सरोगेसी को सही तरीके से नियंत्रित करने के लिए और क्या किया जा सकता है
किराए की कोख के व्यापार को नियंत्रित करने की जगह मोदी साहेब ऐसा करने का दिखावा कर रहे है ।
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मोदी साहेब ने सेरोग़ेसी = किराए की कोख, के कारोबार को क़ाबू करने के लिए क़ानून का प्रस्ताव किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने जनमत संग्रह और राइट टू रिकॉल राज्यसभा सांसद के क़ानूनो को गेजेट में प्रकाशित करने से मना कर दिया है ।
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अतः यह तय है कि, राज्यसभा इस बिल को ख़ारिज कर देगी, ताकि किराए की कोख का व्यापार जारी रह सके । और इस तरह मोदी साहेब आसानी से यह बहाना दे सकेंगे कि --- "देखिए, मैं तो सेरोग़ेसी को रोकने के लिए क़ानून लाना चाहता था, लेकिन कोंग्रेस ने राज्यसभा में इसे गिरा दिया। अतः माफ़ कीजिए, लेकिन सेरोग़ेसी की समस्या यदि जारी है तो इसके लिए सिर्फ़ कोंग्रेस ही ज़िम्मेदार है" !!!
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सेरोग़ेसी बिल के बारे में --- पश्चिम के देश जन्म दर में गिरावट का सामना कर रहे है, क्योंकि वहाँ की महिलाओ में गर्भ धारण की रूचि घट रही है, तथा करियर को लेकर बढ़ता तनाव एवं शराब-ड्रग आदि के सेवन के चलते कई महिलाएँ गर्भ धारण के योग्य भी नही रह गयी है । अतः विदेशी धनिकों ने २००५ में कोंग्रेस/सीपीएम के सांसदों को पैसा देकर ऐसे क़ानून को लागू करने के लिए कहा जिससे विदेशी दम्पत्ति संतान के लिए भारतीय महिलाओं की कोख किराए पर ले सके । निश्चित रूप से इससे भारत कोख बेचने के कारोबार में सुपर पॉवर बन जाएगा ।
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मोदी साहेब, भाजपा नेताओं, संघ के अंध सेवकों और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने अब तो इस मुद्दे के समाधान के लिए शून्य कार्य किया, लेकिन हमारे जैसे साधारण कार्यकर्ताओं से जितना हो सका हमने इस विषय के बारे में नागरिकों को जागरूक किया। परिणामस्वरूप, सेरोग़ेसी के ख़िलाफ़ एक जनमत बनने लगा ।
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मोदी साहेब पूरे २ वर्ष तक इस विषय पर चुपाई मारे बैठे रहे । लेकिन जब वे अव्यक्त जनमत के सामने घिरने लगे तो उन्होंने ऐसा दिखावा करने का फ़ैसला किया, जिससे नागरिकों में यह संदेश जाए कि, वे पश्चिमी देशों में बच्चे पैदा करने के लिए ग़रीब भारतीय महिलाओं की कोख किराए पर देने के ख़िलाफ़ है ।
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तो मोदी साहेब का यह नाटक इस तरह से आगे बढ़ेगा ---
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(1) मोदी साहेब जनमत प्रक्रिया के क़ानून को गेजेट में प्रकाशित करने से मना कर देंगे ।
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(2) मोदी साहेब राइट टू रिकॉल राज्य सभा सांसद के क़ानून को लागू करने से भी मना कर देंगे ।
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(3) मोदी साहेब सेरोग़ेसी बिल को लोकसभा में पास करेंगे और कोंग्रेस राज्य सभा में इसे गिरा देगी ।
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(4) मोदी साहेब ख़ुद को लाचार की तरह प्रस्तुत करेंगे, और भारत में किराए की कोख का व्यापार जारी रहेगा ।
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जहाँ तक आम आदमी पार्टी और कोंग्रेस का सवाल है, वे विदेशी धनिकों के दबाव में वे पहले से ही भारत को सेरोग़ेसी हब बनाने का पूरी तरह समर्थन कर रहे है ।
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समाधान ---
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सेरोग़ेसी को निरसित किया जाना चाहिए । कैसे ?
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देश के जो भी कार्यकर्ता भारत में कोख के व्यापार को समाप्त करना चाहते है, उन्हें सबसे पहले सोनिया-मोदी-केजरीवाल-भागवत, कोंग्रेस-भाजपा-आप-संघ और इनके अंध भगतो को भाड़ में झोंक देना चाहिए । क्योंकि ये सभी अंदर ही अंदर भारत की ग़रीब महिलाओं की कोख को पश्चिमी देशों के धनिकों को किराए पर देने का समर्थन करते है ।
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दुर्व्यवस्था को हटाकर जनहित में एक नयी व्यवस्था कायम करने के लिए इस देश में पारदर्शी शिकायत प्रणाली का आना अत्यावश्यक है, कृपया भारत के राजपत्र में इस प्रणाली के क़ानून को प्रकाशित करवाने का प्रयास करें । जिसका ड्राफ्ट आप यहाँ देख सकते हैं- ( पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809753852476186 )
जिसमे पीड़ित नागरिक अपनी समस्या या अपने मोहल्ले इत्यादि की समस्या को मात्र एक एफिडेविट को स्कैन करके जिले के कलेक्टर ऑफिस से माननीय प्रधानमन्त्री की वेबसाइट पर रख सकेगा, जिसे देश के अन्य नागरिक बिना लॉग इन के देख सकेंगे. इस व्यवस्था में अन्य नागरिक भी अपनी राय/समर्थन/विरोध/सुझाव/सम्बंधित कानूनों में परिवर्तन रख सकेगा, इस व्यवस्था का एक डेमो देखने के लिए आप इस वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं- smstoneta.com
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इस क़ानून के प्रस्ताव के तहत, पीड़ित नागरिक अपनी शिकायत को एक एफिडेविट के माध्यम से कलेक्टर के कार्यालय के माध्यम से माननीय पप्रधानमंत्री की वेबसाइट(अंतर्जाल) पर रख सकेगा, जिसे भारत के अन्य प्रान्तों के नागरिक भी बिना उस साईट पर लॉग इन के देख सकेंगे एवं अमुक समस्या के लिए सम्बंधित सुधार जो की कानूनी सुधार भी हो सकते हैं के लिए सुझाव रख सकेंगे.
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भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक नागरिक का यह संविधानिक अधिकार तथा कर्तव्य है कि, वह देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक आदेश अपने सांसद को भेजे। आप दिए गए ड्राफ्ट्स के लिंक्स में जाकर उनका अध्ययन करें, अगर सहमत हों तो अपने नेता/ मंत्री/ विधायक/प्रधानमन्त्री/राष्ट्रपति को अपना सांविधानिक आदेश जरूर भेजें.
इस आदेश को अपने नेताओं / मंत्रियों/ /विधायकों/ प्रधानमत्री / राष्ट्रपति को ईमेल/ ट्विटर/sms / पोस्टकार्ड इत्यादि संचार माध्यमों द्वारा आप आदेश भेजें
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आप अपना आदेश इस प्रकार भेजें-
------->
"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको भारत में पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :www.facebook.com/pawan.jury/posts/809753852476186
को भारत के राजपत्र में प्रकाशित कर तुरंत प्रभाव से क़ानून का रूप दिए जाने का मांग करता/करती हूँ. धन्यवाद.
मतदाता संख्या-xyz. "
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मोदी साहेब ने सेरोग़ेसी = किराए की कोख, के कारोबार को क़ाबू करने के लिए क़ानून का प्रस्ताव किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने जनमत संग्रह और राइट टू रिकॉल राज्यसभा सांसद के क़ानूनो को गेजेट में प्रकाशित करने से मना कर दिया है ।
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अतः यह तय है कि, राज्यसभा इस बिल को ख़ारिज कर देगी, ताकि किराए की कोख का व्यापार जारी रह सके । और इस तरह मोदी साहेब आसानी से यह बहाना दे सकेंगे कि --- "देखिए, मैं तो सेरोग़ेसी को रोकने के लिए क़ानून लाना चाहता था, लेकिन कोंग्रेस ने राज्यसभा में इसे गिरा दिया। अतः माफ़ कीजिए, लेकिन सेरोग़ेसी की समस्या यदि जारी है तो इसके लिए सिर्फ़ कोंग्रेस ही ज़िम्मेदार है" !!!
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सेरोग़ेसी बिल के बारे में --- पश्चिम के देश जन्म दर में गिरावट का सामना कर रहे है, क्योंकि वहाँ की महिलाओ में गर्भ धारण की रूचि घट रही है, तथा करियर को लेकर बढ़ता तनाव एवं शराब-ड्रग आदि के सेवन के चलते कई महिलाएँ गर्भ धारण के योग्य भी नही रह गयी है । अतः विदेशी धनिकों ने २००५ में कोंग्रेस/सीपीएम के सांसदों को पैसा देकर ऐसे क़ानून को लागू करने के लिए कहा जिससे विदेशी दम्पत्ति संतान के लिए भारतीय महिलाओं की कोख किराए पर ले सके । निश्चित रूप से इससे भारत कोख बेचने के कारोबार में सुपर पॉवर बन जाएगा ।
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मोदी साहेब, भाजपा नेताओं, संघ के अंध सेवकों और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने अब तो इस मुद्दे के समाधान के लिए शून्य कार्य किया, लेकिन हमारे जैसे साधारण कार्यकर्ताओं से जितना हो सका हमने इस विषय के बारे में नागरिकों को जागरूक किया। परिणामस्वरूप, सेरोग़ेसी के ख़िलाफ़ एक जनमत बनने लगा ।
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मोदी साहेब पूरे २ वर्ष तक इस विषय पर चुपाई मारे बैठे रहे । लेकिन जब वे अव्यक्त जनमत के सामने घिरने लगे तो उन्होंने ऐसा दिखावा करने का फ़ैसला किया, जिससे नागरिकों में यह संदेश जाए कि, वे पश्चिमी देशों में बच्चे पैदा करने के लिए ग़रीब भारतीय महिलाओं की कोख किराए पर देने के ख़िलाफ़ है ।
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तो मोदी साहेब का यह नाटक इस तरह से आगे बढ़ेगा ---
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(1) मोदी साहेब जनमत प्रक्रिया के क़ानून को गेजेट में प्रकाशित करने से मना कर देंगे ।
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(2) मोदी साहेब राइट टू रिकॉल राज्य सभा सांसद के क़ानून को लागू करने से भी मना कर देंगे ।
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(3) मोदी साहेब सेरोग़ेसी बिल को लोकसभा में पास करेंगे और कोंग्रेस राज्य सभा में इसे गिरा देगी ।
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(4) मोदी साहेब ख़ुद को लाचार की तरह प्रस्तुत करेंगे, और भारत में किराए की कोख का व्यापार जारी रहेगा ।
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जहाँ तक आम आदमी पार्टी और कोंग्रेस का सवाल है, वे विदेशी धनिकों के दबाव में वे पहले से ही भारत को सेरोग़ेसी हब बनाने का पूरी तरह समर्थन कर रहे है ।
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समाधान ---
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सेरोग़ेसी को निरसित किया जाना चाहिए । कैसे ?
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देश के जो भी कार्यकर्ता भारत में कोख के व्यापार को समाप्त करना चाहते है, उन्हें सबसे पहले सोनिया-मोदी-केजरीवाल-भागवत, कोंग्रेस-भाजपा-आप-संघ और इनके अंध भगतो को भाड़ में झोंक देना चाहिए । क्योंकि ये सभी अंदर ही अंदर भारत की ग़रीब महिलाओं की कोख को पश्चिमी देशों के धनिकों को किराए पर देने का समर्थन करते है ।
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दुर्व्यवस्था को हटाकर जनहित में एक नयी व्यवस्था कायम करने के लिए इस देश में पारदर्शी शिकायत प्रणाली का आना अत्यावश्यक है, कृपया भारत के राजपत्र में इस प्रणाली के क़ानून को प्रकाशित करवाने का प्रयास करें । जिसका ड्राफ्ट आप यहाँ देख सकते हैं- ( पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809753852476186 )
जिसमे पीड़ित नागरिक अपनी समस्या या अपने मोहल्ले इत्यादि की समस्या को मात्र एक एफिडेविट को स्कैन करके जिले के कलेक्टर ऑफिस से माननीय प्रधानमन्त्री की वेबसाइट पर रख सकेगा, जिसे देश के अन्य नागरिक बिना लॉग इन के देख सकेंगे. इस व्यवस्था में अन्य नागरिक भी अपनी राय/समर्थन/विरोध/सुझाव/सम्बंधित कानूनों में परिवर्तन रख सकेगा, इस व्यवस्था का एक डेमो देखने के लिए आप इस वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं- smstoneta.com
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इस क़ानून के प्रस्ताव के तहत, पीड़ित नागरिक अपनी शिकायत को एक एफिडेविट के माध्यम से कलेक्टर के कार्यालय के माध्यम से माननीय पप्रधानमंत्री की वेबसाइट(अंतर्जाल) पर रख सकेगा, जिसे भारत के अन्य प्रान्तों के नागरिक भी बिना उस साईट पर लॉग इन के देख सकेंगे एवं अमुक समस्या के लिए सम्बंधित सुधार जो की कानूनी सुधार भी हो सकते हैं के लिए सुझाव रख सकेंगे.
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भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक नागरिक का यह संविधानिक अधिकार तथा कर्तव्य है कि, वह देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक आदेश अपने सांसद को भेजे। आप दिए गए ड्राफ्ट्स के लिंक्स में जाकर उनका अध्ययन करें, अगर सहमत हों तो अपने नेता/ मंत्री/ विधायक/प्रधानमन्त्री/राष्ट्रपति को अपना सांविधानिक आदेश जरूर भेजें.
इस आदेश को अपने नेताओं / मंत्रियों/ /विधायकों/ प्रधानमत्री / राष्ट्रपति को ईमेल/ ट्विटर/sms / पोस्टकार्ड इत्यादि संचार माध्यमों द्वारा आप आदेश भेजें
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आप अपना आदेश इस प्रकार भेजें-
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"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको भारत में पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :www.facebook.com/pawan.jury/posts/809753852476186
को भारत के राजपत्र में प्रकाशित कर तुरंत प्रभाव से क़ानून का रूप दिए जाने का मांग करता/करती हूँ. धन्यवाद.
मतदाता संख्या-xyz. "
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कुव्यवस्था फैलाने वालों से बचने के लिए इस देश में व्यवस्था परिवर्तन अत्यावश्यक है.
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जनहित में व्यवस्था परिवर्तन को सरकार smstoneta.com जैसी वेबसाइट लाकर शुरू कर सकती है, जहाँ कोई नागरिक किसी अन्य नागरिक द्वारा समर्थित मुद्दे और उपाय देख सकते हैं. यह डिमांड सांविधानिक है, क्यूंकि भारत एक प्रजातंत्र है. इसमें सभी नागरिकों को अपने देश की भलाई के लिए क़ानून लाने के लिए प्रस्ताव देने और अपने नेताओं को आदेश देने का अधिकार स्वतः ही प्राप्त है.
पब्लिक एस.एम.एस सर्वर का क्या स्वरूप हो सकता है ? https://goo.gl/41HTRF
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जनहित में व्यवस्था परिवर्तन को सरकार smstoneta.com जैसी वेबसाइट लाकर शुरू कर सकती है, जहाँ कोई नागरिक किसी अन्य नागरिक द्वारा समर्थित मुद्दे और उपाय देख सकते हैं. यह डिमांड सांविधानिक है, क्यूंकि भारत एक प्रजातंत्र है. इसमें सभी नागरिकों को अपने देश की भलाई के लिए क़ानून लाने के लिए प्रस्ताव देने और अपने नेताओं को आदेश देने का अधिकार स्वतः ही प्राप्त है.
पब्लिक एस.एम.एस सर्वर का क्या स्वरूप हो सकता है ? https://goo.gl/41HTRF
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यदि एक बार भारत में जनमत प्रक्रिया लागू हो जाती है तो भारत के नागरिक कुछ ही दिनो में सेरोग़ेसी क़ानून को ख़त्म कर सकेंगे ।
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इसके अलावा हमें उन कानूनो की भी ज़रूरत है जिनसे भारत में ग़रीबी और बेरोज़गारी की समस्या को ख़त्म किया जा सके --- इसके लिए हमें एम आर सी एम, ज्यूरी सिस्टम, वेल्थ टेक्स आदि कानूनो को देश में लागू करने के लिए प्रयास करने चाहिए ।
सम्बंधित कानूनों के लिए यहाँ देखें-https://www.facebook.com/righttorecallC/posts/1045257802233875:0
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इसीलिए, मेरा इस देश के सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि, यदि वे भारत को कोख बेचने के कारोबार में सुपर पॉवर बनने से रोकना चाहते है एवं अन्य समस्याओं को कम समय में सुलझाना चाहते हैं तो सोनिया-मोदी-केजरीवाल की तिकड़ी कि भक्ति करने की जगह इन कानूनो को लागू करने का प्रयास करें ।
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जय हिन्द
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यदि एक बार भारत में जनमत प्रक्रिया लागू हो जाती है तो भारत के नागरिक कुछ ही दिनो में सेरोग़ेसी क़ानून को ख़त्म कर सकेंगे ।
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इसके अलावा हमें उन कानूनो की भी ज़रूरत है जिनसे भारत में ग़रीबी और बेरोज़गारी की समस्या को ख़त्म किया जा सके --- इसके लिए हमें एम आर सी एम, ज्यूरी सिस्टम, वेल्थ टेक्स आदि कानूनो को देश में लागू करने के लिए प्रयास करने चाहिए ।
सम्बंधित कानूनों के लिए यहाँ देखें-https://www.facebook.com/righttorecallC/posts/1045257802233875:0
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इसीलिए, मेरा इस देश के सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि, यदि वे भारत को कोख बेचने के कारोबार में सुपर पॉवर बनने से रोकना चाहते है एवं अन्य समस्याओं को कम समय में सुलझाना चाहते हैं तो सोनिया-मोदी-केजरीवाल की तिकड़ी कि भक्ति करने की जगह इन कानूनो को लागू करने का प्रयास करें ।
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जय हिन्द
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.