क्या केवल भारत-बांग्लादेश सीमा को सील करने से बंगलादेशी घुसपैठ ख़त्म हो सकता है?
पार्टी-भक्त, नेता-भगत एवं कई बुद्धिमान कहते हैं कि बांग्लादेश की आसाम से लगने वाली सीमा सील कर दी गयी है, जबकि सच ये है की इसकी डेड लाइन जून २०१७ को निर्धारित की गयी है,
वैसे भी बांग्लादेश की सीमा केवल आसाम से ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल, , मेघालय, त्रिपुरा, व मिजोरम से भी लगती है, जब असाम की सीमा सील करना ही वहां की राज्य सरकार को कठिन लग रहा हो तो अन्य राज्य की क्या हालत हो सकती है, ये बुद्धिमान लोगों के सोच से बाहर का विषय नहीं हो सकता.
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बांग्लादेश सीमा सील का मुद्दा की हालत भी गंगा क्लीनिंग मुद्दे के ही जैसा होगा, जो वोट-राजनीति के लिए ही होगा..
क्योंकि वर्तमान सरकार के पास इसकी कोई स्ट्रेटेजी नहीं है, न कोई विज़न है, केवल चुनावी भाषण एवं जुमले मीडिया में फैलाना जानती है.
यहाँ से अवैध बांग्लादेशियों को यहाँ से निष्कासित करने का कोई रास्ता मौजूदा सरकार के पास नहीं है.
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जब विदेशी कंट्रोल्ड मीडिया का मन मोदी सरकार से भर जाएगा तब वह इस सरकार के द्वारा किये गए घोटालों को एक्सपोज करेगी, उसके कम्पटीशन में किसी अन्य नेता को यहाँ केंद्र में बैठा दिया जाएगा चुनाव द्वारा. इस चुनाव के लिए फिर यही मीडिया काम्पैग्निंग करेंगी. कुछ मोदी को लोबिंग करेंगी कुछ नए नेता को.
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अवैध रूप से यहाँ रह रहे बांग्लादेशियों को किस तरह से निकाल बाहर किया जा सकता है यहाँ देखें था इस लिंक में दिए ड्राफ्ट को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर क़ानून का रूप दिए जाने की मांग कर अपने नेताओं के ऊपर दबाव बनाएं, जिससे वे इस ड्राफ्ट को क़ानून बनाने के लिए बाध्य हो जाएं-http://smstoneta.com/ prajaadhinbharat/ chapter-33/
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आप अपना आदेश इस प्रकार भेजें-
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"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/ प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को निकाल बाहर करने के लिए http://smstoneta.com/ prajaadhinbharat/ chapter-33/ लिंक में दिए गए ड्राफ्ट को क़ानून ोका रूप देने के लिए राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित करें, और इसे क़ानून के रूप में लाये जाने का आदेश देता /देती हूँ. वोटर-संख्या- xyz | और कृपयाsmstoneta.com जैसे पब्लिक एस.एम.एस. सर्वर बनाएँ ताकि नागरिकों की एस.एम्.एस राय उनके वोटर आई.डी. के साथ सभी को दिखे "
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जय हिन्द.
वैसे भी बांग्लादेश की सीमा केवल आसाम से ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल, , मेघालय, त्रिपुरा, व मिजोरम से भी लगती है, जब असाम की सीमा सील करना ही वहां की राज्य सरकार को कठिन लग रहा हो तो अन्य राज्य की क्या हालत हो सकती है, ये बुद्धिमान लोगों के सोच से बाहर का विषय नहीं हो सकता.
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बांग्लादेश सीमा सील का मुद्दा की हालत भी गंगा क्लीनिंग मुद्दे के ही जैसा होगा, जो वोट-राजनीति के लिए ही होगा..
क्योंकि वर्तमान सरकार के पास इसकी कोई स्ट्रेटेजी नहीं है, न कोई विज़न है, केवल चुनावी भाषण एवं जुमले मीडिया में फैलाना जानती है.
यहाँ से अवैध बांग्लादेशियों को यहाँ से निष्कासित करने का कोई रास्ता मौजूदा सरकार के पास नहीं है.
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जब विदेशी कंट्रोल्ड मीडिया का मन मोदी सरकार से भर जाएगा तब वह इस सरकार के द्वारा किये गए घोटालों को एक्सपोज करेगी, उसके कम्पटीशन में किसी अन्य नेता को यहाँ केंद्र में बैठा दिया जाएगा चुनाव द्वारा. इस चुनाव के लिए फिर यही मीडिया काम्पैग्निंग करेंगी. कुछ मोदी को लोबिंग करेंगी कुछ नए नेता को.
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अवैध रूप से यहाँ रह रहे बांग्लादेशियों को किस तरह से निकाल बाहर किया जा सकता है यहाँ देखें था इस लिंक में दिए ड्राफ्ट को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर क़ानून का रूप दिए जाने की मांग कर अपने नेताओं के ऊपर दबाव बनाएं, जिससे वे इस ड्राफ्ट को क़ानून बनाने के लिए बाध्य हो जाएं-http://smstoneta.com/
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आप अपना आदेश इस प्रकार भेजें-
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"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/
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जय हिन्द.
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.