भारत में बच्चों को स्कूल से ही संविधान क्यों नहीं बताया जाता? और यहाँ के नागरिकों को अपने देश का संविधान न जानना क्या सही है, जबकि अमेरिका में तो ऐसा नहीं. क्योंकि यहाँ की सरकारें हर मामलों में अमेरिका एवं अन्य शक्तिशाली देशों के अधीन निर्णय लेती है !!

कैसा है इस देश का क़ानून, जो साधारण जनता को यह कभी नहीं बतलाता कि यहाँ क्या करना गलत है और क्या करना सही, लेकिन जुर्म हो जाने के बाद उस भोली भली जनता के पीछे तलवार लेकर दौड़ता है? 
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सभी नागरिकों को अपने नेताओं/मंत्रियों/सांसदों/विधायकों/राष्ट्रपति/प्रधानमन्त्री को पोस्टकार्ड/sms/ईमेल एवं अन्य उपलब्ध संचार माध्यमों द्वारा उनके ऊपर प्रेशर बनाना चाहिए जिसमे भारतीय-संविधान की पूरी पढाई पांचवीं कक्षा से दसवीं कक्षा तक हिस्से में डिवाइड करके पढाई जाए, जैसे की मानव-इतिहास को इन पांच कक्षाओं में हिस्सों में पढाया जाता है.
जिससे बच्चे यह जान सकें की इस देश में पैदा होने से उनको कौन कौन से मानव-अधिकार हासिल हैं और कौन से अधिकार हासिल नहीं है,
जिससे बच्चे यह जान सकें कि यहाँ क्या करना गलत है और क्या करना सही है.
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जिंदगी कोई कानूनी किताब पढ़कर फॉलो करते हुए तो नहीं जी जाती? हाँ, ये काम केवल वकील एवं जज ही कुशलता पूर्वक कर सकते हैं. साधारण लोगों की जिन्दगी दिल से जी जाती है लेकिन कानूनी किताब पढ़ते हुए लोग जिंदगी नहीं जीते. वैसे यहाँ के क़ानून की प्रक्रिया में जिस तरह से सही गलत सच झूठ का फैसला किया जाता है, उसमे अधिकतर मामलों में निर्दोषों को ही सजा होती है, भाई-भतीजावाद एवं परस्पर संगठन युक्त न्याय-व्यवस्था की प्रक्रिया में जिसमे अपराधी-वकील-जज-नेता आपस में गठबंधन बनाते हैं, उसमे तो वास्तविक अपराधी को कभी सजा ही नहीं होती, क्योंकि कानूनी सुनवाई में वकील निर्दोषों से इस तरह के सवाल ही पूछते हैं, जिसका किसी भी तरह का ताल्लुकात अपराध से नहीं होता, हाँ जो मजबूत पार्टी होती है, जिनका गठबंधन जजों, वकीलों-नेताओं के आदमियों से होता है, उन सबसे मामलों से सम्बंधित जरूरी कोई भी सवाल बेहद कम ही किये जाते हैं.
इसकी क्या वजह हो सकती है? यही की जिनका गठबंधन अर्थात थाग्बंधन जजों-वकीलों-नेताओं इत्यादि से न हो, उन्हें ही दोषी के कठघरे में खड़ा रखा जाए?
कहते हैं कि सरकार एवं क़ानून जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए होते हैं लेकिन जब व्यवस्था इसके उलट होने लगे तो ये भी जरूरी हो जाता है, कि उस भ्रष्ट देश में व्यवस्था परिवर्तन की बागडोर जनता स्वयं आगे बढ़कर अपने हाथ में ले ले.
देश का भविष्य केवल और केवल वहां की जनता होती है, अगर जनता ही अपने और देश के भविष्य को भगवान् पर छोड़ दे तो कोई प्रॉब्लम का समाधान कभी नहीं मिलने वाला.
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हमे इस देश में व्यवस्था-परिवर्तन चाहिए, जिसको सरकारwww.smstoneta.com जैसी वेबसाइट लाकर शुरू कर सकती है, जहाँ कोई भी नागरिक किसी अन्य नागरिक द्वारा समर्थित मुद्दे और उपाय देख सकते हैं. साथ ही मुद्दे से जुड़े साक्ष्य भी साझा देखा जा सकता है, जिससे वास्तविक अपराधी को सजा मिलना और निर्दोषों को उनकी जिंदगी जीने का पूरा पूरा अधिकार मिले.
यह डिमांड कोई फालतू नहीं है, यह डिमांड बिलकुल सांवैधानिक है, क्यूंकि भारत एक प्रजातंत्र है. इसमें सभी नागरिकों को अपने देश की भलाई के लिए क़ानून लाने के लिए प्रस्ताव देने और अपने नेताओं को आदेश देने का अधिकार स्वतः ही प्राप्त है.
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हमारे देश में अधिकतर क़ानून हमारे सेना एवं हथियारों के उत्पादन के मामले में अन्य देशों के ऊपर निर्भर होने के ही चलते हमारी अर्थात भारतीय जनता की भलाई के लिए नहीं बनाए जाते, यहाँ के क़ानून सत्ता एवं अन्य ऊंचे ओहदों पर बैठे गद्दारों को सजा देने के लिए नहीं है.
हमारे नेता अपने देश के गद्दारों को सजा नहीं दे सकती. कहते हैं, हमारे देश में रक्षा अनुसंधान विकास संगठन अपना स्वनिर्मित हथियारों को बनाकर उसका सफल प्रक्षेपण कर सकती है, लेकिन क्या आपको पता है, उसमे प्रयोग होने वाले अधिकतर सॉफ्टवेर टेक्नोलॉजी एवं हार्डवेयर बाहर से आयातित होते हैं, यहाँ केवल बाहर के वैज्ञानिक एवं इंजिनियर आकर भारत के उद्योगों में काम करने वाले इंजिनियर एवं वैज्ञानिकों को उन उपकरणों के ऊपर काम करने का प्रशिक्षण देते हैं, उनमे से भी जो क्रिटिकल उपकरण होते हैं, उनकी जानकारी वे हमें कभी नहीं देते. कभी कभी स्थिति इतनी जटिल हो जाती है की उन उपकरणों को बंद हो जाने पे स्टार्ट करने के लिए सम्बंधित विदेशी इंजिनियर एवं वैज्ञानिकों को बुलाना पड़ता है.
मेक इन इण्डिया के तहत विदेशी कंपनियां ही यहाँ आकर सामान का उत्पादन करतीं हैं.
हमारे देश के रिसर्च एवं डेवलपमेंट में विकसित देशों की तुलना में उतना विकास नहीं हो पाने का ए्क बड़ा कारण ये है कि भारत की अर्थव्यवस्था सेल्फ सस्टेनेबल नहीं है, यह विदेशी कंपनियों पर काफी हद तक निर्भर है.
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हमारे देश में स्वनिर्मित हथियार बनाने में उतनी उच्च-गुणवत्ता हासिल नहीं होने का कारण हमें यह बताया जाता है, की हमारे देश के पास उतनी संपत्ति नहीं है, लेकिन अगर बात भ्रष्ट लोगों-अधिकारियों-मंत्रियों से गबन किये गए धन को वसूलने की बात आती है तो यहाँ का भ्रष्ट न्यायिक सिस्टम, इस बात को थोड़े ही दिनों में न्यूज़ चलाकर इन मामलों को ही बंद करवा देती है, रही बात न्याय की तो वो तो इस देश में मृत्यु-उपरान्त भी चलता है, इसमें क्या बड़ी बात है?
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उसी तरह से आप परमाणु परिक्षण की क्षमता में भी भारत की तुलना अन्य देशों से कर सकते है, इसकी अध्ययन सामग्री आपको इन्टरनेट पर काफी मात्रा में मिल जायेगी. अगर आप उन अध्ययन संसाधनों को ध्यान से पढेंगे तो पायेंगे की भारत एवं पाकिस्तान की परमाणु क्षमता में कोई ख़ास अंतर नहीं है, कभी आपने यह ध्यान देने की कोशिश की कि द्वितीय परमाणु परिक्षण के बाद भारत पुनः और आगे की श्रृंखला का परमाणु-परिक्षण क्यों नहीं कर सका?
आपमें से कई लोग यह कहेंगे की भारत ने कभी दुसरे देशों पर आक्रमण नहीं किया , हम शान्ति-प्रिय देश हैं, हम पर भी कभी कोई आक्रमण नहीं करेगा, लेकिन शायद ऐसे लोगों को यह नहीं पता की भारत पाकिस्तान के साथ हुए कारगिल युद्ध को जीत न सका, वो हार गया था, अगर आप इस विषय पर अधिक जानना चाहते हैं तो कृपया यह लिंक सुनें-https://www.youtube.com/watch?v=nb-xNwtrQjI&ab_channel=RajivDixitDedicatedChannel-vatsalanand
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खैर...
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हम आते है समाधान के मामले पर, राईट-टू-रिकॉल समूह ने कई सारे सुधारात्मक कानूनों का प्रस्ताव दिया है, जिसे अध्ययन करने के बाद इस देश में अपने नेताओं / मंत्रियों/ /विधायकों/ प्रधानमत्री / राष्ट्रपति को ईमेल/ ट्विटर/sms / पोस्टकार्ड इत्यादि संचार माध्यमों द्वारा आप आदेश भेजें, यह आदेश पूर्णतया सांविधानिक है क्योकि भारत एक संप्रभु व जनतंत्र देश है.
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भारत में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/809740312477540
आप अपना आदेश इस प्रकार भेजें-
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"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपकोhttps://www.facebook.com/pawan.jury/posts/809740312477540 क़ानून को भारत में लाये जाने का आदेश देता /देती हूँ. वोटर-संख्या- xyz धन्यवाद "
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क्या आप जानत हैं कि भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक नागरिक का यह संविधानिक अधिकार तथा कर्तव्य है कि, वह देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक आदेश अपने सांसद को भेजे। आप दिए गए ड्राफ्ट्स के लिनक्स में जाकर उनका अध्ययन करें, अगर सहमत हों तो अपने नेता/ मंत्री/ विधायक/प्रधानमन्त्री/राष्ट्रपति को अपना सांविधानिक आदेश जरूर भेजें.
नीचे उन आदेशो की सूची दी गयी है, जो आदेश मैंने SMS द्वारा अपने सांसद को भेजे है। आदेशो का विवरण जानने के लिए लिंक को क्लिक करे। ये सभी ड्राफ्ट्स राईट-टू-रिकॉल समूह द्वारा प्रस्तावित हैं:-
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यदि आप भी इन कानूनो का समर्थन करते है, तो अपने सांसद को SMS भेज कर इन्हे गैजेट में प्रकाशित करने का आदेश दे, तथा अपने सांविधानिक कर्तव्य को पूरा करे।
इसके अतिरिक्त भी कुछ क़ानून सुधार ऐसे हैं जो भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में लाये जाने से हमारा देश चीन को मात दे सकता है, इन कानूनों का डिमांड आप अपने नेताओं से अवश्य कीजिये.- जैसे कि
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1. पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809753852476186
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2. ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809746209143617
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3. सम्पूर्ण रूप से भारतीय नागरिको के स्वामित्व वाली कम्पनियों (WOIC) के लिए कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809743912477180
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4. भारत में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809740312477540
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5. हथियारबंद नागरिक समाज की रचना के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809737552477816
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6. राईट टू रिकाल जिला शिक्षा अधिकारी के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/810067079111530
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7. खनिज रॉयल्टी सीधे नागरिको के खाते में भेजे जाने के लिए प्रस्तावित कानून (DDMRCM) का ड्राफ्ट : यह क़ानून गरीब लोगों को कुछ राहत पहुंचा सकती है.
www.facebook.com/pawan.jury/posts/811075642344007
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8. राईट टू रिकॉल दूरदर्शन अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/811073719010866
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9. राईट टू रिकॉल मुख्यमंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/811071415677763
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10. मॉरिशस रुट और सेज (SEZ) को दी जा रही कर राहतो की समाप्ति के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/811674415617463
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11. पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/812341812217390
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12. राइट-टू-रिकॉल विधायक के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/813343768783861
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13. राइट-टू-रिकॉल-रिज़र्व बैंक गवर्नर के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/814288365356068
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14. नेट निष्पक्षता या नेट न्युट्रिलिटी को बनाये रखने के लिए सांसद को भेजे जाने वाले एसएमएस का ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/820005808117657
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15. गोहत्या कम करने के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/822256167892621
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16. राईट टू रिकॉल प्रधानमंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/837611029690468
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17. पब्लिक में नार्को टेस्ट के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/835414443243460
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18. भारतीय संप्रदाय देवालय प्रबंधक ट्रस्ट' के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/834846793300225
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19. राष्ट्रीय हिन्दू देवालय प्रबंधक ट्रस्ट' के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/834842886633949
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20. राइट-टू-रिकॉल जिला प्रधान जज के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/826540930797478
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21. राइट टू रिकॉल महापौर का प्रस्तावित क़ानून-ड्रॉफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/844000699051501
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22. राईट टू रिकॉल सांसद के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/860633484054889
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23. राईट टू रिकॉल मंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/853974814720756
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24. राईट टू रिकाल जिला पुलिस प्रमुख के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/867725646679006
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25. संपत्ति कर के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्टhttps://web.facebook.com/ProposedLawsHindi/posts/575904979254367
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26) For removing caste based reservationhttp://www.tinyurl.com/AarakshanGhatao
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मेरा आपसे एक बार आग्रह है की आप इस विडियोhttps://www.youtube.com/watch?v=nb-xNwtrQjI&ab_channel=RajivDixitDedicatedChannel-vatsalanand
को एक बार फिर सुनें और उपरोक्त समाधान पर गौर करें. अगर आप वाकई में इस देश का भला चाहते हैं तो उपरोक्त आदेशों में से अपने वांछित आदेशों को अपने नेताओं / मंत्रियों/सांसदों/विधायकों/प्रधानमंत्री/राष्ट्रपति को sms/ट्विटर सन्देश या पोस्टकार्ड या ईमेल जिस किसी संचार माध्यम से संभव हो सके, उपरोक्त बताये गए तरीके से अपना मात्र एक संविधानिक आदेश भेजें.
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जय हिन्द.

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