राष्ट्र हित में कड़े फैसले
"राष्ट्र हित में कड़े फैसले"
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मोदी जी संघ कार्यकर्तायों की अनुमति से हमारी खनिज खदाने निजी क्षेत्र को बेच रहे है -- चूंकि देशी इकाइयों के गहरे घाटे में होने के कारण इन्हें खरीदने की हालत में नहीं है, अत: ज्यादातर खरीददार विदेशी होंगे।
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http://economictimes.indiatimes.com/…/articles…/60765191.cms
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सोनिया-केजरीवाल और उनके अंधभगतो ने इसका समर्थन किया है |
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मोदी जी और संघ के अंधभक्तों के मुताबिक़ जीएसटी से अर्थव्यवस्था मजबूत हुयी है और इससे सरकार की आमदनी भी बढ़ गयी है, तो फिर सरकार हमारे खनिज संसाधन किस वजह से बेच रही है ?
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सच्चाई यह है कि अर्थव्यवस्था की हालत लगातार बद से बदतर होती जा रही है। मुद्रा स्फीति के अनुपात में सरकारी कर्मचारियों की बढ़ती वेतन और अन्य खर्चो का बोझ सरकार पर बढ़ गया है और इसकी पूर्ती के लिए अब वे हमारे खनिज बेच रहे है।
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समाधान--
१. पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली : यह कानून नागरिकों को एक मंच. देता है जिसमें नागरिक अपना प्रस्ताव / शिकायत / सुझाव सरकार के समक्ष रख सकते हैं | व अन्य नागरिक अपनी सहमति – असहमति भी दर्ज करा सकते हैं |
पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :fb.com/notes/1475756632517321
हमें खदानों की नीलामी में विदेशी कंपनियों और नागरिकों को शामिल नहीं करना चाहिए |
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२. खनिजों से होने वाली आमदनी और सरकारी भू-खंडो के किराया का 66% नागरिकों के बैंक खातें में जमा होना चाहिए और शेष 34% सेना के सुधार में जाना चाहिए | खनिज रॉयल्टी सीधे नागरिकों के खाते में भेजे जाने के लिए प्रस्तावित कानून (DDMRCM) का ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475763712516613
४. खनिजों की खुदाई, बिक्री और शोधन के क्षेत्र में कार्य कर रही सभी सरकारी कंपनियों के प्रमुखों पर राईट टू रिकॉल और इनमें काम करने करमचारियों पर नागरिको की जूरी द्वारा सुनवाई और निर्णय
कोयला मंत्री आदि पर राईट टू रिकॉल
राईट टू रिकॉल मंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476084522484532
५. पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली का डेमो :www.smstoneta.com
६. सम्पूर्ण रूप से भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाली कम्पनियों (WOIC) के लिए कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475758839183767
७. राईट टू रिकॉल सांसद के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1475749302518054
८. पब्लिक में नार्कोटेस्ट – बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :fb.com/notes/1476079982484986
🚩 सांसद व विधायक के नंबर एवं संपर्क डिटेल यहाँ से लेंhttp://nocorruption.in/
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अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून लागू करवाने के लिए उन पर जनतांत्रिक दबाव डालिए, इस तरह से उन्हें मोबाइल सन्देश या ट्विटर आदेश भेजकर कि:-
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” माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि राईट टू रिकॉल मंत्री के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476084522484532
को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से इस क़ानून को लागू किया जाए, नहीं तो हम आपको वोट नहीं देंगे.
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz ”
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इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.
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🚩राईट टू रिकॉल, ज्यूरी प्रणाली, वेल्थ टैक्स जैसेे क़ानून आने चाहिए जिसके लिए, जनता को ही अपना अधिकार उन भ्रष्ट लोगों से छीनना होगा, और उन पर यह दबाव बनाना होगा कि इनके ड्राफ्ट को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दें, अन्यथा आप उन्हें वोट नहीं देंगे.
अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/1479571808802470/
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यदि धर्म और अधर्म के मध्य युद्ध हो तो तीर्थयात्रा का तीर्थस्थान 1 ही बचता है, वो केवल और केवल रणभूमि होती है, न कि कोई हिमालय !!
धर्म की मर्यादा शून्य में नहीं उगती, वो अधर्म के शव के ऊपर उगती है.
पराजय मृत्यु से अधिक महत्त्वपूर्ण है.
औपचारिकताएं सज्जनों के लिए निभानी चाहिए. दुष्टों के लिए नहीं.
जय हिन्द. वन्दे मातरम्
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कानूनों से फर्क पङता है. किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है जानना हो तो पता लगाओ की उस देश की न्याय प्रणाली कैसी है. देश में आर्थिक सामाजिक विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी न हो.
राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक-क्षमता में, अगर कोई देश अन्य देशों पर निर्भर रहता है तो उस देश का धर्म, न्याय, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, अनुसंधान व जनता तथा प्राकृतिक संसाधन कुछ भी सुरक्षित नहीं रह जाता.
वही राष्ट्र सेक्युलर होता है, जो अन्य देशों पर हर हाल में निर्भर हो.