अब विदेशी निवेशकों को हमारे देश में नागरिकता दी जाएगी, जैसे की १९४७ के पहले हुआ करता था..
मोदी के राष्ट्र द्रोह की कीमत भारत को फिर एक और गुलामी से चुकाना होगा. मोदी के भारत के प्रति उठाये गए, राजनैतिक कदमो में चलते ही, जो कांग्रेस की सरकार साठ सालों में नहीं कर सकी, इसने सत्ता में आते ही कर दिया एवं उन महा-कारपोरेशन वालों की गोद में जा बैठा.
इसीलिए तमाम विदेशी संगठन एवं सरकारें, इसको अभी तक का सबसे महान प्रधानमंत्री बता रहा है एवं यहाँ की जनता को गुमराह किया जा रहा है.
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विदेशी निवेशकों को ही क्यूँ यहाँ के निवासी का दर्जा दिया जाएगा, ये देश अपने जिन कानूनों के तहत, हमारे देश में लूट-तंत्र चला रहे हैं, उन कानूनों को इस देश में लाने के बारे में मोदी कभी सोचता है क्या?
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आप क्या कर सकते हैं, यहाँ देखें-https://www.facebook.com/righttorecallC/posts/1045257802233875:0
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बायकाट दिस पी एम् टोटली. रिकॉल दिस पी एम्, इस पी एम् को पदच्युत कर देना चाहिए यहाँ की जनता को..
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आप सबको राईट टू रिकॉल प्रधानमंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/837611029690468
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को गजेट नोटिफिकेशन में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून बनाए जाने की मांग करनी चाहिए.
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अपने सांसदों का फ़ोन नंबर/ईमेल एड्रेस/आवास पता यहाँ लिंक में देखे:www.nocorruption.in
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.