निर्भया को अंतिम न्याय

अटल बिहारी वाजपायी ने जुवेनाइल का उम्र 16 से बढाकर 18 किया था 1999 में, औरअब मोदी ने निर्भय केस में नाबालिग और बालिग़ का निर्णय लेने का अधिकार नाबालिग बोर्ड को देकर हम भारतीय नारियों को यही सन्देश दिया है कि जो लोग शादीशुदा एवं बच्चेदार नहीं हैं, उनको हम स्त्रियों को कभी वोट नहीं देना चाहिए, ऐसे हिजड़ों को प्रधानमन्त्री तो क्या पार्लिअमेंट में बैठने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि जो लोग कि खुद कि बेटियाँ नहीं, जिनका कोई परिवार नहीं, साथ में रहने वाली पत्नी नहीं, जिनका अपनी पत्नी व बेटी के लिए कोई उत्तरदायित्व नहीं, वे क्या किसी अन्य व्यक्ति की बेटी या स्त्री के दुःख का क्या पता कभी लगा सकते हैं? परिवारहीन नेताओं का समाज से जुडाव कैसा?
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क्या स्त्री-शरीर से खलेने वाला भी नाबालिग हो सकता है? और क्या शरीर की वृद्धि हो जाने से कोई बालिग़ हो जाता है?
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मोदी के निर्णय से यही सन्देश भारतीय जन-मानस में गया है कि -
स्त्री कोई जीव नहीं है, उसे सम्मानपूर्वक जिंदगी जीने का कोई अधिकार नहीं है, वो एक जंतु भी नहीं है, मात्र कोई सब्जी-भाजी है, जिसको पुरुषों द्वारा जितना खाया जाए, उस पुरुष को समाज और मंत्रिगन उतना ही सम्मान देंगे, साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी उस स्त्री-खोर के लिए सदा ही तत्पर रहेगी.
स्त्रियों को अपमानित करने से आपको मोदी एवं कजरी सरकार सम्मान देगी, आप जितना अधिक स्त्री को अपमानित करें, आप सम्मानित समझे जायेंगे, आपकी इस राक्षस समाज में बहुत इज्जत होगी.
लेकिन वे शायद ये भूल गए की उन्होंने भी एक स्त्री के ही गर्भ से जन्म लिया है और एक स्त्री ने ही अपनी स्स्त्रीत्व व ममता की छाँव में उनको बड़ा किया.
लेकिन इन नेता रुपी राक्षसों ने स्त्रियों के अपमान को भी अपने वोट बैंक के लिए भुनाना ही उचित समझा.
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एक समय तो आयेगा,ही और उस समय को आना ही होगा जब एक साधारण सी स्त्री और उससे प्रेरित समस्त स्त्री-जाति ही इन हिजड़े आदमखोर नेताओं का भारत से सफाया हिटलर के ही जैसी चुन चुन के करेगी.
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इस भारत के स्त्रीखोर व आदमखोर नेताओं का सफाया होने का वक्त आना ही है.
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जो लोग मोदी और बीजेपी का सम्मान हिंदूवादी होने के चलते किया करते हैं, उन ताम भगतों को अब क्यों नहीं मोदी और बीजेपी का अहिन्दुवादी चेहरा दिखाई नही दे रहा?
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क्या मोदी ने अपराधियों व बलात्कारियों चाहे वो नाबालिग ही यों न हो, को खुला छोड़कर हिंदूवादी होने का प्रमाण दे दिया है?
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क्या केवल हिंदुत्व का भगवा झंडा लगा लेने से वो हिंदुत्व का सन्देश देने वाला हो जाता है, या उसके करम से सारे देश में जो सन्देश गया है, उसका हिंदुत्व से कोई सम्बन्ध नहीं है ?
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किसी सफ़ल लड़की के प्रति आपका नजरिया कम गंदा नहीं होता, खासकर हिन्दू व मुसलमान लोगों का, क्योंकि इसाईयत तो स्त्रियों कि शक्ति पश्चिम में देख ही चुके है. वैसे आजके समय में हिन्दुओं व मुसलमानों की मानसिकता में कोई अधिक फर्क नहीं है क्योंकि हिन्दू भी मुसलमानों की बहती नदी में हाथ धो लेना चाहते है, क्योंकि मुसलमानों के ही चलते आजके समय में अपराधियों के लिए जो लचीलापन आया है उसमे हिन्दू क्यों लाभ लेने से पीछे रहे?
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सफल इंटेलीजेंट लड़की कि उसकी सफलता के पीछे उसकी मेहनत कम, उसका शरीर ज्यादा देखने वालो... कामकाजी औरत में 'अवसर' देखने वालो...कलीग के प्रति दुर्भाव्ना रखने वालो आप कम बीमार नहीं हो' गलत का विरोध करने वाली लड़की या ......
आपकी वैचारिक विरोधी कोई भी औरत को चुप कराने के लिये क्या आप तमाम दाँव-पेंच नहीं खेलते ??? चे आप हिन्दू ही क्यों न हों ?
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क्या ये मानसिक-बीमारी नहीं ???
कहना तो यही चाहती हूँ लड़की होना 'मर्द' की नजर में ''रेप का मैटेरियल'' होना है' बस मौके-अवसर की बात है ...
रेप तो आप बात-बात में करते हैं! ज्योति सिंह ( निर्भया ) का रेप करने वाले अफरोज को नबालिग सिद्ध कर दिया गया, इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे ज्योति के माँ बाप को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया. बहुत कुछ कहना चाह रही हूँ ... लेकिन कुछ नहीं है अब कहने को, मेरे शब्द ख़त्म हो गये
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माँ - बहन की गालियाँ 'जुबानी-रेप' हैं !
कोई शक ?
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ऐसा नहीं लगता कि रेप तो मौके की बात है' वरना चूकते तो आप भी नहीं...याद ना हो, तो याद करिये औरतो को लेकर बनाये गये आपके घटिया जोक्स और तस्वीरों से भरेे आपके स्मार्ट फ़ोन, आपकी जुबान, आपकी गालियाँं, आपकी नजरो से आप कम रेप नहीं करते ?? अकेली लड़की देखी नहीं की आपका बीमार मन कूद कर बाहर आ गया....
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इसलिये अफ़सोस है' अफ़रोज का छूट जाना गलत है ...लेकिन, समाज की जंग लगी मानसिकता कम भयानक नहीं' जरूरत इसी बात की है व्यक्तियों के बीमार मन में मौजूद(अफ़रोज, रामसिंह आदि) को भी मारा जाये वरना रेप तो आप बात-बात में करते रहते हैं' यकीन नहीं, तो अपनी गालियों पर गौर कीजियेगा.
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हिंदूवादी जवाब दें.
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पार्थ याद रख कलयुग मै तुझे एक और युद्ध लड़ना पडेगा और उस युद्ध मै एक तरफ़ तू होगा और दूसरी तरफ़ सेकडों सेकुलर होंगे. वहाँ तेरे सारथी होंगे जनता जनार्दन.

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