क्या २०२५ में सत्ययुग आने का मतलब ये है की भारत दिवालिया घोषित कर दिया जायेगा?
अधिकांश लोगों के अनुसार नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार मोदी के शासन में भारत विश्व-महाशक्ति बनेगा, मोदी भारत की स्थिति को बदलकर रख देगा इत्यादी, और २०२५ से सत्ययुग का आरम्भ होगा.
अब नीचे लिखी बातो को पढ़कर राजनैतिक भक्तों से उम्मीदें हैं की वे इस पोस्ट के कमेन्ट में अभद्रता असभ्यता का उपयोग करेंगे.
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मोदी के शासन में भारत के लगभग तमाम क्षेत्रों में सौ प्रतिशत विदेशी निवेश की मान्यता दी गयी है. विदेशी निवेश का हमारे अर्थव्यवस्था के ऊपर क्या प्रभाव होगा, अच्छा या बुरा, केलिए इस लिंक को देखिये- ttps://www.facebook.com/photo.php?fbid=2046123665612043&set=pb.100006432898079.-2207520000.1466871413.&type=3&theater
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इससे एवं २०२५ में सत्ययुग आने वाली बात को साथ में लेते हुए टैक्स में वृद्धि, भ्रष्टाचार में हुए वृद्धि, हिन्दुओं के विरोध में किये जा रहे षड्यंत्रों को विफल कर पाने में सरकार के द्वारा उठाये गए स्टेप्स की विफलता, देश में हर ओर फैली अराजकता, स्वछता अभियान के झंडे के नीचे स्वच्छता सेस(सच है की कोई भी सफाई कर्मचारी कभी गांवों तो क्या शहरों के भी मुख्य राजमार्गों को छोड़कर और कोई मार्ग साफ़ नहीं करते, सम्बंधित अधिकारी से शिकायत करने पर आपसे असभ्य व्यवहार किया जाएगा) ,
क्या योग को काफी संख्या में देशो में एक दिन कियेजाने से, मोदी के भाषण में हमारी प्रशासनिक विफलता एवं मूर्खता के ऊपर ताली बजवाने से ही भारत महाशक्ति बनेगा? मोदी सरकार एक जुमला सरकार है.
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मेरी ये भविष्यवाणी है कि २०२५ में कोई सत्ययुग नहीं आने वाला, ऍफ़ डी आई एवं अन्य अराजक तत्व मिलकर हमारे भारत दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा.
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.