भारत में बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति, भीख दुनिया भर में सबसे अधिक होने का क्या कारण है?

आज कल एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है की भारत अब विकासशील देश की श्रेणी में नहीं आएगा? विकासशील नहीं लेकिन लोअर मिडिल वर्ग वाले देशों की श्रेणी में आएगा जो अविकसित देशों में से एक होगा. ये है सच. एक अन्य खबर भी वायरल हुई है कि भारत बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति, भीख के मामले में दुनिया भर के देशों में सबसे टॉप पर है !! लिंक- http://www.nationaldastak.com/news-view/view/prostitution-begging-and-forced-labor-india-top-in-the-world-/
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सभी सरकारों का नारा रहा है- गरीबी मिटाओ भाई गरीबी मिटाओ, अर्थात गरीबों को मरने दो भाई मरने दो !! सभी खाद्यान्नों के दाम बढ़ाओ !! सब्सिडी तथा राशन वाले अनाजों में कचड़े घास-फूस मिलाकर और वो भी जो माप-तौल सरकारों द्वारा निर्धारित है, उससे काफी कम अर्थात कई जगहों पे दस की जगह पांच किलो ही अनाज जनता में खाद्यान्न सुरक्षा के नाम में बांटों !!
कालाबाजारी पर कोई अंकुश नहीं, कोई जांच पड़ताल नहीं, सभी घूस खाने वाले !!
डीपोपुलेशन के अजेंडे में विकसित देशों का साथ जो देना है, तो कालाबाजारी, करने वालों की जांच क्यों होगी भला?
क्या सब जांच करने वाले, दण्डित करने वाले, अन्य सम्बंधित अधिकारी को केवल घूस पे अधिकार है. अपने कर्मो पे नहीं?.
विकसित देशों की नजरों में यूनाइटेड नेशंस के नेताओं की रिपोर्ट में भारत की छवि को चमकाने के लिए यहाँ के गिरे हुए नेता गरीबी की परिभाषा तक बदल डालते हैं !!

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हम मोदी सरकार को कोसने नहीं जा रहे, मेरे पोस्ट का मतलब ये नहीं है कोई मोदी सरकार अच्छी है या बुरी है, कुछ  मामलों में ये सरकार सोनिया-गांधी माम्न्मोहन सिंह की कांग्रेस सरकार से अच्छी है, लेकिन जो न्याय क़ानून द्वारा हासिल हो सकता है, वो कोई नेता की भक्ति से हासिल नहीं होने वाला, जनता को क़ानून-सुधार प्रक्रिया पर ध्यानकेन्द्रित करना चाहिए, क्योंकि मोदी सरकार के जाने के बाद और मोदी सरकार के समय में भी कोई ज्यादा अच्छा नहीं होने वाला, की यहाँ मुद्रास्फीति नेगेटिव होकर इसका मूल्य बढ़ने वाला होगा?
जिससे महंगाई कम हो?
अतः सभी को क़ानून-सुधार की तरफ ध्यान देना ही होगा, ना की नेता-पितर भक्ति की तरफ !
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विकसित देशों की नजरों में यूनाइटेड नेशंस के नेताओं की रिपोर्ट में भारत की छवि को चमकाने के लिए यहाँ के गिरे हुए नेता गरीबी की परिभाषा तक बदल डालते हैं !!
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सभी सरकारों ने गरीबी दूर करने के लिए वर्ल्ड बैंक से कर्जे तो हर बार लिए ही हैं, लेकिन ऍफ़ डी आई से जितनी भी कम्पनीज यहाँ आयीं, जिससे डॉलर रीपर्टएशन से विदेशी मुद्रा भण्डार में पुनः गिरावट हुई, जिसकी भरपाई के लिए सरकारों द्वारा दुबारा वर्ल्ड बैंक एवं दुसरे देशों से कर्ज ली गयी, इसने महंगाई बढाने में साथ दिया, फलतः लोग अपना पेट भरने के लिए कुकर्म पे उतर आये, जैसे की थाईलैंड ! वैसे ही ग्रीस और जिम्बाब्वे भी इसलिए दिवालिया देश बन गए क्योंकि वहां की सरकारों में वर्ल्ड बैंक, IMF, एवं अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के कहने से अपने देशों की नीतियाँ बनायीं थी, जो विकसित देशों के फायदे के लिए थीं, उनके अपने देश के लिए नहीं. जिस देश की अर्थव्यवस्था, सैन्य व्यवस्था, हथियार निर्माण ही अन्य देशों पर निर्भर हों, उस देश का धर्म भी कभी सुरक्षित नहीं रहता !!

जब देश के ऊपर कर्ज बढ़ता है तो महंगाई भी बढती है, इससे लोगों को यहाँ सामाजिक न्याय कभी नहीं मिलता, लोग समाज के नाम पे पीड़ितों को बेसहारा छोड़ देते हैं जिससे पीड़ित वेश्यावृत्ति जैसे धंधे में उतर जाते हैं.
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अगर यहाँ सामाजिक न्याय या कोर्ट में न्याय ही नहीं मिलता तो इस देश को विकसित तो क्या विकासशील देश कहलाने का भी कोई अधिकार नहीं है.
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अगर आप चाहते हैं की लोगों को समय पर कम खर्च में न्याय मिले तो कृपा एक क़ानून लाने का जनांदोलन चलाना होगा, इसके लिए सडकों पर उतरने की जरूरत नहीं है, आपको केवल एक पोस्टकार्ड को, एक ईमेल को, एक SMS, एक ट्विटर मेसेज को आधार बनाना होगा. 
ये क़ानून जिसमे की अगर जज न्यायिक प्रक्रिया को टालता जाए या सरकारी वकील सुनवाई न करे या कोई भ्रष्टाचार करे तो उनको उनकी naukri से निकालने का अधिकार जनता के पास हो, पब्लिक में सच झूठ उगलवाने के लिए नार्को टेस्ट जैसा क़ानून हो, अगर जज न्याय न दे सके तो उसे naukri से निकालने के साथ साथ जनता के हाथ में न्याय की बागडोर हो, जिसमे सम्बंधित जिले राज्य देश से अचानक से वोटर को चुनकर न्याय प्रक्रिया में ज्यूरी के तौर पर बिठाया जाए जो पीड़ित को सामाजिक न्याय दे सके. जो विकसित देशों में है, जिसके चलते वहां न्याय-प्रक्रिया जल्दी होती है, अधिकतर मामलों में लोगों को न्याय भी मिल जाता है, लेकिन हमारे यहाँ उलट होता है जिसमे अधिकतर लोगों को न्याय नहीं मिल पाता. गबन हुई राशि कभी वापस सरकारी खजाने में जमा नहीं होती, गबन करने वालों को कभी दण्डित नहीं किया जाता. !! ये सब जानबूझकर किया जाता है, जिससे आम जनता शस्त्र उठाने पे मजबूर हो, इस तरह उन्हें अपराधी बनाया जा सके, तभी तो मंत्री अपना अफसरशाही दिखा पायेंगे, जो पहले से ही भ्रष्ट हैं उनके ऊपर अफसरशाही दिखाने का कोई साहस कर सकता है क्या यहाँ? 
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अगर अधिकतर जनों को न्याय न मिले तो मुख्यमंत्री को ही बदल डालना चाहिए, जिससे अन्य मंत्रियों के भी मन में ये दर रहे की अगर पब्लिक का बुरा हुआ तो किसी को मंत्री इत्यादि बनने का अधिकार नहीं, किसी को सांसद, विधायक बनने का अधिकार नहीं. कोई भी बन जाए तो जनता को क्या फर्क पड़ेगा, उसकी दिनचर्या यहाँ के भ्रष्ट व्यवस्था में ही पिसने की है, तो कोई बने सांसद, विधायक, मंत्री, प्रधानमन्त्री, जनता को क्या मिलेगा? न्याय मिलेगा क्या? 
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मुद्रा-बाजार में लोन में कमी के लिए भारत सरकारों को यहाँ स्वदेशी कम्पनीज को आगे ले जाने के लिए साथ देना होगा, लेकिन जितनी सुविधायें विदेशी एवं मारीशस सिंगापुर रूट से आने वाली कंपनियां उठाती है, उसकी तुलना में नगण्य सुविधा हमारे उद्योगों को मिलती है, मेड इन इण्डिया के नाम पे विदेशी कंपनियां ही हमारे यहाँ आके सामान उत्पादन करके उनका निर्यात करतीं हैं, उनको होने वाला लाभ वो अपने देश ले जाती है, हमारे यहाँ उन्हें टैक्स नगण्य देना होता है, लेकिन सुविधायें तो हमारी ही सर्कार उनको देती हैं!
विश्व बैंक के अधिकारी, आई एम् ऍफ़ एवं यूनाइटेड नातिओंस के अधिकारी इस लिए मोदी सरकार की प्रशंशा करते हैं क्योंकि ये सरकार अब तक की सभी सरकारों की तुलना में अधिक विदेशी कंपनियों को अपने यहाँ लायी, जिससे पुनः विदेशी मुद्रा भण्डार में आई गिरावट के लिए यह देश विश्व बैंक से कर्ज ले, उस राशि के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय छवि चमकाने के लिए अन्य गरीब देशों को कर्ज दे !! इस दुनिया में कोई भी अधिकारी तब तक अपने छोटे अधिकारी की प्रशसा नहीं करता जब तक की उस कथित बड़े अधिकारी का अपना कोई लाभ ना हो, ये बात भगत लोगों को यहाँ की अन्य जनता को समझ में नहीं आ रही. 
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जब उन कर्जों के चलते भारत दिवालिया घोषित होगा, शायद तब भी भगतों को सोयी जनता को शायद ज्ञान ना हो !! 
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पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/812341812217390
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राइट-टू-रिकॉल जिला प्रधान जज के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/826540930797478
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राईट टू रिकाल जिला पुलिस प्रमुख के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/867725646679006
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राईट टू रिकॉल सांसद के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/860633484054889

राईट टू रिकॉल मंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/853974814720756
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. राईट टू रिकॉल प्रधानमंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/837611029690468

राइट-टू-रिकॉल विधायक के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/813343768783861
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राईट टू रिकॉल मुख्यमंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/811071415677763

ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809746209143617
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पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809753852476186
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पारदर्शी शिकायत सिस्टम जिसमे जनता अपनी शिकायत के एफिडेविट को कलेक्टर के कार्यालय जाकर कुछ मूल्य देकर प्रधानमन्त्री के वेबसाइट पर रखवा सके, इसमें साक्ष्य भी रखे जा सकते हैं, जिसे बिना लॉग इन किये भारत के सभी नागरिक देख सकें, जिससे साक्षों को गुमराह करना कठिन हो जाएगा.
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भारत में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/809740312477540
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मॉरिशस रुट और सेज (SEZ) को दी जा रही कर राहतो की समाप्ति के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/811674415617463
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मॉरिशस रुट और सेज (SEZ) को दी जा रही कर राहतो की समाप्ति के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
www.facebook.com/pawan.jury/posts/811674415617463
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इसलिए सब कोअपने नेताओं / मंत्रियों/ /विधायकों/ प्रधानमत्री / राष्ट्रपति को ईमेल/ ट्विटर/sms / पोस्टकार्ड इत्यादि संचार माध्यमों द्वारा आप आदेश भेजें, यह आदेश पूर्णतया सांविधानिक है क्योकि भारत एक संप्रभु व जनतंत्र देश है. 
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भारत में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन के लिए प्रस्तावित क़ानून ड्राफ्टhttps://www.facebook.com/pawan.jury/posts/809740312477540
आप अपना आदेश इस प्रकार भेजें- (उदाहरण के लिए यहाँ दर्शाया गया है) 
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"माननीय सांसद/विधायक/राष्ट्रपति/प्रधामंत्री महोदय, मैं अपने सांविधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आपको राईट टू रिकॉल सांसद के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
https://web.facebook.com/pawan.jury/posts/860633484054889 क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर भारत में लाये जाने का आदेश देता /देती हूँ. वोटर-संख्या- xyz धन्यवाद " 
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जय हिन्द. 

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