हिन्दू साधू संतों की ही संपत्ति पर भारत के तमाम समाचार माध्यमों के साथ साथ स्वयं हिन्दुओं की ही नजर टेढ़ी क्यों रहती है?
हिन्दू साधू संतों की ही संपत्ति पर भारत के तमाम समाचार माध्यमों के साथ साथ स्वयं हिन्दुओं की ही नजर टेढ़ी क्यों रहती है? क्योंकि अधिकांश हिन्दूओं के सच्चाई से सामना होना इतना आसान नहीं है, क्योंकि भारत के अधिकांश मीडिया के माध्यम को विदेशी संस्थाएं नियंत्रित करतीं हैं.
🚩प्रश्न - #साधू-#संतो के पास करोड़ो की संपत्ति है । साधू-संतो को इतनी संपत्ति की क्या जरुरत है? साधू को तो अपरिग्रही होना चाहिए ?
[किसी को इस वाल पे दिए हुए पोस्ट के बारे में सटीक जानकारी हो तब ही कमेन्ट करें, अन्यथा आपके कमेन्ट डिलीट कर दिए जायेंगे.]
.
💥उत्तर : धन्यवाद सहित -डॉ.प्रेमजी; सुनंदा तंवर 16, पालम कोर्ट, लन्दन, यू.के.
[किसी को इस वाल पे दिए हुए पोस्ट के बारे में सटीक जानकारी हो तब ही कमेन्ट करें, अन्यथा आपके कमेन्ट डिलीट कर दिए जायेंगे.]
.
💥उत्तर : धन्यवाद सहित -डॉ.प्रेमजी; सुनंदा तंवर 16, पालम कोर्ट, लन्दन, यू.के.
.
💥अत्यंत गरीब व आदिवासियों के हित में काम कर रही आशाराम की संस्था व #आश्रमको बदनाम करने के उद्देश्य से लिखा गया झूठ अखबारों का एक पुलिन्दा मात्र है।
💥अत्यंत गरीब व आदिवासियों के हित में काम कर रही आशाराम की संस्था व #आश्रमको बदनाम करने के उद्देश्य से लिखा गया झूठ अखबारों का एक पुलिन्दा मात्र है।
💥आपके सीनियर व खोजी(?) पत्रकार ने लिखा है कि #संत श्री आशाराम जी बापू के आश्रम को प्रतिवर्ष 150 से 200 करोड़ रुपये चन्दे के रूप में प्राप्त होते हैं।
💥इस पर मुझे कहना है कि संत श्री आशाराम जी बापू आम आदमी के संत हैं।
💥तथा वे #सत्संग अथवा #शिविर के लिए कोई फीस भी चार्ज नहीं करते हैं।
और
💥यदि कभी आपको पूज्य #बापू जी का सत्संग अथवा उनकी कोई #सी.डी.सुनने का सौभाग्य प्राप्त हो जाये तो आपको जानकारी मिलेगी कि बापू जी ना तो दीक्षा देते हुए कोई नकद दक्षिणा अथवा कोई वस्तु स्वीकार करते हैं और ना ही गुरु #पूर्णिमा अथवा अन्य किसी पर्व पर भी।
💥आश्चर्य का विषय है कि आपका खोजी व सीनियर पत्रकार तो आश्रम द्वारा आयोजित भंडारों एवं अन्य सद्प्रवृतियों द्वारा भी धन एकत्रित करने का आरोप लगा रहा है।
💥मैं आपको बता दूँ कि आश्रम द्वारा संचालित भण्डारे केवल गरीबों, #बनवासियों तथा#आदिवासियों में विराजमान ‘दरिद्र #नारायण’ की सेवा के लिए आयोजित किये जाते हैं ना की चंदा एकत्र करने के लिये।
💥कितने आश्चर्य की बात है कि आपका बिजनेस ग्रुप-आजतक समाचार #चैनल,#म्यूजिक टूडे चैनल, बिजनेस टूडे चैनल अथवा अन्य कई #विदेशी ब्रांड्स के साथ बिजनेस कर आपके लिए धनवर्षा कर रहा है।
💥किन्तु फिर भी जैसी कि एक कहावत है कि पैसे से कभी मनुष्यता नहीं खरीदी जा सकती, आपका केस भी मुझे वही लगता है।
💥आपने तो मनुष्यता के अत्यंत नीचे स्तर पर उतरकर वेटिकन व ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रयोजित लेख केवल उनकी प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए छापा गया लगता है।
और ऐसा पहली बार भी नहीं है, जब आप देश के एक महान हिंदू संत श्री आशाराम जी बापू के विरुद्ध पहली बार ऐसा काम कर रहे हैं।
💥सितम्बर #2010 में भी आपके समाचार चैनल ‘आजतक’ ने एक स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया था कि संत श्री आशाराम जी बापू अपने आश्रम में एक अपराधी महिला को रखने के लिए राजी हो गये हैं।
💥मैंने जब इस विषय में कुछ खोज की तो पता चला कि आपके चैनल के ही कुछ व्यक्ति एक महिला को लेकर बापू जी के पास हरिद्वार पहुँचे थे तथा कहा था कि इस महिला की जान को खतरा है, अत: कृपया एक दो दिन इसको अपने आश्रम में शरण दे दें।
💥यह पूरा #षड्यंत्र आपके चैनल की टीम ने बनाया था तथा जो स्टिंग वो दिखा रहे थे, वह भी काफी जोड़-तोड़ करके बनाया गया स्टिंग था।
💥मैंने जब आपके चैनल के अधिकारियों को बिना एडिट किया हुआ पूरा स्टिंग दिखाने के लिए फोन किया तो उन्होंने अत्यंत निर्लज्जता से उत्तर दिया था कि आप अदालत में जा सकती हैं।
💥वेटिकन की ईसाई #मिशनरियों का उद्देश्य #भारत का #‘ईसाईकरण’ है इसीलिए भारतीय #संस्कृति व सनातन धर्म का झंडा बुलंद करने वाले संत श्री आशाराम जी बापू तो उनके जन्मजात दुश्मन बने हुए हैं।
💥अत: उन्हें हटाने के लिए ही वो भारत के ‘देशद्रोही व निर्लज्ज’ #मीडिया को अपनी अकूत दौलत के बल पर आज #‘जयचंद’ बना रहे हैं।
💥#‘इंडिया टूडे’ ग्रुप एक अत्यंत धनी व पैसे वाला बिजनेस ग्रुप है किन्तु जब भी भारतीय संस्कृति व हिंदू धर्म का इतिहास लिखा जाएगा तो आपका नाम भी आज के ऐसे ‘जयचंदों’ की सूची में शामिल होगा जिन्होंने पैसे की लिप्सा के लिए अपनी आत्मा व धर्म दोनों को ही धर्म के सौदागरों के हाथ नीलाम कर दिया था।
💥रोमन केथोलिक #चर्च का एक छोटा राज्य है जिसे वेटिकन बोलते है । अपने धर्म (#ईसाई) के प्रचार के लिए वे हर साल 171,600,000,000
डॉलर खर्च करते है । तो उनके पास कुल कितनी #संपत्ति होगी?
.
💥वेटिकन के किसी भी व्यक्ति को पता नहीं है कि उनके कितने व्यापार चलते है ।
.
💥रोम शहर में 33% इलेक्टोनिक, #प्लास्टिक, #एर लाइन, #केमिकल और#इंजीनियरिंग बिजनेस वेटिकन के हाथ में है ।
.
💥दुनिया में सबसे बड़े shares वेटिकन के पास है ।
.
💥#इटालियन #बैंकिंग में उनकी बड़ी संपत्ति है और #अमेरिका एवं स्विस बेंको में उनकी बड़ी भारी deposits है ।
.
💥ज्यादा जानकारी के लिए पुस्तक पढाना जिसका नाम है #VATICAN EMPIRE
.
💥उनकी संपत्ति के आगे आपके भारत के साधुओं के करोड रुपये कोई मायना नहीं रखते ।
.
💥वे लोग खर्च करते है विश्व में धर्मान्तरण करके लोगों को अपनी #संस्कृति, और #धर्म से भ्रष्ट करने में और भारत के संत खर्च करते है लोगों को शान्ति देने में, उनकी स्वास्थ्य सेवाओं में, #आदिवासियों और गरीबों की सेवा में, #प्राकृतिक आपदा के समय पीडितों की सेवा में और अन्य लोकसेवा के कार्यों में ।
.
💥#प्राचीन काल में #ऋषियों के पास इतनी संपत्ति होती थी, कि बड़े बड़े राजा जब आर्थिक संकट में आ जाते थे, तब उनसे लोन लेकर अपने राज्य की अर्थ व्यवस्था ठीक करते थे ।
.
💥कौत्स ब्राह्मण ने अपने गुरु वर्तन्तु को 14 करोड स्वर्ण मुद्रा गुरु दक्षिणा में दी थी ।
.
💥साधू संतो के पास संपत्ति नहीं होगी तो वे धर्म प्रचार का कार्य कैसे करेंगे
.
💥प्राचीन काल में राज्य से धर्म प्रचार के लिए धन दिया जाता था । भगवान बुद्ध के प्रचार के लिए सम्राट अशोक जैसे राजाओं ने अपनी सारी संपत्ति लगा दी और आज के समय में सरकार मंदिरों व #आश्रमो की संपत्ति और आय को हड़प कर लेती है और उसे #चर्च एवं #मस्जिदों में खर्च करती है लेकिन #हिंदू धर्म के प्रचार के लिए पैसा खर्च नहीं करती ।
.
💥आम हिंदू समाज भी अपने परिवार के लिए ही सब धन खर्च करना जानता है, धर्म की सेवा के लिए 10% आय भी लगाता नहीं और लोगों के अपवित्र जीवन और उदासीनता के कारण भिक्षा वृत्ति भी अब संभव नहीं है ।
.
💥इसलिए #आश्रमवासियों के लिए भोजन बनाने के लिए भी संतों को व्यवस्था करनी पड़ती है । उनको व्यापारी मुफ्त में तो दाल, चावल, शक्कर, आदि नहीं देंगे ।
.
💥अपरिग्रह की बात सिर्फ हिंदू साधुओं के लिए ही सिखाई जाती है ।
.
💥#बिकाऊ #मीडिया को हिंदू साधुओं की संपत्ति पर ही बार-बार स्टोरी बनाकर दिखाते है, ईसाई पादरिओ की नही जबकि उनके पास दुनिया में सबसे ज्यादा संपत्ति है और उसमें से 17 हजार करोड़ डॉलर हर साल #ईसाई #धर्मांतरण पर खर्च किया जाता है ।
जिसके बारे में आम लोगों को पता भी नहीं चलता ।
.
💥इसपर मीडिया चुप क्यों ?
.
💥क्यों की मीडिया की #चैनले 90% ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित होती है इसलिए वो हमेशा हिन्दू संग़ठन और साधू-संतो को ही बदनाम करते रहते है । जागो हिन्दू
.
💥वेटिकन के किसी भी व्यक्ति को पता नहीं है कि उनके कितने व्यापार चलते है ।
.
💥रोम शहर में 33% इलेक्टोनिक, #प्लास्टिक, #एर लाइन, #केमिकल और#इंजीनियरिंग बिजनेस वेटिकन के हाथ में है ।
.
💥दुनिया में सबसे बड़े shares वेटिकन के पास है ।
.
💥#इटालियन #बैंकिंग में उनकी बड़ी संपत्ति है और #अमेरिका एवं स्विस बेंको में उनकी बड़ी भारी deposits है ।
.
💥ज्यादा जानकारी के लिए पुस्तक पढाना जिसका नाम है #VATICAN EMPIRE
.
💥उनकी संपत्ति के आगे आपके भारत के साधुओं के करोड रुपये कोई मायना नहीं रखते ।
.
💥वे लोग खर्च करते है विश्व में धर्मान्तरण करके लोगों को अपनी #संस्कृति, और #धर्म से भ्रष्ट करने में और भारत के संत खर्च करते है लोगों को शान्ति देने में, उनकी स्वास्थ्य सेवाओं में, #आदिवासियों और गरीबों की सेवा में, #प्राकृतिक आपदा के समय पीडितों की सेवा में और अन्य लोकसेवा के कार्यों में ।
.
💥#प्राचीन काल में #ऋषियों के पास इतनी संपत्ति होती थी, कि बड़े बड़े राजा जब आर्थिक संकट में आ जाते थे, तब उनसे लोन लेकर अपने राज्य की अर्थ व्यवस्था ठीक करते थे ।
.
💥कौत्स ब्राह्मण ने अपने गुरु वर्तन्तु को 14 करोड स्वर्ण मुद्रा गुरु दक्षिणा में दी थी ।
.
💥साधू संतो के पास संपत्ति नहीं होगी तो वे धर्म प्रचार का कार्य कैसे करेंगे
.
💥प्राचीन काल में राज्य से धर्म प्रचार के लिए धन दिया जाता था । भगवान बुद्ध के प्रचार के लिए सम्राट अशोक जैसे राजाओं ने अपनी सारी संपत्ति लगा दी और आज के समय में सरकार मंदिरों व #आश्रमो की संपत्ति और आय को हड़प कर लेती है और उसे #चर्च एवं #मस्जिदों में खर्च करती है लेकिन #हिंदू धर्म के प्रचार के लिए पैसा खर्च नहीं करती ।
.
💥आम हिंदू समाज भी अपने परिवार के लिए ही सब धन खर्च करना जानता है, धर्म की सेवा के लिए 10% आय भी लगाता नहीं और लोगों के अपवित्र जीवन और उदासीनता के कारण भिक्षा वृत्ति भी अब संभव नहीं है ।
.
💥इसलिए #आश्रमवासियों के लिए भोजन बनाने के लिए भी संतों को व्यवस्था करनी पड़ती है । उनको व्यापारी मुफ्त में तो दाल, चावल, शक्कर, आदि नहीं देंगे ।
.
💥अपरिग्रह की बात सिर्फ हिंदू साधुओं के लिए ही सिखाई जाती है ।
.
💥#बिकाऊ #मीडिया को हिंदू साधुओं की संपत्ति पर ही बार-बार स्टोरी बनाकर दिखाते है, ईसाई पादरिओ की नही जबकि उनके पास दुनिया में सबसे ज्यादा संपत्ति है और उसमें से 17 हजार करोड़ डॉलर हर साल #ईसाई #धर्मांतरण पर खर्च किया जाता है ।
जिसके बारे में आम लोगों को पता भी नहीं चलता ।
.
💥इसपर मीडिया चुप क्यों ?
.
💥क्यों की मीडिया की #चैनले 90% ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित होती है इसलिए वो हमेशा हिन्दू संग़ठन और साधू-संतो को ही बदनाम करते रहते है । जागो हिन्दू
धन्यवाद सहित
-डॉ.प्रेमजी
सुनंदा तंवर 16, पालम कोर्ट, लन्दन, यू.के.
-डॉ.प्रेमजी
सुनंदा तंवर 16, पालम कोर्ट, लन्दन, यू.के.
💥http://goo.gl/Pc1fhn
🚩Official Jago hindustani Visit
💥Youtube - https://goo.gl/J1kJCp
💥Wordpress - https://goo.gl/NAZMBS
💥Blogspot - http://goo.gl/1L9tH1
💥Twitter - https://goo.gl/iGvUR0
🚩Official Jago hindustani Visit
💥Youtube - https://goo.gl/J1kJCp
💥Wordpress - https://goo.gl/NAZMBS
💥Blogspot - http://goo.gl/1L9tH1
💥Twitter - https://goo.gl/iGvUR0
Comments
Post a Comment
कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.