भारतीय मिडिया से बेहतर सवाल तो पाकिस्तानी मिडिया उठा रहा है.

भारतीय मिडिया से बेहतर सवाल तो पाकिस्तानी मिडिया उठा रहा है.

अभी कुछ ही दिनों पहले की तो बात है ! अपने पड़ोसी मुल्क की जश्ने आजादी का दिन था! लाहौर से आयी एक विडियो क्लिप पूरी दुनियाँ के मीडिया हाउसेज में तैर रही थी!
नहीं कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी! बस यही कोई सौ दो सौ अशरफ-उल- मख्लूक लोग एक अकेली लाचार लड़की को अपने हाथों से फुटबॉल की तरह हवा में उछाल रहे थे! जगह जगह से उसके कपड़े फाड़े जा रहे थे! जिसने जहाँ पाया उसके उसी अंग को बेरहमी से मसला ! 
वो रो रही थी ,चिल्ला रही थी ,चीख रही थी! खुदा का वास्ता देकर लोगो से मिन्नतें भी कर रही थी! मगर किसी को उस पर रहम नहीं आया! ये तो शुक्र रहा कि बात मिडिया तक पहुँच गयी और समय पर पुलिस ने आकर उसे बचा लिया! बताते चले कि  वो लड़की उनके अपने ही समूह की थी! 
आखिर यह कैसी इंसानियत है भाई? इसे ही अगर तहजीब कहते हैं तो .............यह बहुत दुखद है!
वहीं एक दुसरी घटना भारत में घटित होती है!  बिल्कुल हिन्दी फ़िल्मों की तरह बकायदा एक लिखी लिखाई स्क्रिप्ट पर केवल ऐक्टिंग करना था!
 नायिका अकेली स्कूटी से स्कूल परिसर में प्रवेश करती है! कैमरे का पूरा फोकस उसी पर होता है! वो स्कूटी पार्क करती है! फिर डायरेक्टर के बताये रोल को प्ले करती है!
 इस सब के दौरान कैमरे का रुख उसी की ओर रहता है! कुछ लोग दूर से  शोर करते हैं और वो अपना डायलॉग बोलती है! 
जो वायरल किया जाता है और वो कुछ ही पलों में सेलिब्रिटी बन जाती है! 
अगले ही दिन उसे शेरनी के खिताब से नवाजा जाता है!और उसके अगले ही दिन उसे उसके बेस्ट परफॉरमेंस के लिए पुरस्कार भी मिल जाता है! 
हालांकि यह सब घटना क्रम एक नाटकीय मंचन जैसा ही लगता है! और हर समझदार व्यक्ति इसे बखूबी समझ रहा है! हां उसे शेरनी तो तब कहा जाता अगर वो ऐसा ही कुछ किसी मजहबी मुल्क में करके सुरक्षित बच जाती! हालांकि
उसे  भी यह बात बखूबी पता थी कि सनातनी इतने सभ्य होते हैं कि किसी भी स्थिति में  वे किसी महिला पर हाथ नहीं उठाते! यह तो कुछ भी नहीं था अगर उसने वहाँ खड़े लड़कों पर हाथ भी उठा दिया होता,
तो भी हमें उस संस्कृति की परवरिश पर इतना भरोसा है कि वो फिर भी सही सलामत ही रहती! 
यह सब मैं नहीं कह रहा यह सब पाकिस्तानी मीडिया के एंकर कह रहे हैं! 
पहनों भाई आप खूब  हिजाब पहनों हमें क्या?  हम होते भी कौन हैं किसी के नीजी मामलों में हस्तक्षेप करने वाले! हां मगर फिर ये सहअस्तित्व की सोच को जड़ से मिटा दो ! 
सोचनीय तो यह है कि जिस विषय को पाकिस्तानी मीडिया मजाक बना रहा है!
उसी पर  हमारे यहाँ कोर्ट माथापच्ची कर रहा है! 
✍..अरुण मिश्र

Comments

Popular posts from this blog

चक्रवर्ती योग :--

जोधाबाई के काल्पनिक होने का पारसी प्रमाण:

क्या द्रौपदी ने सच में दुर्योधन का अपमान किया था? क्या उसने उसे अन्धपुत्र इत्यादि कहा था? क्या है सच ?

पृथ्वीराज चौहान के बारे में जो पता है, वो सब कुछ सच का उल्टा है .

ब्राह्मण का पतन और उत्थान

वैदिक परम्परा में मांसभक्षण का वर्णन विदेशियों-विधर्मियों द्वारा जोड़ा गया है. इसका प्रमाण क्या है?

द्वापर युग में महिलाएं सेनापति तक का दायित्त्व सभाल सकती थीं. जिसकी कल्पना करना आज करोड़ों प्रश्न उत्पन्न करता है. .

ऋग्वेद के पुरुष सूक्त में पुरुष का अर्थ

चिड़िया क्यूँ मरने दी जा रहीं हैं?

महारानी पद्मावती की ऐतिहासिकता के प्रमाण