WTO के मकङजाल में फंसा ग्रीस एवं भारत की विश्व-व्यापारिक स्थिति व भविष्य

WTO के मकङजाल में फंसा ग्रीस एवं भारत की विश्व-व्यापारिक स्थिति की तुलना:
ग्रीस पर आज के दिन लगभग 17 लाख करोङ रूपये का कर्ज है जो IMF/Europian Union के बैंको का है और अब उनके पास कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं, आज उन्हें IMF को 11000 करोङ रूपये की किस्त देनी थी जो वो चुका नही पाए।
WTO कि शर्तों के अनुसार ग्रीस सरकार को जनता पर किए जाने वाले खर्चों को धिरे-2 कम करते हुए खत्म करना है व देश के दरवाजे पुरी तरह विदेशियों को व्यापार करने के लिए खोलना है जिससे कर्ज बङा और ये हरामखोर न्युज वाले बता रहे हैं कि ये कर्ज की समस्या ज्यादा खर्च करने से हुई है पर ये नही बताएंगे कि इस समस्या की जङ WTO की सर्तों को मानने के कारण हुई है।
भारत: उपरोक्त समस्या के लक्षण भारत में दिखने लगे हैं हमारा कर्ज लगभग 65 लाख करोङ है और अब हम ब्याज देने के लिए भी कर्ज लेने लगे हैं। ऍफ़ डी आई का प्रतिशत बढ़ने के साथ ही यह कर्ज भविष्य में और भी बढेगा.
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समाधान सिर्फ 1 ही है कि WTO Agreement से बाहर निकला जाए क्योंकि WTO की शर्तें एक तरह से हमारे सिर पर लटकती गुलामी की तलवार है। इसके साथ ही निर्यात बढाने के लिए और स्वदेशी उद्योगों के विकास एवं विदेशी कंपनियों के बराबर अवसर देने के लिए स्वदेशी उद्योगों के लिए लागू होने वाले टैक्स, जमीन-खरीद-फरोख्त, मॉरिशस एवं सिंगापुर के रास्ते आने वाले व्यापारों के ऊपर रोक लगाना है
अगर हमारे देश में 1994 में TCP(Transparent Complain Procedure)/ पार्दर्शिता शिकायत प्रणाली होता तो हम WTO Agreement पर साईन करने से बच जाते। यह प्रणाली पारदर्शी जनतांत्रिक व्यवस्था को लागू करती है. इसके साथ ही, बिना अच्छे कानूनों के ये नेता हमें यूंही बर्बाद करते रहेंगे और देश जल्दी ही गुलाम हो जाएगा।
SMS का नमूना :
....
सांसद महोदय, मैं आपको आदेश करता हूँ कि इस लिंक में
दर्ज कानूनी ड्राफ्ट को गेजेट में प्रकाशित किया
जाए tinyurl.com/TeenLineKanoon
मतदाता संख्या : #####
.....
Hon MP, I order you to print the law draft mentioned in
tinyurl.com/PrintTcp
Voter ID : ######

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