यूक्रेन सङ्कट — ८

यूक्रेन सङ्कट — ८


झेलेन्स्की का जन्म क्रिवोई रोग (Kryvyy Rih) में २५ जन⋅ १९७८ ई⋅ को अपराह्न २ बजे हुआ था । जन्मकाल में कुछ पलों की त्रुटि सम्भव है । सूर्य,शुक्र,मङ्गल,बृहस्पति और केतु अशुभ हैं । कुण्डली में सर्वाधिक प्रबल ग्रह चन्द्रमा हैं जिनकी महादशा १४ जुलाई २०१६ को आरम्भ हुई । चन्द्रमा के पश्चात सबसे शुभ ग्रह राहु और शनि हैं । पराक्रमेश चन्द्र महादशा में जब राजकारक दशमेश राहु की अन्तर्दशा आयी तो राष्ट्रपति बने,जिसमें उक्राइना के धन्नासेठ ने सहायता की क्योंकि चन्द्रमा धनेश भी हैं । किन्तु धनभाव में नीच मङ्गल हैं,नीच कर्म से धन!

तृतीय भाव में चन्द्रमा अशुभ होते हैं । अतः प्रबल होने के कारण गद्दी तो मिली किन्तु फल अशुभ है। चन्द्र महादशा में दूसरे अच्छे ग्रह हैं शनि जिनकी अन्तर्दशा में चार दिनों की चाँदनी नैटो ने दिलायी । परन्तु १२ मार्च २०२२ ई⋅ को शनि अन्तर्दशा समाप्त हो रही है । शनि चन्द्रमा के एकमात्र मित्र हैं । तत्पश्चात बुध की अन्तर्दशा आरम्भ होगी । बुध भी राजयोगकारक हैं और स्थान−परिवर्तन योग के कारण लग्न पर बृहस्पति के अशुभ प्रभाव को काटकर पूर्ण प्रभाव रखते हैं । किन्तु चन्द्रमा जो फल शनि अन्तर्दशा में दे रहे हैं वैसा बुध अन्तर्दशा में नहीं दे सकेंगे,फल में कुछ कमी आयेगी । २७ जुलाई २०२३ ई⋅ तक बुध भी इस नौटंकीबाज का नाटक कराते रहेंगे । पञ्चमेश बुध के कारण नौटंकी स्वभाव में ही है ।

सर्वतोभद्र में रूस पर छ वेध हैं जिनमें अशुभ वेध अधिक हैुं । उक्राइना पर तीन वेध हैं जिनमें दो तिहाई अशुभ हैं । अमरीका पर बृहस्पति एवं केतु का अत्यधिक अशुभ तथा शनि का शुभ परन्तु निर्बल वेध है,अतः अमरीका भी नौटंकी ही करेगा,वास्तविक सहायता नहीं । जिन दो गणराज्यों की मान्यता को लेकर रूस का आक्रमण हुआ उनपर भी बहुत से और अत्यन्त अशुभ वेध हैं — अतः वहाँ नरसंहार रोकने में झेलेन्स्की की रुचि नहीं । आज भी सरकारी सेना वहाँ नरसंहार कर रही है ।

२५ जन⋅ से आरम्भ हुए वर्षफल में चन्द्रमा अत्यधिक अशुभ हैं और प्रबल अशुभ केतु के साथ हैं । शनि राजयोगकारक भी हैं तथा षष्ठेश भी जिस कारण रूस से लोहा ले रहे हैं । किन्तु शनि की अन्तर्दशा समाप्त होते ही बुध मिश्रित फल देगा ।

कारकांश कुण्डली में चन्द्रमा मृत्युभाव में प्रबल है,जमकर मारकाट कराने का योग है । वहीं द्वादशेश मङ्गल भी है जो राजयोग है,मङ्गल पञ्चमेश भी है जो नाटकबाजी का कारक है । शनि धन एवं पराक्रम का कारक है,अतः शनि अन्तर्दशा में रूस से लड़ने के नाम पर बहुत धन मिलने का योग है । शनि राक्षस नवांश में हैं । बुध की अन्तर्दशा आरम्भ होते ही राक्षसी स्वभाव पर अङ्कुश लगेगा ।

कहने को नैटो में बहुत से देश हैं किन्तु रूस से लड़ने की क्षमता अमरीका के सिवा किसी के पास नहीं । द्वितीय विश्वयुद्ध की विभीषिका देखने वाला यूरोप कोई भी बड़ा युद्ध लड़ना नहीं चाहता । अमरीका भी दूर से गोले मारने में बहादुर है,सम्मुख युद्ध में अमरीका तभी बहादुरी दिखा सकता है जब सामने रेड इण्डियन जैसे तीर−भाले वाले बिचारे हों,वरना अमरीका पर कोरिया वियतनाम और अफगान भी भारी है । अमरीका को रूस से लड़ने के लिए झेलेन्स्की जैसा शिखण्डी चाहिए । यह बात झेलेन्स्की नहीं समझेगा क्योंकि उसकी पृष्ठभूमि और संस्कार धनवान को ही बलवान मानने की सीख देते हैं । उसकी पत्नी भी उलटी सलाह देती है ।

असली राक्षस बाइडेन है — उसकी कुण्डली में नौ ग्रहों और लग्न मिलाकर कुल दस में से सात राक्षस नवांश में हैं!बाइडेन की कुण्डली जो बनाना चाहें उनके लिये आँकड़े संलग्न हैं । पुतिन के दस में पाँच “देव नवांश” तथा तीन राक्षस नवांश में है । किन्तु अमरीका के पास धन है जिसके बल पर राक्षस ही स्वयं को देवता बता रहा है

पुतिन की कुण्डली बनाना चाहें तो जन्मस्थान सेण्ट पीटर्सबर्ग ५९:५५उ⋅ ३०:१८पू⋅ एवं समय ७ अक्टू⋅ १९५२ ई⋅ साढ़े नौ बजे ग्रीनविच से तीन घण्टा पूर्व टाइमजोन है । शुक्र का पञ्च−महापुरुष योग है जिसकी युति के कारण अभी बुध की महादशा में भी २०३८ ई⋅ तक राजयोग है । बुध में धननाश का योग तो है किन्तु पञ्च−महापुरुष की युति सहित धर्म का योग है,सूर्य का अशुभ फल बुध में है । पुतिन पर अनेक खतरे हैं ।

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