा और मदरसों में दी जा रही आतंकवादी शिक्षा को लेकर सरकार चुप है। ईसाई समाज भी संगठित वोट करता है। इसलिए सभी जानते थे कि मदर टेरेसा धर्मान्तरण का कार्य करती थी फिर भी विदेश मंत्री से लेकर दो प्रदेशों के मुख्यमंत्री अपनी हाजिरी लगाने वैटिकन गए।
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पाकिस्तान और बांग्लादेश के रूप में भारत माता के दो बाजु तो पहले ही कट चुके है। कश्मीर के रूप में मस्तक पर भी खतरा मंडरा रहा है। आज यह हालात है तो सन 2051 में हालात कैसे होंगे जब भारत की मुस्लिम आबादी 50 करोड़ से अधिक हो जाएगी।
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हिन्दुओं की और मूर्खता देखिये-
मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर लाने और हिन्दू धर्म को मजबूत करने वाले कानून पर कुछ मत बोलो।
विदेशी कंपनियों के सामान नहीं खरीदने के ऐलान दो इससे सम्बंधित मेसेज "शेयर" करो खुद इन्हीं का इस्तेमाल करो लेकिन स्वदेशी इकाइयों के संरक्षण के कानून पर कुछ मत बोलो।
चीन अमेरिका इज़राइल की सैन्य ताकतों का महिमामंडन और उनसे अपनी सेना की तुलना करो लेकिन स्वदेशी हथियार और सेना को मजबूत करने के कानून पर कुछ मत बोलो।
आतंकवादी घटनाओं पर पाकिस्तान को जमकर कोसो गलियां दो लेकिन आतंकवाद को परमानेंट ख़त्म करने के लिए हथियारबंद नागरिक समाज के बारे में कुछ मत बोलो।
अदालतों के फैसलों में लेट लतीफी व याकूब सलमान खान के मामलों पर अदालतों को खूब गलियां दो मेसेज शेयर कर दो लेकिन जूरी सिस्टम पर कुछ मत बोलो।
मिडिया को भांड बिका हुआ रंडी के सामान बताओ लेकिन डीडी को मजबूत बनाने के कानून पर कुछ मत बोलो।
सन्नी लियोनी को गलियां दो फूहड़ शो के वीडियो फॉरवर्ड करो उन्हें देखो और दिखाओ फिर आलोचना करो लेकिन सेंसर बोर्ड की घड़ी दबाने वाले कानूनों पर कुछ मत बोलो।
बलात्कारों पर खूब खून जलाओ मेसेज भेजो केंडल मार्च निकालो नैतिक शिक्षा दो लेकिन इससे सम्बंधित कठोर कानून पर कुछ मत बोलो।
देशभक्ति के जापान और इज़राइल के उदहारण दो लेकिन अच्छे कानूनों के लिए सांसद को एसएमएस मत भेजो देश से सम्बंधित मीटिंग में आने के लिए एक घंटा मत दो सही सूचना को पढ़ो भी मत।
आरक्षण पर एससी एसटी को खूब कोसो लेकिन आरक्षण को ख़त्म करने के लिए कानून की मांग मत करो।
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सारे हिन्दुओं को हिन्दू धर्म को सशक्त बनाने के लिए tinyurl.com/HinduSashakt इस क़ानून की जनतांत्रिक मांग अपने नेताओं से करके उनपे नैतिक दबाव बनाना चाहिए.
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अपने सांसदों का फ़ोन नंबर/ईमेल एड्रेस/आवास पता यहाँ लिंक में देखे:www.nocorruption.in
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वर्तमान के भारत के संसदीय लोकतंत्र की प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शी शिकायत प्रणाली नहीं है, जिसमे जनता को सुनने वाला कोई नहीं है, एवं प्रस्तावित पारदर्शी शिकायत प्रणाली में जनता अपनी शिकायतों को मात्र एक एफिडेविट द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से रख सकते हैं, जिसे देश के अन्य नागरिक बिना लाग-इन किये देख सकें, एवं मुद्दों से पार पाने के लिए कानूनी सुधार प्रक्रिया का प्रस्ताव रख सकें. एवं आप इसमें साबूतों को भी रखवा सकते हैं अगर आप चाहते हैं तो.
इस प्रक्रिया को ही पारदर्शी शिकायत प्रणाली कहते हैं, इसे राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप देने की मांग अपने सांसदों/विधायकों से कर आप उनपर नैतिक दबाव बना सकते हैं.
इसे पारदर्शी इस लिए कहा जा रहा है क्योंकि इस व्यवस्था में पीड़ित से संपर्क साधना आसान हो जाएगा, जबकि अभी के मौजूदा व्यवस्था में पीड़ित से संपर्क साधना , उनके बारे में पता लगाना इतना आसान नहीं है.
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इस क़ानून का ड्राफ्ट आप यहाँ देख सकते हैं- rtrg.in/tcpsms.h (हिंदी) अंग्रेजी मेंwww.Tinyurl.com/PrintTCP देखें.
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आपअपने नेताओं को अपना जनतांत्रिक आदेश इस तरह भेजें, जैसे की-
"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको भारत में पारदर्शी शिकायत प्रणाली के प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट :-https://m.facebook.com/notes/830695397057800/ को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दिए जाने का आदेश देता /देती हूँ. वोटर-संख्या- xyz धन्यवाद "
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एक कारण है, धर्म का ज्ञान समग्र रूप से ना होना एवं धर्मसंकट के समय बड़े धर्म के रक्षा के लिए छोटे धर्म का त्याग करना उससे भी बड़ा धर्म है. ये बात सभी हिन्दुओं को मालूम नहीं है. इसीलिए देश की रक्षा करने के स्थान पर दुश्मनों द्वारा सामने से दौडाई हुई गायों का वध करना उचित न समझा गया.
इसी तरह, आज हिन्दू-मंदिरों से सोने एवं धन की लूट को अधिकतर हिन्दू समर्थन दिए हुए हैं, उनमे से किसी को ये मालूम नही होगा की उन धन एवं सोने को देश के लिए उपयोग में लाया जाएगा या नहीं?
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1200 वर्षों से भारत भूमि विदेशी आक्रान्तों को झेलती आ रही है। पहले इस्लामिक आक्रमणकारी आये फिर अंग्रेज आये। कहने को 1947 में हमारा देश स्वतंत्र हुआ मगर तब तक अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, तिब्बत, बांग्लादेश, म्यंनमार, श्री लंका आदि भारत भूमि से अलग हो चुके थे। यह जगजाहिर है कि भारत में हिंदुओं की आज भी वैसी ही दुर्दशा है जैसी मुग़लों और अंग्रेजों के राज में थी। सत्ता में कोई भी दल क्यों न हो। हिन्दू हितों की अनदेखी सदा होती आयी है। आज भी गौ माता कसाई खानों में वैसी ही कटती है। आज भी ईसाई मिशनरी धडल्ले से निर्धन हिंदुओं का खुलेआम धर्मान्तरण कर रहे हैं। आज भी लव जिहाद के नाम हिन्दू लड़कियों को धर्मान्तरित किया जा रहा है। आज भी सरकार करोड़ों रुपये हज सब्सिडी और हज टर्मिनल बनाने के लिए देती है जबकि हिन्दू तीर्थ यात्राओं पर अतिरिक्त कर लगाया जाता हैं और से लेकर हिन्दू मंदिरों में एकत्रित दान सरकारी कोष में जाता है, जिससे मौलवियों को मासिक भत्ता मिलता है। आज भी हिन्दू जुलूसों पर पत्थरबाजी होती है और हिन्दू मंदिरों के लाउड स्पीकर उतरवा दिए जाते है। आज भी हिंदुओं के महान चरित्र मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम जी को कोई मिथक बताता है तो योगिराज श्री कृष्ण जी को कोई चरित्रहीन बताता है। आज भी वेदादि धर्मशास्त्रों और संस्कृत का उपहास उड़ाया जाता है और अंग्रेजी को वरीयता दी जाती है। आज भी कोई 1200 वर्षों से हो रहे हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की चर्चा करना बीत गई बात और गुजरात दंगों को प्रासंगिक क्यों बताता है?
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किसी ने सोचा ऐसा क्यों हो रहा है? इसके कारण जानना अत्यंत आवश्यक है।
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सबसे बड़ा कारण हिंदुओं में एकता की कमी का होना है। जातिवाद के नाम पर वोट देने वाले हिंदुओं को आसानी से आपस में लड़वा कर अपना उल्लू सीधा करता है। उत्तर प्रदेश का उदहारण लीजिये। सत्ता पाने के लिए सभी दल मुसलमानों की चाटने पर लगे हुए है।
क्योंकि उन्हें मालूम है कि हिन्दू तो ब्राह्मण, बनिया, यादव, ठाकुर, जाट,जाटव, वाल्मीकि आदि के रूप में वोट करेगा जबकि मुस्लमान समाज जो उनके पक्ष में सबसे बड़ी बोली लगाएगा उसके पक्ष में वोट करेगा।
मुस्लिम उत्तर प्रदेश में 20 प्रतिशत होते हुए भी सत्ता की चाबी अपने हाथ में रखता है। जबकि हिन्दू 80% होते हुए भी कैराना से पलायन करते हैं।
कारण हिन्दू समाज ने कभी भी राजसत्ता पर बैठकर हिंदुत्व के लिए कार्य करने की नहीं सोची।
कारण हिंदुओं में एकता और उद्देश्य की कमी होना है।
राजनेता उसकी सुनता है जिसमें शक्ति होती है और संगठन होता है।
मुस्लिम समाज संगठित है। एकमुश्त वोट करता है। इसलिए राजनेता उसके अनपढ़ मौलवियों के तलवे चाटते है। इसीलिए तीन तलाक और बहुविवाह के मुद्दे पर सरकार चुप है।
इसीलिए गौरक्षा और मदरसों में दी जा रही आतंकवादी शिक्षा को लेकर सरकार चुप है। ईसाई समाज भी संगठित वोट करता है। इसलिए सभी जानते थे कि मदर टेरेसा धर्मान्तरण का कार्य करती थी फिर भी विदेश मंत्री से लेकर दो प्रदेशों के मुख्यमंत्री अपनी हाजिरी लगाने वैटिकन गए।
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पाकिस्तान और बांग्लादेश के रूप में भारत माता के दो बाजु तो पहले ही कट चुके है। कश्मीर के रूप में मस्तक पर भी खतरा मंडरा रहा है। आज यह हालात है तो सन 2051 में हालात कैसे होंगे जब भारत की मुस्लिम आबादी 50 करोड़ से अधिक हो जाएगी।
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हिन्दुओं की और मूर्खता देखिये-
मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर लाने और हिन्दू धर्म को मजबूत करने वाले कानून पर कुछ मत बोलो।
विदेशी कंपनियों के सामान नहीं खरीदने के ऐलान दो इससे सम्बंधित मेसेज "शेयर" करो खुद इन्हीं का इस्तेमाल करो लेकिन स्वदेशी इकाइयों के संरक्षण के कानून पर कुछ मत बोलो।
चीन अमेरिका इज़राइल की सैन्य ताकतों का महिमामंडन और उनसे अपनी सेना की तुलना करो लेकिन स्वदेशी हथियार और सेना को मजबूत करने के कानून पर कुछ मत बोलो।
आतंकवादी घटनाओं पर पाकिस्तान को जमकर कोसो गलियां दो लेकिन आतंकवाद को परमानेंट ख़त्म करने के लिए हथियारबंद नागरिक समाज के बारे में कुछ मत बोलो।
अदालतों के फैसलों में लेट लतीफी व याकूब सलमान खान के मामलों पर अदालतों को खूब गलियां दो मेसेज शेयर कर दो लेकिन जूरी सिस्टम पर कुछ मत बोलो।
मिडिया को भांड बिका हुआ रंडी के सामान बताओ लेकिन डीडी को मजबूत बनाने के कानून पर कुछ मत बोलो।
सन्नी लियोनी को गलियां दो फूहड़ शो के वीडियो फॉरवर्ड करो उन्हें देखो और दिखाओ फिर आलोचना करो लेकिन सेंसर बोर्ड की घड़ी दबाने वाले कानूनों पर कुछ मत बोलो।
बलात्कारों पर खूब खून जलाओ मेसेज भेजो केंडल मार्च निकालो नैतिक शिक्षा दो लेकिन इससे सम्बंधित कठोर कानून पर कुछ मत बोलो।
देशभक्ति के जापान और इज़राइल के उदहारण दो लेकिन अच्छे कानूनों के लिए सांसद को एसएमएस मत भेजो देश से सम्बंधित मीटिंग में आने के लिए एक घंटा मत दो सही सूचना को पढ़ो भी मत।
आरक्षण पर एससी एसटी को खूब कोसो लेकिन आरक्षण को ख़त्म करने के लिए कानून की मांग मत करो।
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सारे हिन्दुओं को हिन्दू धर्म को सशक्त बनाने के लिए tinyurl.com/HinduSashakt इस क़ानून की जनतांत्रिक मांग अपने नेताओं से करके उनपे नैतिक दबाव बनाना चाहिए.
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अपने सांसदों का फ़ोन नंबर/ईमेल एड्रेस/आवास पता यहाँ लिंक में देखे:www.nocorruption.in
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वर्तमान के भारत के संसदीय लोकतंत्र की प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शी शिकायत प्रणाली नहीं है, जिसमे जनता को सुनने वाला कोई नहीं है, एवं प्रस्तावित पारदर्शी शिकायत प्रणाली में जनता अपनी शिकायतों को मात्र एक एफिडेविट द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से रख सकते हैं, जिसे देश के अन्य नागरिक बिना लाग-इन किये देख सकें, एवं मुद्दों से पार पाने के लिए कानूनी सुधार प्रक्रिया का प्रस्ताव रख सकें. एवं आप इसमें साबूतों को भी रखवा सकते हैं अगर आप चाहते हैं तो.
इस प्रक्रिया को ही पारदर्शी शिकायत प्रणाली कहते हैं, इसे राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप देने की मांग अपने सांसदों/विधायकों से कर आप उनपर नैतिक दबाव बना सकते हैं.
इसे पारदर्शी इस लिए कहा जा रहा है क्योंकि इस व्यवस्था में पीड़ित से संपर्क साधना आसान हो जाएगा, जबकि अभी के मौजूदा व्यवस्था में पीड़ित से संपर्क साधना , उनके बारे में पता लगाना इतना आसान नहीं है.
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इस क़ानून का ड्राफ्ट आप यहाँ देख सकते हैं- rtrg.in/tcpsms.h (हिंदी) अंग्रेजी मेंwww.Tinyurl.com/PrintTCP देखें.
.
आपअपने नेताओं को अपना जनतांत्रिक आदेश इस तरह भेजें, जैसे की-
"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको भारत में पारदर्शी शिकायत प्रणाली के प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट :-https://m.facebook.com/notes/830695397057800/ को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दिए जाने का आदेश देता /देती हूँ. वोटर-संख्या- xyz धन्यवाद "
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भारत में सुधार इन कानूनो से सकते हैं लेकिन सांसद से निचे दियेे गये कानूनो की मांग करनी पडगी व sms भेजने पडगे.
समाधान ~राईट टू रिकोल, जूरी सिस्टम , पारदर्शी शिकायत प्रस्ताव प्रणाली, ddrcm, वेल्थ टेक्स का मांग भी उपरोक्त तरीके से करें. उनके ड्राफ्ट यहाँ देखें-https://www.facebook.com/righttorecallC/posts/1045257802233875:0
.
जब अपराध जनता के प्रति हुआ हो ना, तो सजा देने का अधिकार भी हम जनता को ही रहना चाहिए, न कि जजों इत्यादि को, क्योंकि जज व्यवस्था में, जो वकीलों एवं अपराधियों के साथ सांठ गाँठ कर न्यायिक प्रक्रिया पूरी की पूरी तरह से उनके ही पक्ष में देते हैं.
जनता द्वारा न्याय किये जाने को ज्यूरी सिस्टम बोलते हैं,इसके अलावा ज्यूरी सिस्टम जिसमे सरकार एवं अन्य बड़े व्यक्तियों द्वारा अखबारों में यदा कदा प्रकाशित होने वाले ज्यूरी सिस्टम जिसमे कहा जाता है कि ये बिक जाते हैं, जबकि सच्चाई में हमारे संगठन द्वारा प्रस्तावित ज्यूरी सिस्टम में इसके सदस्यों को मतदाताओं की सूची से अचानक से ही न्याय का कार्य दिया जाता है, और वो सदस्य कई वर्षों में मात्र एक बार ही इस समिति का सदस्य बन सकता है, एवं अभियुक्तों व पीड़ितों से सच उगलवाने वाले सार्वजनिक नार्को टेस्ट, वेल्थ टैक्स, राईट-टू-रिकॉल एवं ऐसे ही ्अन्य प्रस्तावित ड्राफ्ट्स के लिए यहाँ देखें-https://www.facebook.com/righttorecallC/posts/1045257802233875:0
.एवं अपने नेताओं को ऊपर बताए जा चुके तरीके से एक जनतांत्रिक आदेश भेजें.
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जय हिन्द.
समाधान ~राईट टू रिकोल, जूरी सिस्टम , पारदर्शी शिकायत प्रस्ताव प्रणाली, ddrcm, वेल्थ टेक्स का मांग भी उपरोक्त तरीके से करें. उनके ड्राफ्ट यहाँ देखें-https://www.facebook.com/righttorecallC/posts/1045257802233875:0
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जब अपराध जनता के प्रति हुआ हो ना, तो सजा देने का अधिकार भी हम जनता को ही रहना चाहिए, न कि जजों इत्यादि को, क्योंकि जज व्यवस्था में, जो वकीलों एवं अपराधियों के साथ सांठ गाँठ कर न्यायिक प्रक्रिया पूरी की पूरी तरह से उनके ही पक्ष में देते हैं.
जनता द्वारा न्याय किये जाने को ज्यूरी सिस्टम बोलते हैं,इसके अलावा ज्यूरी सिस्टम जिसमे सरकार एवं अन्य बड़े व्यक्तियों द्वारा अखबारों में यदा कदा प्रकाशित होने वाले ज्यूरी सिस्टम जिसमे कहा जाता है कि ये बिक जाते हैं, जबकि सच्चाई में हमारे संगठन द्वारा प्रस्तावित ज्यूरी सिस्टम में इसके सदस्यों को मतदाताओं की सूची से अचानक से ही न्याय का कार्य दिया जाता है, और वो सदस्य कई वर्षों में मात्र एक बार ही इस समिति का सदस्य बन सकता है, एवं अभियुक्तों व पीड़ितों से सच उगलवाने वाले सार्वजनिक नार्को टेस्ट, वेल्थ टैक्स, राईट-टू-रिकॉल एवं ऐसे ही ्अन्य प्रस्तावित ड्राफ्ट्स के लिए यहाँ देखें-https://www.facebook.com/righttorecallC/posts/1045257802233875:0
.एवं अपने नेताओं को ऊपर बताए जा चुके तरीके से एक जनतांत्रिक आदेश भेजें.
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जय हिन्द.
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.