मुकदमे से ध्यान हटाने के लिए डेरा प्रमुख पर फर्जी आरोप लगाए जा रहे है
राम रहीम जी संत नहीं है , वे विलासी है, ऐश्वर्य प्रिय है, उनके पास गुफाएं है, उनके डेरे में स्वीमिंग पूल है, उन्होंने आलिशान महल बना रखा है, उनके पास दो बाज और 5 तीतर है, उनके पास ढेर सारी जमीन है, वे फिल्मे बनाते है, नाचते-गाते है, क्रिकेट खेलते है, कारोबार करते है , रंग बिरंगे कपड़े पहनते है आदि आदि जैसे बकवास आरोपों को पेड मीडिया द्वारा बार बार इसीलिए दोहराया जा रहा है ताकि बलात्कार के मूल मुकदमे पर चर्चा को टाला जा सके।
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यदि इन फर्जी आरोपों पर बहस नहीं चलाई गयी तो जनता का ध्यान बलात्कार के मुकदमे से जुड़े तथ्यों पर चला जाएगा। और तब जनता को यह मालूम होगा कि "सिर्फ बयान" को आधार बनाकर ही राम रहीम जी को दोषी ठहरा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की एक रूलिंग ने जज को यह तय करने का अधिकार दे दिया था कि वह यदि चाहे तो पीड़िता के बयान को सच मान सकता है !! और जज को इस बात में "सुविधा" थी कि लड़की के बयान को सच मान लिया जाए !! इस तथ्य को चर्चा से बाहर करने के लिए मीडिया ने ऊपर दिए गए फर्जी आरोपों का पलेथन लगा दिया।
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और सुबह शाम अनाज खाने के बावजूद कई लोग इन आरोपों को दोहरा रहे है। उन्हें इस बात पर सोचने का अवकाश ही नहीं है कि गुफाएं, स्वीमिंग पूल, महल आदि बनाना और फिल्मो में अभिनय करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता।
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समाधान -- हरियाणा के मतदाता सूचियों में से 500 नागरिको की ज्यूरी बुलाकर इस मुकदमे की सुनवाई की जाए। यदि ज्यूरी उन्हें दोषी पाती है तो उन्हें सजा मिले, अन्यथा उन्हें रिहा किया जाए।
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यदि इन फर्जी आरोपों पर बहस नहीं चलाई गयी तो जनता का ध्यान बलात्कार के मुकदमे से जुड़े तथ्यों पर चला जाएगा। और तब जनता को यह मालूम होगा कि "सिर्फ बयान" को आधार बनाकर ही राम रहीम जी को दोषी ठहरा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की एक रूलिंग ने जज को यह तय करने का अधिकार दे दिया था कि वह यदि चाहे तो पीड़िता के बयान को सच मान सकता है !! और जज को इस बात में "सुविधा" थी कि लड़की के बयान को सच मान लिया जाए !! इस तथ्य को चर्चा से बाहर करने के लिए मीडिया ने ऊपर दिए गए फर्जी आरोपों का पलेथन लगा दिया।
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और सुबह शाम अनाज खाने के बावजूद कई लोग इन आरोपों को दोहरा रहे है। उन्हें इस बात पर सोचने का अवकाश ही नहीं है कि गुफाएं, स्वीमिंग पूल, महल आदि बनाना और फिल्मो में अभिनय करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता।
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समाधान -- हरियाणा के मतदाता सूचियों में से 500 नागरिको की ज्यूरी बुलाकर इस मुकदमे की सुनवाई की जाए। यदि ज्यूरी उन्हें दोषी पाती है तो उन्हें सजा मिले, अन्यथा उन्हें रिहा किया जाए।
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.