बिहार के इंटरमीडियेट परीक्षा के टॉपर्स घोटाले में सम्बंधित बच्चों की गिरफ्तारी सरकारी तंत्र की नाकामी पर पर्दा डालने के लिए षड्यंत्र का एक हिस्सा है.


बिहार के इंटरमीडियेट परीक्षा के टॉपर्स घोटाले में सम्बंधित बच्चों की गिरफ्तारी, सरकारी तंत्र की नाकामी पर पर्दा डालने के लिए षड्यंत्र का एक हिस्सा है.
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बिहार के इंटरमीडियेट परीक्षा के टॉपर्स घोटाले में नादान बच्चों और बच्चियों की गिरफ्तारी कानूनी और तकनीकी तौर पर सही होने के बावजूद बिहार की पुलिस और सरकार के अमानवीय चेहरे को ही ज्यादा उजागर करती है।
क्या ये जुवेनाइल एक्ट का उल्लंघन नहीं है?
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क्या इतने सुनियोजित षड्यंत्र के लिए ये छोटे-छोटे बच्चे ज़िम्मेदार हो सकते हैं ? यह निर्ममता शायद सरकार द्वारा कुछ बड़े-बड़े लोगों के कुकृत्य और अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए ही उठाया गया है।
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बेहतर होता कि इन मासूमों को गिरफ्तार करने के बज़ाय सरकार उनके जालसाज अभिभावकों, संबंधित कालेजों के प्रबंधकों और इंटरमीडिएट बोर्ड के अधिकारियों को पकड़ कर हवालात भेजती और प्राथमिकता के आधार पर संबंधित मुकदमों का ट्रायल कराकर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाती। .
इससे इन बच्चों को सबक तो मिलता ही, बिहार के शिक्षा विभाग में लंबे अरसे से सक्रिय जालसाजों और घोटालेबाजों के बीच एक कड़ा संदेश भी ज़रूर जाता !
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बिहार के टॉपर घोटाले में होना यह चाहिए था कि इस मामले की जांच के लिए एक ज्यूरी-मंडल का गठन होना चाहिए था राष्ट्रीय स्तर पर, क्योंकि ये एक राज्य का मामला है, अतः सम्बंधित ज्यूरी मंडल में उस राज्य के इन बदनाम छात्रों के साथ साथ अन्य राज्य के भी लोगों को शामिल किया गया होता, जो मतदाता सूची से अचानक से लिए गए होते.
इन बच्चों को गवाह बनाया जाता, ताकि घोटालेबाजों के खिलाफ अदालत में मुकदमा पुख्ता होता, उन्हें सजा मिलने की उम्मीद बंधती। सम्बंधित घोटालेबाजों का सार्वजनिक नार्को टेस्ट लिया जाता, जिससे पुख्ता सबूत सामने आ सकते थे, एवं उसकी व्यापक जांच हो सकती थी.
लेकिन हुआ यह है कि रूबी राय को गिरफ्तार कर लिया गया। यह वैसा ही हो रहा है, जैया व्यापमं में हुआ था। सरकारों के काम करने का तरीका एक जैसा होता है।
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लेकिन चूंकि हमारे देश में सभी मिले भगत होते हैं, दंड जिसे मिलना चाहिए उसके स्थान पे, सबसे निचले पायदान एवं सबसे कमजोर कड़ी को दण्डित किया जाता है.
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लेकिन इस देश के नागरिकों को ये भी ध्यान रखना चाहिए कि हमारा देश एक संसदीय गणतंत्र है, यहाँ हमारे देश में बढ़ते हुए अपराधों एवं सम्बंधित लोगों को दण्डित ना किये जाने के विरोध में आवश्यक कानूनों के सुधार के लिए, आवश्यक क़ानून-सुधार-प्रक्रिया को बनाने एवं उसे लागू करवाने का कार्य जनता है , जो ९८% लोग नहीं जानते हैं.
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अतः आप सबको ज्यूरी प्रणाली, भ्रष्टों को उनके पदों से निष्कासित करने का अधिकार जनता के हाथ में होना, नार्को टेस्ट के क़ानून को इस देशमें लाये जाने का दबाव सबको अपने नेताओं/मंत्रियों/राष्ट्रपति/प्रधानमन्त्री के ऊपर बनाना चाहिए.
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आपको यह मांग ऐसे करनी चाहिए-

"माननीय सांसद/विधायक/प्रधानमन्त्री/राष्ट्रपति महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको भारत में ज्यूरी प्रणाली के क़ानून-ड्राफ्ट-www.facebook.com/pawan.jury/posts/809746209143617,
पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट : ww.facebook.com/pawan.jury/posts/812341812217390 ,

राईट टू रिकॉल मुख्यमंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/81107141567776

राईट टू रिकाल जिला शिक्षा अधिकारी के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/810067079111530 ,
राइट-टू-रिकॉल विधायक के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/813343768783861 ,

राईट टू रिकॉल सांसद के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/860633484054889 ,
राईट टू रिकॉल मंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/853974814720756 ,
राईट टू रिकाल जिला पुलिस प्रमुख के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/867725646679006
क़ानून को भारत में लाये जाने का आदेश देता /देती हूँ.
वोटर-संख्या- xyz१२३४५६७,
धन्यवाद "
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आप ये मांग एक एक क़ानून के लिए अलग अलग SMS, पोस्टकार्ड्स, ईमेल द्वारा भी कर सकते हैं, क्योंकि इतना बड़ा सन्देश एक SMS से भेजना थोडा मुश्किल हो सकता है.
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राईट-टू-रिकॉल समूह द्वारा प्रस्तावित अन्य सुधारात्मक कानूनों की जानकारी के लिए देखिये- https://www.facebook.com/righttorecallC/posts/1045257802233875:0
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जय हिन्द

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