भद्रा पर सम्पूर्ण व्याख्या
भद्रा पर सम्पूर्ण व्याख्या 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ धन्या दधमुखी भद्रा महामारी खरानना। कालारात्रिर्महारुद्रा विष्टिश्च कुल पुत्रिका। भैरवी च महाकाली असुराणां क्षयन्करी। द्वादश्चैव तु नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्। न च व्याधिर्भवैत तस्य रोगी रोगात्प्रमुच्यते। गृह्यः सर्वेनुकूला: स्यर्नु च विघ्रादि जायते। देवदानवसंग्राम आख्यान 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ पूर्वकाल में जब देवताओ और असुरो का युद्घ हुआ तो देवगण हारने लगे तब शिवजी को क्रोध आ गया शिवजी की आँखे एकदम सुर्ख लाल हो गयी, दसों दिशाएं कांपने लगी इसी समय शिवजी की दृष्टि उनके हृदय पर पड़ी और उसी समय एक गधी के सामान गरदन सिंह के समान सात हाथो से व तीन पैरों से युक्त कौड़ी के समान नेत्र पतला शरीर कफन जैसे वस्त्रो को धारण किये हुए धुम्रवर्ण की कान्ति से युक्त विशाल शरीर धारण किये हुए एक कन्या की उतपत्ति हुई जिसका नाम "भद्रा" था। देवताओ की तरफ से असुरो से युद्घ करते हुए असुरो का विनाश कर डाला देवताओ की विजय हुई,तब देवगण प्रसन्न होकर उसके कानो के पास जाकर कहा 👉 दैत्यघ्नी मुदितै: सुरैस्तु करणं ...