भारत को आतंकवादी घटनाओं से बचने के लिए हथियारबंद समाज का निर्माण करना चाहिए.
आज के आतंकवादी युग में जहाँ किसी को भी कुरान की कोई भी आयत ना सुना पाने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ती हो, वहां पर अपनी जान-माल की रक्षा के लिए साथ में बन्दूक,पिस्तौल जैसा हथियार रखना लाजिमी हो जाता है.
इस मामले पर काफी संख्या में ऐसे सेक्युलर हैं जिनका नाम हिन्दुओं के नाम जैसा ही हैं, लेकिन हथियार रखने का विरोध करते हैं, चाहे कुरान ना जानने के कारण अपनी जान क्यों ना देनी पड़े.
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आप इस बात को ऐसे समझ सकते हैं, की जब कसाब ने मुंबई में हमला किया था, उस समय वहां उपस्थित सेक्युलर लोगों में कोई भी अगर अपने हथियार से उसपर प्रहार किया होता तो, अन्य लोगों की भी शायद हिम्मत होती, उस आतंकवादी को मार डालने की, और अगर ना भी होतो तब भी कसाब का हिम्मत जवाब दे जाता, वह अपने ऊपर हुए हमले से घबडा कर सरेंडर कर सकता था. इतनी बड़ी संख्या में लोगों की हत्या नहीं हुई होती, अगर उनमे से एक के पास भी अपने पास की बन्दूक या पिस्टल चलाने की हिम्मत होती.
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इस मामले में जो भी लोग, हथियारबंद समाज की अवहेलना करते हैं उन सभी लोगों को आतंकियों का धर्म कबूल कर लेना चाहिए.
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केवल इतना ही नहीं, भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा जनता को जो आज लूटा जा रहा है, गवाहों की हत्याएं हो जातीं हैं, दंगों को प्रायोजित करवाया जाता है, वह जनता द्वारा हथियार धारण करने से नहीं होगा. इसस आप कमजोरों के ऊपर होने वाले अत्याचार को काफी कम कर सकते हैं. एक उदाहरन के लिए, आप स्विट्ज़रलैंड को ही देख लें, वहां पर जनता को हथियार रखने का अधिकार होने से अपराध इस दुनिया में सबसे कम है.
इसी तरह यह अधिकार अगर कश्मीरी जनता के पास होती तो किसी आतंकवादी की हिम्मत न होती उन्हें अपना जमीन-जायदाद छोड़कर कहीं अन्य जाने की.
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अगर आपको अभी भी समझ में ना आया हो तो आप स्वयं ही इस दुनिया में अभी तक हुए सभी आतंकवादी-अपराध की-रेप की-भूखे मजलूमों के ऊपर गोली चलाकर नरसंहार की तमाम घटनाओं का अध्ययन कर कीजिये, आपको स्वयं यह आभास होगा एवं आपही का निष्कर्ष होगा की यदि उन मजलूमों के हाथ में बन्दूक,पिस्तौल जैसा हथियार होता तो उनका शोषण न हुआ होता.
.इसे अधिक समझने के लिए यहाँ देखें. https://www.facebook.com/notes/varun-saini/weaponization-of-us-commons/10206140620586747
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इस मामले पर काफी संख्या में ऐसे सेक्युलर हैं जिनका नाम हिन्दुओं के नाम जैसा ही हैं, लेकिन हथियार रखने का विरोध करते हैं, चाहे कुरान ना जानने के कारण अपनी जान क्यों ना देनी पड़े.
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आप इस बात को ऐसे समझ सकते हैं, की जब कसाब ने मुंबई में हमला किया था, उस समय वहां उपस्थित सेक्युलर लोगों में कोई भी अगर अपने हथियार से उसपर प्रहार किया होता तो, अन्य लोगों की भी शायद हिम्मत होती, उस आतंकवादी को मार डालने की, और अगर ना भी होतो तब भी कसाब का हिम्मत जवाब दे जाता, वह अपने ऊपर हुए हमले से घबडा कर सरेंडर कर सकता था. इतनी बड़ी संख्या में लोगों की हत्या नहीं हुई होती, अगर उनमे से एक के पास भी अपने पास की बन्दूक या पिस्टल चलाने की हिम्मत होती.
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इस मामले में जो भी लोग, हथियारबंद समाज की अवहेलना करते हैं उन सभी लोगों को आतंकियों का धर्म कबूल कर लेना चाहिए.
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केवल इतना ही नहीं, भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा जनता को जो आज लूटा जा रहा है, गवाहों की हत्याएं हो जातीं हैं, दंगों को प्रायोजित करवाया जाता है, वह जनता द्वारा हथियार धारण करने से नहीं होगा. इसस आप कमजोरों के ऊपर होने वाले अत्याचार को काफी कम कर सकते हैं. एक उदाहरन के लिए, आप स्विट्ज़रलैंड को ही देख लें, वहां पर जनता को हथियार रखने का अधिकार होने से अपराध इस दुनिया में सबसे कम है.
इसी तरह यह अधिकार अगर कश्मीरी जनता के पास होती तो किसी आतंकवादी की हिम्मत न होती उन्हें अपना जमीन-जायदाद छोड़कर कहीं अन्य जाने की.
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अगर आपको अभी भी समझ में ना आया हो तो आप स्वयं ही इस दुनिया में अभी तक हुए सभी आतंकवादी-अपराध की-रेप की-भूखे मजलूमों के ऊपर गोली चलाकर नरसंहार की तमाम घटनाओं का अध्ययन कर कीजिये, आपको स्वयं यह आभास होगा एवं आपही का निष्कर्ष होगा की यदि उन मजलूमों के हाथ में बन्दूक,पिस्तौल जैसा हथियार होता तो उनका शोषण न हुआ होता.
.इसे अधिक समझने के लिए यहाँ देखें. https://www.facebook.com/notes/varun-saini/weaponization-of-us-commons/10206140620586747
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हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809737552477816
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809737552477816
ड्राफ्ट की मांग के लिए आप अपना आदेश इस प्रकार भेजें- आप यह आदेश SMS, पोस्टकार्ड, ईमेल, ट्विटर एवं अन्य संचार माध्यमों से अपने नेताओं को भेज सकते हैं.
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"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको राईट टू रिकाल जिला शिक्षा अधिकारी के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809737552477816
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"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको राईट टू रिकाल जिला शिक्षा अधिकारी के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809737552477816
क़ानून-ड्राफ्ट को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून के रूप में भारत में लाये जाने का आदेश देता /देती हूँ.
वोटर-संख्या- xyz
धन्यवाद "
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जय हिन्द
वोटर-संख्या- xyz
धन्यवाद "
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जय हिन्द
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.