हिन्दू धर्म के उत्थान के लिए जो कम से कम एक आम हिन्दू कर सकता है :-


गणपति अथर्वशीर्ष अथर्व-वेद का हिस्सा है, इसको गणपति वंदना के बाद रोज पढना चाहिए.
गायत्री मन्त्र एवं महा-मृत्युंजय मन्त्र क्रमशः ऋग्वेद व यजुर्वेद से लिया गया है.
असतो मा सदगमय मन्त्र ऋग्वेद से लिया गया है.
प्राचीन काल में इन मन्त्र के साथ साथ अन्य वेद-मन्त्र को साधने की ऐसी ऐसी विद्याएं थीं की इन मन्त्रों से अभिमंत्रित एक तिनका भी भयंकर हथियार का काम करता था.
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अगर किसी के गुरु ना हों और कुछ समझ में ना आ रहा हो तो गायत्री-मन्त्र को ही गुरुमंत्र मानकर एवं परमात्मा को गुरु मानकर या शिव जी या अपने इष्ट देवी-देवता को गुरु मानकर, गायत्री मन्त्र का दस माला जाप करना चाहिए, जिसमे पंद्रह मिनट लगता है. 
लेकिन आज के वक्त में किसी हिन्दू के पास इतना वक्त नहीं है, की इस दुनिया-दारी से कम से कम पंद्रह मिनट या आधे-एक घंटे की छुट्टी ले सके, तो कहाँ से अपने में विश्रांति पायेगा, अपने अंतर की आवाज को कहाँ सुन पायेगा, अपने क्रियाकलापों को अपने आत्मा की आवाज के साथ तार-तम्य कहाँ से कर सकेगा?सही समझ कहाँ से विकसित हो पाएगी?
लेकिन अगर कर लिया, तो इसी जनम में ऐसा हिन्दू जीतेजी मुक्त हो जाएगा. 
मेरे हिसाब से उपरोक्त चारों मंत्रो को प्रत्येक हिन्दू को रोज पाठ करना हीचाहिए.
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आज कलियुग का समय होने से समस्त हिन्दुओं के लिए घमंड प्रदर्शन, दंभ-प्रदर्शन, मिथ्याचार, व्याभिचार इत्यादि ख़ास अर्थ रखते हैं. 
बुजुर्ग लोगों एवं जो लोग माता-पिता हैं, उनके लिए पडोसी या अन्य किसी की संतान पूजा पाठ करे, इनका बच्चा क्यों करे? इनके संतानों को किस बात की कमी की जिसके कारण सन्यासी संत बनना पड़े?
ऐसे कलियुगी लोगों की सोच ही होती है कि अगर हमारा बच्चा या हमारा वंशज अगर मन्त्र-जाप करने लगेगा, तो साधुसन्यासी बन जावेगा, तो हमारे किस काम का? अपनी संतति को इतना पढाना-लिखना किस कार्य का?
लेकिन मेरे विचार में ऐसे अभिभावक-गुरुजन किसी मलेच्छ से कम नहीं हैं, जो सनातन धर्म की जड़ को मजबूत होने देने से रोकते हैं, कोई अगर घर में मन्त्र इत्यादिजपे तो जरूरी नहीं की सन्यासी ही हो. और अगर सन्यासी हुआ तो जाहिर है, की वह आगे की पीढ़ियों का गुरु बनकर मार्गदर्शन सनातन पथ पर आगे करता रहेगा, जिससे पुनः हमारे धर्म की जड़ मजबूत होगी.
लेकिन आज के मलेच्छ माता-पिता-गुरुजन-स्नेहीजन ऐसा ना चाहने के कारण अपनी संतान-वंशजों इत्यादि का स्वयं अपने धर्म ही का, सबसे घोर शत्रु स्वयं वही हैं, ऐसे धर्म के दुश्मनों को हमें अन्य किसी धर्म में ढूँढने की क्या आवश्यकता है? 
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हिन्दुओं के अपने धर्म के प्रति उदासीनता के कारण ही इस धर्म ने सदियों से मलेच्छों का संहार नहीं किया, 
कुछ हिन्दू नामधारी लोग आज फेसबुक और व्हाट्सऐप पर लिखे जा रहे है कि अगर वेद के श्लोक को सुनने के लिए आतंकी बोले तब 99 % लोग मर जायेगे। 
वास्तव में ऐसा है कि 1 लाख साल के इतिहास में ऐसा आज तक नही हुआ है। 
मेरे धर्म में संवाद होता है फिर वह युद्ध का मैदान हो या जन्म, हर जगह ज्ञान को सम्मान दिया जाता है। हिन्दू धर्म में किसी को हथियार के दम पर परिवर्तित नही किया जाता। 
लोग हम को देख कर ही इस में आ जाते है और अपने जीवन को मानवीय संस्कारो और प्रकृति के निकट ले जाते है। तो ऐसे joke बनाने वाले सनातनी लोग स्वयं अपने ही धर्म का जोक बनाकर स्वयं अपने हिन्दू ना होने का प्रमाण दे रहे हैं. खुद जोकर बन रहे हैं। क्योंकि ऐसे हिन्दू नामधारियों को स्वयं नही पता कि गायत्री मन्त्र भी वेद का ही एक मन्त्र है। वैसे ऐसा लिखने वाले शायद नहीं जानते कि कोई भी आतंकवादी कभी भी वेद-मन्त्र नहीं पूछेगा, क्योंकि उसे स्वयं ही वेद-मन्त्र पता नहीं होगा. क्योंकि वेद-मन्त्र पढने वाला कभी आतंकी नहीं होगा, 
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मेरा विचार :- मेरे अपने हिन्दू धर्म की स्थापना के लिए किसी के प्राण लेना मेरे हिसाब से मेरे धर्म में आतंक नहीं है, ये सही काम है, जो हिन्दुओं को शुरू से करते आना चाहिए था, जो नहीं किया गया, जिसके कारण ही आज अधर्मी समुदाय पृथ्वी पे राज करते हैं. और सारे हिन्दू गुलामों की जिंदगी जी रहे हैं, जिनके शासक आज मलेच्छ वर्ग के लोग हैं.
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🚩मलेच्छ वर्ग से जीतना है तो करना होंगे ये काम :-
🚩सबसे पहले तो खुद को ताकतवर बनाना होगा ,जिसके लिये जिम ,हेल्थ क्लब मे जाकर शरीर मजबूत बनाए
🚩दारू बीयर बीडी सिगरेट गुटखा तम्बाकू का त्याग करे ये सब शरीर को खोखला करते है
🚩अपने घरों मे कम से कम एक हथियार ज़रूर रखे
🚩ज्यादा से ज्यादा मलेच्छ वर्ग का बहिष्कार करे ! ना मदद लें और ना मदद करे
🚩हर व्यक्ति हिन्दू संगठन से ज़रूर जुड़े जिससे कि हिम्मत व आत्म विश्वास बढे
🚩वीर और साहसी लोगों का अपना एक ग्रुप बनाए जिसमे खुद के मोहल्ले व शहर के युवा जोशीले लड़के हो
🚩किसी भी हिन्दू भाई को मलेच्छ वर्ग परेशान कर रहे हो या बेवजह झगड़ा करते हो तो उस हिन्दू भाई से मिलकर उसका सहयोग करे 
पुलिस कार्यवाई के लिये सब एक साथ मिलकर आवेदन देवे क्योंकि एक व्यक्ति को तो भगा दिया जाता है.
🚩अपने शहर के दमदार हिन्दू नेताओं का सहयोग करे व उनसे सहयोग लेंवे
🚩हिन्दुओ से मिलकर उन्हे हिम्मत देवे , क्योंकि हर हिन्दू शेर है पर उसका साथ देने वाला कोई नही होने से वह पीछे हट जाता है
🚩अपने ग्रुप मे अधिक से अधिक वीरों को जोड़े जो आर्थिक रुप से भी सक्षम हो
🚩100 योद्धा जुड़ जाए तो सबसे 500-500 रुपये लेकर संगठन के नाम के अकाउंट मे डाले जिससे कि 50,000 रुपए कि सहायता राशि बन जाएगी !
🚩जब हिन्दुत्व के लिये काम करते समय या मूल्लो से मगज मारी होने पर किसी भाई को चोट लग जाए या उस पर कानूनी कार्यवाई हो जाए तो 50,000 कि राशि से उनका इलाज या जमानत करवाए ताकि उसके परिवार पर बोझ ना पड़े !
🚩कई बार देखने मे आता है कि घायल व्यक्ति या कानूनी शिकंजे मे फँसा व्यक्ति खुद कि जेब से रुपया खर्च करता है तो उसके परिवार के लोग ही उसे अगली बार घर से बाहर नही निकलने देते है !
उपरोक्त बातों को अमल मे लाया जा सकता हो तो अमल करे व शेयर ज़रूर करे.
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जय श्री कृष्ण

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