भारत को अपने सुरक्षा उपकरणों के क्षेत्र में विदेशों के ऊपर बढती निर्भरता को खत्म कर एक नए स्वदेशीकरण क़ानून की आवश्यकता है.
अभी अन्ध-भक्तों को अमरीका से बड़ा प्रेम हो गया है, मेरी बात नहीं समझेंगे | अमरीका को अपना माल बेचना है, अध्यात्म नहीं |
रिफरेन्स - http :// www . defproac . com /? p=1011 (लिंक के लिए स्पेस हटा देवे.)
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पाकिस्तान को पालकर अमरीका एक साथ रूस, ईरान, अफगानिस्तान चीन और भारत के दिमाग ठण्डे रख सकता है ! और पाकिस्तान को पोसना सस्ता भी है, उतनी रकम भारत के लिए ऊँट के मुँह में जीरे का फोरन है ! चीन से भी अमरीका का लफड़ा है जिस कारण कभी कभी भारत की पीठ ठोक देता है, किन्तु विश्वास रखे, अमरीका के भरोसे भारत कभी भी महाशक्ति नहीं बन सकेगा |
अमरीका तभी कोई सहायता देता है जब रूस और फ्रांस से विकल्प की संभावना रहती है |
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भारतीय फौज यह जानती है, कि अभी हमारी ताक़त नहीं है कि हम अमरीका और चीन की सम्मिलित शक्ति का सामना कर सकें |
अमरीका और चीन दोनों पाकिस्तान को अत्याधुनिक हथियार दे रहे हैं ताकि भारत दक्षिण एशिया में ही उलझा रहे और उनका माल बिकता रहे |
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भारत तो एक घन्टे में आतंकवाद को जड़ से मिटा सकता है, किन्तु तब अमरीका और चीन से झगड़ा हो जाएगा | अतः जबतक उन सबसे अकेले निपटने की शक्ति भारत अर्जित नहीं कर लेता तबतक आतंकवाद झेलना ही पडेगा | यह शक्ति भारत को पूर्णतया स्वदेशी हथियारों एवं अत्याधुनिक हथियारों के स्वदेशी निर्माण से ही आएगी, जिसके लिए सरकारों को इन सभी सम्बंधित क्षेत्रों में अनुसंधान व स्कूल-कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए निवेश करना पड़ेगा, लेकिन सच्चाई ये है की १९९० के बाद कोई भी सरकार इन क्षेत्रों के सुधार के लिए कार्य नहीं की.
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इन सब समस्याओं के यही उपाय है, की सभी भ्रष्ट अधिकारियों, मंत्रियों के ऊपर राईट-टू-रिकाल, शिक्षा व्यवस्था सुधार के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के ऊपर राईट-टू-रिकॉल, सांसदों,विधायकों, मंत्रियों, जजों, सरकारी वकीलों के ऊपर राईट-टू-रिकाल, ज्यूरी सिस्टम, आरोपियों एवं गवाहों से सच उगलवाने के लिए नार्को-टेस्ट, मजबूत जनतंत्र के लिए पारदर्शी शिकायत प्रणाली होना चाहिए, और इन क़ानून को भारत में तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए जनता को अपने नेताओं को इन कानूनों को लाने का सांवैधानिक मांग कर उनके ऊपर प्रेशर बनाए रखना चाहिए, तभी इन नेताओं,मंत्रियों इत्यादि को समझ में आएगा की जनता आयातित सुरक्षा नहीं, बल्कि स्वनिर्मित सुरक्षा चाहती है, जनता न्याय-व्यवस्था में छलावा नहीं चाहती बल्कि स्वयं न्याय कर सकती है, भारत के भविष्य के लिए ठोस शिक्षा व्यवस्था चाहती है, अगर नेता एवं क़ानून बनाने वाले ठेकेदार नहीं देंगे तो जनता स्वयं आगे आकर अपने अधिकार लेना जानती है.
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भारत में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/809740312477540
आप अपना आदेश इस प्रकार भेजें-
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"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको भारत में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/809740312477540 क़ानून को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से भारत में यह क़ानून बनाए जाने का आदेश देता /देती हूँ. वोटर-संख्या- xyz
धन्यवाद "
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आप यह आदेश SMS, पोस्टकार्ड, ईमेल, ट्विटर एवं अन्य संचार माध्यमों से अपने नेताओं को भेज सकते हैं.
अन्य सम्बंधित कानूनों के लिए यहाँ देखें- https://www.facebook.com/righttorecallC/posts/1045257802233875:0
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भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों पर जोक बनाना और व्यंग करना हमारा लोकतांत्रिक हक़ है , और मोदी जी पर व्यंग करना प्रधामंत्री की गरिमा के ख़िलाफ़ है , यहां तक कि देश के साथ गद्दारी भी है ।
जय हिन्द
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.