बच्चों को स्कूल में न भेजकर घर में शिक्षित करना चाहिए.

गुरुग्राम में 7 साल के प्रद्युम्न के मर्डर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. हत्या के बाद स्कूल के ही बस कंडक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे इस मर्डर का आरोपी बता दिया. लेकिन क्या जो सामने दिख रहा है वही सच है. बच्चे के पैरेंट्स भी बस कंडक्टर की गिरफ्तारी पर सवाल उठा रहे हैं. बच्चे के पिता का कहना है कि उनका बेटा तो उस बस कंडक्टर को जानता तक नहीं था.
इस केस में कई सवाल सामने आ रहे हैं, जिनका जवाब आना बाकी है. हम बात कर रहे हैं इस केस से जुड़े उन पांच सवालों की जिनके जवाब अबतक 
अधूरे हैं.
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सवाल 1
प्रद्युम्न के पिता का कहना है कि उन्होंने सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर अपने बेटे को स्कूल छोड़ा और 8.10 मिनट पर उनके पास स्कूल के रिसेप्शन से फोन आया कि आपका बेटा घायल हो गया है. सवाल ये है कि आखिर महज 15 मिनट में कैसे बच्चे की इतनी बेरहमी से हत्या कर दी गई. स्कूल में सुबह का वक्त ऐसा होता है जब बच्चों और टीचरों की भीड़ रहती है, ऐसे वक्त पर ये कैसे संभव है कि बस का कंडक्टर स्कूल के वॉशरुम के अंदर जाकर एक बच्चे का मर्डर कर देता है और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगती.
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सवाल 2
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्कूल के ज्यादातर सीसीटीवी कैमरे खराब थे. आखिर एक साथ कैसे इतने सारे कैमरे खराब हो सकते हैं. ये बात समझ नहीं आती, क्या इसके पीछे भी किसी की साजिश हो सकती है?
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सवाल 3
स्कूल के कंडक्टर के पास इतना धारदार चाकू कहां से आया, कैसे वो आराम से चाकू लेकर स्कूल के वॉशरुम के अंदर चला गया. बच्चों का वॉशरुम आखिर कोई कंडक्टर कैसे इस्तेमाल कर सकता है. क्या इसके पीछे स्कूल की लापरवाही नहीं है कि बच्चों के वॉशरुम में इस तरह से बस कंडक्टर आ-जा सकता है.
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सवाल 4
एक बड़ा सवाल ये भी है कि बच्चे का मर्डर स्कूल कैंपस में हुआ है, तो आखिर स्कूल प्रशासन से पुलिस ने पूछताछ क्यों नहीं की. आरोपी कंडक्टर अशोक के घरवाले स्कूल पर ही साजिश आरोप लगा रहे हैं. आरोपी के पिता और बहन को यहां तक कह रहे हैं कि उसे धमकी देकर ये गुनाह अपने सिर पर लेने के लिए दबाव डाला गया है.
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सवाल 5
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंडक्टर अशोक ही प्रद्युम्न को टॉयलेट से बाहर लेकर आया था और स्कूल के स्टाफ के साथ वो ही उसे अस्पताल लेकर गया था. सवाल ये है कि अगर अशोक ने ही मर्डर किया था, तो उसे तुरंत भीड़ का फायदा उठाकर वहां से भाग जाना चाहिए था, लेकिन आखिर वो इतनी देर तक क्यों वहां मौजूद रहा.
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इन तमाम अनसुलझे सवालों के जवाब आना अभी बाकी है, फिलहाल हरियाणा पुलिस अपनी जांच कर रही है. हालांकि बच्चे के घरवालों ने सीबीआई जांच की मांग की है.
एक मासूम बच्चे की हत्या से देश के लाखों-करोड़ों पैरेंट्स को चिंता में डाल दिया है. जो अपने बच्चों को बेहतर भविष्य बनाने के स्कूल भेजते हैं. प्राइवेट स्कूलों की मोटी फीस मां-बाप किसी तरह अपना पेट काटकर बच्चों को स्कूल भेजते हैं और स्कूल की लापरवाही से इस तरह मासूम बच्चों की हत्या हो जाती है.
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🚩 एक स्कूल में 5 साल की बच्ची का बलात्कार होता है। बलात्कारी उसी स्कूल का सिक्योरिटी गार्ड है। एक दूसरे स्कूल के टॉयलेट में 7 साल के बच्चे का गला रेता जाता है और उसके क्लासमेट्स से खून के धब्बे साफ़ करवाये जाते हैं। उसी स्कूल के दूसरे ब्रांच में 1 साल पहले एक बच्चा टंकी में डूबकर मर जाता है। स्कूल, जो पेरेंट्स और बच्चों की बुद्धिमता से लेकर स्टेटस तक जांचने में अपना सबकुछ खपा देते हैं, अपने हिस्से की सावधानी को सिरे से नकार देते हैं। मेरा भाई जब छोटा था, मैं उससे इसी ख़ौफ़ में हर रोज़ सवाल करती थी। वो 16 साल का है फिर भी उतनी ही फ़िक्र लगी रहती है। अंदाज़ा लगाएं उन पेरेंट्स का हाल जो सुबह नहलाकर, यूनिफॉर्म पहनाकर और नोंक-झोंक करके बच्चों के मुंह में 1-1 निवाला डालते हैं। और उन्हें दोपहर के इंतज़ार के बाद बेटा नहीं मिलता, ख़बर मिलती है।
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🚩 आइये निकलें, विरोध दर्ज कराने को। निकलें, स्कूल-माफ़ियाओं को घेरने को। निकलें, समाधान ढूंढने को। निकलें, कि कहीं हम मर तो नहीं गए! निकलें, ताकि ज़िंदा रहे बचपन!
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🚩🚩 समाधान:
स्कूल प्रशासन, जिला शिक्षा अधिकारी के साथ उस राज्य के सभी मंत्रियों, मुख्य-मंत्रियों तक का सार्वजनिक नार्को टेस्ट लिया जाना चाहिए, साथ ही, सर्वजनिक नार्को टेस्ट में उगले हुए सबूतों गवाहों की जांच होकर उन सबकी सजा नागरिकों द्वारा तय किये जाने के लिए ज्यूरी मंडल का गठन किया जाना चाहिए, कोई अधिकारी भ्रष्टाचार न करे, इसके लिए सभी पदों पर राईट-टू-रिकॉल की मांग की जानी चाहिए, जिससे उनके पद जाने के डर के कारण इमानदारी पूर्वक काम कर सके.
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(1) ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
fb.com/notes/1475753109184340
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(2) पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट :fb.com/notes/1476079982484986
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(3) जनता की आवाज - पारदर्शी शिकायत प्रणाली' -- टीसीपी : fb.com/notes/1475751599184491
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सांसद व विधायक के नंबर एवं संपर्क डिटेल यहाँ से लें http://nocorruption.in/
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🚩 अपने सांसदों/विधायकों को उपरोक्त क़ानून को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून लागू करवाने के लिए उन पर जनतांत्रिक दबाव डालिए, इस तरह से उन्हें मोबाइल सन्देश या ट्विटर आदेश भेजकर कि:-
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" माननीय सांसद/विधायक महोदय, मैं आपको अपना एक जनतांत्रिक आदेश देता हूँ कि भारत में ज्यूरी सिस्टम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
fb.com/notes/1475753109184340
और पब्लिक में नार्कोटेस्ट - बलात्कार , हत्या , भ्रष्टाचार , गौ हत्या आदि के लिए नारको टेस्ट का कानूनी ड्राफ्ट : fb.com/notes/1476079982484986 को राष्ट्रीय गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से इस क़ानून को लागू किया जाए, नहीं तो हम आपको वोट नहीं देंगे.
धन्यवाद,
मतदाता संख्या- xyz "
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इसी तरह से अन्य कानूनी-प्रक्रिया के ड्राफ्ट की डिमांड रखें. यकीन रखे, सरकारों को झुकना ही होगा.
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🚩🚩राईट टू रिकॉल, ज्यूरी प्रणाली, वेल्थ टैक्स जैसेे क़ानून आने चाहिए जिसके लिए, जनता को ही अपना अधिकार उन भ्रष्ट लोगों से छीनना होगा, और उन पर यह दबाव बनाना होगा कि इनके ड्राफ्ट को गजेट में प्रकाशित कर तत्काल प्रभाव से क़ानून का रूप दें, अन्यथा आप उन्हें वोट नहीं देंगे.
अन्य कानूनी ड्राफ्ट की जानकारी के लिए देखें fb.com/notes/1479571808802470/
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जय हिन्द. वन्दे मातरम्

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