श्रीमती इंदिरागांधी सरकार बनाम मोदी सरकार :-

सामने से वार करने वाला दुश्मन, विश्वाश्घाती दोस्त से अधिक बढ़िया होता है. जिस समाज के पढ़े लिखे लोग अपने ही समाज के प्रति उत्तरदायी और चिंतित न हो उस समाज का सत्यानाश करने के लिए शत्रुओ की आवश्यकता नही पडती.
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अब तक के इतिहास में अगर इमरजेंसी का निर्णय छोड़ दिया जाये तो अकेले इन्दिरा गांधी ही एक ऐसी राष्ट्रीय राजनेता हुई हैं जिनके मन में गरीबों के प्रति पीड़ा थी। हालांकि कांग्रेस का बड़ा तबका उनकी इस शख्सियत का विरोधी था। याद करिए वह इन्दिरा जी ही थीं जिन्होंने राजाओं-नव्वाबों की चली आ रही बपौती को समाप्त किया। एक झटके में उन्होंने प्रीवीपर्स बिल लाकर राजाओं के विशेषाधिकार छीन लिए। जो उन्हें ब्रिटिश सत्ता की दलाली के एवज में मिले थे।

इसके पहले उन्होंने किरायेदारी एक्ट में संशोधन किया था जिसके चलते ही गांव से भागकर आया गरीब और वंचित तबका शहर में सम्मानजनक जीवन जी सका।


1967 में इन्दिरा गांधी ने किरायेदारी अधिनियम में संशोधन किया था जिसके कारण किसी किरायेदार को अकारण न तो मकान से निकाला जा सकता था न हर साल किराया बढ़ाया जा सकता था और डीएम को अधिकार दिया कि वह मकान का न्यूनतम व अधिकतम किराया निर्धारित करे।


इन्दिरा गांधी ने बैंको का राष्ट्रीयकरण कर उन लोगों को भी कर्ज मुहैया करवाया जिनके पास रेहन रखने को कुछ नहीं था।
शहरी गरीबों के लिए आवास और भोजन का इंतजाम उन्होंने ही किया था।


पूर्वी व पश्चिमी पाकिस्तान को अलग कर भारत को उत्तरी व दक्षिणी भारत में डिवाइड होने से बचाया.


इंदिरा गांधी ने दुश्मन देश को विभाजित कर एक नया देश बांग्लादेश बनाया जबकि मोदी ने भारत की भूमि हिन्दू-मुस्लिम के आधार पे बँटकर भारt की मुस्लिम-बहुल भूमि बांग्लादेश को दे दी, साथ ही उधर से हिन्दू बहुल कुछ गाँव जिनकी संख्या बांग्लादेश को दिए गए मुस्लिम-बहुल-भूखंड से काफी कम है, अर्थात भारत की भूमि मुस्लिमों को बसाने के लिए बांग्लादेशियों को दे दी, कल मोदी यह भीकह सकते हैंकि हैदराबाद में मुस्लिम बहुल भूमि पाकिस्तान को, कश्मीर पाकिस्तान को, दे दी जाए, खालिस्तान अलग राष्ट्र बना दिया जाये.
खैर...


मोदी सरकार को देखिए अब आप रेल में चल नहीं सकते।
रेल भाड़ा बिना बजट के ही बढ़ाए जा रहे हैं।
प्रीमियम ट्रेन के नाम पर लूट, तत्काल आरक्षण के नाम पर लूट और बच्चों की आधी टिकट भी छीन ली। सुविधा एक नहीं।
किसी स्टेशन के टॉयलेट्स में जाकर देख लीजिए आपको वहां पर पेशाब तक करने की इच्छा नहीं होगी।
भोजन के नाम पर लूट और गाडिय़ों में आरक्षण के बावजूद सीट की गारंटी नहीं।
बैंक बिना रेहन रखे कर्ज नहीं देते और किरायेदार के सारे अधिकार छीन लिए गए हैं।
हो सकता है कल को पुराने रजवाड़ों के सारे अधिकार भी बहाल कर दिए जाएं।


सभी हिंदूवादी, बीजेपी वालों ने सोशल मीडिया में ये बहुत बड़ा झूठ फैला कर रखा हैकि भारत-भूखंड पे कोई महान व्यक्तित्व जन्म लेगा जो स्वामी विवेकानंद के नाम का होगा अर्थात नरेंद्र; एवं समस्त भारत व पृथ्वी से अत्याचार को ख़त्मकर धर्म का साम्राज्य स्थापित करेगा, और ये सब भ्रम एक विदेशी भविष्यवक्ता के मुंह से सोशल मीडिया में कहलवाया जा रहा है, जबकि उस भविष्यवक्ता की किताब में तथा अन्य साइट्स पे ऐसी कोई भी बात उसके मुंहसे कभी नहीं कही गयी. साथ ही इन भविष्यवानियों पे विश्वास करना भारतवासियों का तो दैनिक कर्तव्य है, भारतवासी भविष्यवक्ताओं को कर्म-वादियों से भी ऊपर रखते हैं. बिचारे, इसलिए अन्याय की चक्की में पिसते आ रहे हैं, वे यह समझ ही नहीं सकते कि इस दुनिया में कुछ भी अच्छा सिस्टम कर्म किये जाने का परिणाम है. खैर...अच्छे दिनों का वेट कीजिये.

जो लोग इस सरकार से अच्छे दिन की आस लगाए बैठे हों उनको बता दूं कि यह सरकार जिन दलालों और सामंतशाहों व बक्कालों की है उनके अच्छे दिन तो आ ही गए हैं और इसी सरकार का एक और घृणित रूप है आप सरकार जो और बेशरमी के साथ अपने गरीब विरोधी एजंडे को लागू कर रही है।
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हालाँकि स्वर्गीय श्री राजीव गाँधी के बाद कांग्रेस का जो रूप है, वो उसने openly जगजाहिर किया है, जबकि मोदी सरकार का जो रवैया है, वो क्षद्म दुश्मन का रवैया है, जो कि हिंदुत्व व सेफ्रोंन रंग की आड़ लेकर कांग्रेस से कहीं अधिक विदेशी कंपनिया भारत में मात्र डेढ़ साल मेंलेके आई, साथ ही मोदी सरकार ने बैंकों को भी प्राइवेट हाथ में देने का प्लान बनाया है, यहाँ तक कि बीमा क्षेत्र में भी इसने fdi लगा दी जिसमे किसी प्रकार की टेक्नोलॉजी की आवश्यकता ही नहीं है.
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मोदी सरकार का क्षद्म देश घाती सिस्टम कांग्रेस के ओपन देश-घाती सिस्टम से ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि जो सामने से वार करते हैं उनसे मुकाबला तो हर हाल में किया जा सकता है, लेकिन जो विस्वास में लेकर विश्वासघात किया करते हैं, उनसे भी छल द्वारा ही जीता जाना धर्म है. हालाँकि ऐसे विश्वाश्घाती सरकारों पर कभी विश्वाश नहीं करना चाहिए
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अब आप समझ गए होंगे कि व्यवस्था परिवर्तन से ही किसी देश को बिगाड़ा व सुधार किया जा सकता है.
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दोनों सरकारों में एक बात सामान है कि इन दोनों ने ही राईट टू रिकॉल जैसे कानूनों (www.righttorecall.info) का विरोध किया

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